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डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान, लोगों को बताए रोकथाम के उपाय

डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य महकमा एक्शन मोड में आ गया है. इसी क्रम में रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के गुप्ता के नेतृत्व में डेंगू प्रभावित क्षेत्र रायपुर में सघन जागरुकता अभियान चलाया गया.

डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान
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Published : Aug 5, 2019, 9:38 AM IST

देहरादून: रायपुर क्षेत्र में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरुकता अभियान में लगा हुआ है. रविवार को देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के गुप्ता सहित जिला मलेरिया अधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. साथ ही वहां के निवासियों को डेंगू के प्रति जागरुक रहने की अपील की. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सघन अभियान चलाते हुए चोक नालियों को खुलवाया.

डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान.

दरअसल, डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य महकमा एक्शन मोड में आ गया है. इसी क्रम में रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के गुप्ता के नेतृत्व में डेंगू प्रभावित क्षेत्र रायपुर में सघन जागरुकता अभियान चलाया गया. इस दौरान महकमे ने स्थानीय निवासियों के घरों और आसपास से सटे आवासों में जमा पानी पर नाराजगी जताई.

रायपुर से सटे क्षेत्रों के वाणी विहार, लाडपुर, चूना भट्टा और करणपुर आदि क्षेत्रों में माइक द्वारा डेंगू बुखार की जानकारी दी गई. साथ ही प्रचार- प्रसार के माध्यम से डेंगू के प्रति बचाव के उपाय बताए गए. देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सभी आशा कार्यकत्रियों को घर-घर जाकर लोगों को डेंगू की रोकथाम को लेकर पंपलेट्स वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं. डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. इसके अलावा स्कूल हेल्थ टीम द्वारा सभी स्कूलों में संपर्क स्थापित करके स्कूली बच्चों की मॉनिटरिंग की जा रही है.

ये भी पढ़ें: प्रेमी युगल ने की शादी, कोतवाली में भिडे़ घरवाले, तनाव

डेंगू के लक्षण

  • अचानक तेज सिर दर्द और बुखार का होना.
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना.
  • आंखों के पीछे दर्द होना.
  • जी मिचलाना और उल्टी होना.
  • गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों में खून आना.
  • डेंगू के प्रति सावधानी कुछ इस प्रकार है.

ये भी पढ़ें: नंदा गौरा कन्याधन योजना में कटौती के विरोध में उतरी कांग्रेस, सरकार को दी चेतावनी

डेंगू से बचाव

  • डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है. इसलिए कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के बर्तनों को खुला न छोड़ें.
  • फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, डिस्पोजेबल बर्तन और गिलास, वेस्ट टायर भी डेंगू फैलाने का मुख्य कारक हैं.
  • डेंगू मच्छर अमूमन दिन के समय काटता है, ऐसे में बदन में कपड़े पूरी तरह से ढक कर रखें.
  • डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या कोई वैक्सीन निर्मित नहीं हुई है.
  • डेंगू से पीड़ित प्रत्येक रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
  • डेंगू बुखार अमूमन बरसात के मौसम में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक सक्रिय रहता है.

देहरादून: रायपुर क्षेत्र में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरुकता अभियान में लगा हुआ है. रविवार को देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के गुप्ता सहित जिला मलेरिया अधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. साथ ही वहां के निवासियों को डेंगू के प्रति जागरुक रहने की अपील की. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सघन अभियान चलाते हुए चोक नालियों को खुलवाया.

डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान.

दरअसल, डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य महकमा एक्शन मोड में आ गया है. इसी क्रम में रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के गुप्ता के नेतृत्व में डेंगू प्रभावित क्षेत्र रायपुर में सघन जागरुकता अभियान चलाया गया. इस दौरान महकमे ने स्थानीय निवासियों के घरों और आसपास से सटे आवासों में जमा पानी पर नाराजगी जताई.

रायपुर से सटे क्षेत्रों के वाणी विहार, लाडपुर, चूना भट्टा और करणपुर आदि क्षेत्रों में माइक द्वारा डेंगू बुखार की जानकारी दी गई. साथ ही प्रचार- प्रसार के माध्यम से डेंगू के प्रति बचाव के उपाय बताए गए. देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सभी आशा कार्यकत्रियों को घर-घर जाकर लोगों को डेंगू की रोकथाम को लेकर पंपलेट्स वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं. डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. इसके अलावा स्कूल हेल्थ टीम द्वारा सभी स्कूलों में संपर्क स्थापित करके स्कूली बच्चों की मॉनिटरिंग की जा रही है.

ये भी पढ़ें: प्रेमी युगल ने की शादी, कोतवाली में भिडे़ घरवाले, तनाव

डेंगू के लक्षण

  • अचानक तेज सिर दर्द और बुखार का होना.
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना.
  • आंखों के पीछे दर्द होना.
  • जी मिचलाना और उल्टी होना.
  • गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों में खून आना.
  • डेंगू के प्रति सावधानी कुछ इस प्रकार है.

ये भी पढ़ें: नंदा गौरा कन्याधन योजना में कटौती के विरोध में उतरी कांग्रेस, सरकार को दी चेतावनी

डेंगू से बचाव

  • डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है. इसलिए कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के बर्तनों को खुला न छोड़ें.
  • फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, डिस्पोजेबल बर्तन और गिलास, वेस्ट टायर भी डेंगू फैलाने का मुख्य कारक हैं.
  • डेंगू मच्छर अमूमन दिन के समय काटता है, ऐसे में बदन में कपड़े पूरी तरह से ढक कर रखें.
  • डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या कोई वैक्सीन निर्मित नहीं हुई है.
  • डेंगू से पीड़ित प्रत्येक रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
  • डेंगू बुखार अमूमन बरसात के मौसम में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक सक्रिय रहता है.
Intro: रायपुर क्षेत्र में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान चलाने में लगा हुआ है।रविवार को देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के गुप्ता सहित ज़िला वेक्टर मलेरिया अधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र का सघन दौरा किया और वहां के निवासियों को डेंगू के प्रति जागरूक रहने की अपील की। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सघन अभियान चलाते हुए चोक नालियों को खुलवाया और वहां के लोगों को हाईजीन अपनाने की सलाह दी।


Body: दरअसल डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य महकमा एक्शन मोड में आ गया है इसी क्रम में रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के गुप्ता के नेतृत्व में डेंगू प्रभावित क्षेत्र रायपुर में सघन जागरूकता अभियान चलाया गया।इस दौरान महकमे ने वहाँ के निवासियों को घरों व आसपास से सटे आवासों मे जमा हुए पानी पर नारजगी व्यक्त की और विभागीय कर्मचारीयों की मदद से तुरंत जमा हुए पानी की निकासी करवाई। इस दौरान रायपुर से सटे क्षेत्रों के वाणी विहार,लाडपुर, चूना भट्टा और करणपुर आदि क्षेत्रों में माइक द्वारा डेंगू बुखार के प्रति जानकारी प्रदान की गई, इसके साथ ही प्रचार प्रसार के माध्यम से डेंगू के प्रति बचाव के उपाय बताए गए। देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक सभी आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जनसामान्य को ड़ेंगू की रोकथाम को लेकर पंपलेटस वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक सभी आशा कार्यकत्रियां घर-घर जाकर मलेरिया और ड़ेंगू से बचने की जानकारी देने के साथ साथ बुखार के रोगियों को नजदीक के सरकारी अस्पताल में संपर्क करने के लिए प्रेरित कर रही है, जिसके बाद डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। इसके अलावा स्कूल हेल्थ टीम द्वारा सभी स्कूलों में संपर्क स्थापित करके स्कूली बच्चों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

बाईट-डॉ एन एस. खत्री,डिप्टी मेडिकल सुप्रिडेन्डेन्ट, दून मेडिकल कॉलेज।



Conclusion: डेंगू के लक्षण इस प्रकार हैं-
-अचानक तेज़ सिर दर्द और बुखार का होना।
- मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।
- आंखों के पीछे दर्द होना जो की आंखों को घुमाने से बढ़ता है।
- जी मिचलाना और उल्टी होना।
- गंभीर मामलों में नाक, मुंह,मसूड़ों मे खून आना या फिर त्वचा में चकत्ते उभरना।

डेंगू के प्रति सावधानी इस प्रकार है-
-डेंगू मादा एडीज इजिप्टाई मच्छर के काटने से होता है।
- डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है कहीं आसपास पानी तो जमा नहीं है? जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के बर्तनों व पानी की टंकिया इत्यादि को खुला ना छोड़ें।
- फ्रिज की ट्रे,फूलदान, नारियल का खोल, डिस्पोजेबल बर्तन और गिलास,वेस्ट टायर भी डेंगू फैलाने का मुख्य कारक हैं।
- डेंगू मच्छर अमूमन दिन के समय काटता है ऐसे में बदन में कपड़े पूरी तरह से ढक कर रखें।
- डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या कोई वैक्सीन निर्मित नहीं हुई है। बुखार उतारने के लिए पेरासिटामोल ली जा सकती है। एस्प्रीन या इबुप्रोफेन स्वयं ना लें इसके लिए चिकित्सकों का परामर्श अनिवार्य है।
- डेंगू से पीड़ित प्रत्येक रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- डेंगू बुखार अमूमन बरसात के मौसम में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक सक्रिय रहता है।
- बाजार में बिकने वाले फैंसी प्लास्टिक गमलों से परहेज करें क्योंकि इसके नीचे छेद नहीं होता है, यह भी डेंगू को बढ़ाने में अहम योगदान रखता है।
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