देहरादूनः उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं है कि वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैं? त्रिवेंद्र सिंह रावत का शासन काल खत्म हो गया है और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी हैं. जी हां, नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम में त्रिवेंद्र रावत के संदेश की बुकलेट बांटी गई. जब मामले में तूल पकड़ा तो स्वास्थ्य प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार ने आनन फानन में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
दरअसल, देहरादून नगर निगम के टाउन हॉल में आज 37वें नेत्रदान पखवाड़ा का शुभारंभ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने किया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों से जुड़ी एक बुकलेट वितरित की गई, लेकिन हैरानी की बात ये रही कि इस बुकलेट के पहले पृष्ठ में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की फोटो के साथ एक संदेश जारी किया गया. इस बुकलेट में मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड में लिंगानुपात (Sex Ratio in Uttarakhand) पर चिंता भी व्यक्त की है. साथ ही लिंगानुपात के अंतर को कम करने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की है.
स्वास्थ्य विभाग में ढाई साल में कोई काम नहीं हुआः स्वास्थ्य विभाग के इस बुकलेट को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग की हालत किसी से छिपी नहीं है और अधिकारी कितने गंभीर हैं. यह 37वें नेत्रदान पखवाड़े के शुभारंभ मौके पर पता चल गया है. इसमें त्रिवेंद्र रावत के नाम से जो पत्रक बांटे गए हैं, वो लापरवाही का एक छोटा सी नमूना है. क्योंकि, अधिकारियों के अनुसार आंकड़े वही हैं. इसका मतलब ढाई साल पहले जो चीजें हुई थी, वो आज भी वैसी की वैसी पड़ी हुई हैं. इसका मतलब ढाई साल में कोई कार्य नहीं हुआ है.
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लापरवाही पर कारण बताओ नोटिस जारीः देहरादून नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित नेत्रदान पखवाड़ा (Eye Donation fortnight in Dehradun) में पुरानी जन जागरुकता सामग्री वितरित कराए जाने पर बड़ी कार्रवाई हुई है. स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार ने एनएचएम निदेशक सरोज नैथानी (NHM Director Saroj Naithani), एनएचएम आईईसी टीम लीडर ज्योति और एनएचएम नेत्र विशेषज्ञ डॉ अर्चना को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice Issued against officials) दिया है.
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार (R Rajesh Kumar) ने कहा कि किसी जागरूकता सामग्री का वितरण किए जाने से पहले विभागीय सचिव का अनुमोदन प्राप्त किया जाना आवश्यक था. सामग्री वितरण से पूर्व विभागीय सचिव का पूर्वानुमोदन क्यों प्राप्त नहीं किया गया? इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं.