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शुक्रवार को हरीश रावत का मौन उपवास, चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग - उत्तराखंड न्यूज

उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद चारधाम यात्रा पर रोक लगा रखी है. वहीं चारधाम के तीर्थ पुरोहित और कुछ राजनीतिक दल सरकार से चारधाम यात्रा को खोलने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में कल हरीश रावत सरकार के खिलाफ एक घंटे का सांकेतिक मौन उपवास रखेंगे.

Harish Rawat
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Published : Sep 9, 2021, 9:52 PM IST

देहरादून: विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश में आर्थिकी की रीढ़ कहे जाने वाली विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा खोले जाने के पक्ष में उतर आए हैं. इसी कड़ी में चारधाम यात्रा शुरू किए जाने की मांग को लेकर कल (9 सितंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत अपने आवास में एक घंटे का सांकेतिक मौन उपवास रखने जा रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह सरकार की विफलता ही कही जा सकती है कि सरकार ने चारधाम यात्रा खोले जाने को लेकर हथियार डाल दिए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में जब सब कुछ खुल गया है तो फिर चारधाम यात्रा क्यों न खोली जाए? हालांकि उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की भी चेतावनी है, मगर जिंदगी का क्रम भी चलते रहना चाहिए. ऐसे में सरकार कुछ सावधानियां बरतकर चारधाम यात्रा को आरंभ कर सकती है.

पढ़ें- CM धामी ने किए मां नैना देवी के दर्शन, नए भू-कानून और चारधाम यात्रा पर ये कहा

उन्होंने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा है, वहां के यात्रियों को स्क्रीनिंग कर लिया जाए, क्योंकि आजकल सब कुछ संभव है. इसके अलावा सरकार को जो अन्य उपाय करने हैं, इन उपायों को भी करना चाहिए, लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि सब चीजें खोल दो और यात्रा बंद रखो.

चारधाम यात्रा खोले जाने को लेकर कल सांकेतिक मौन उपवास रखने जा रहे हरीश रावत का कहना है कि पूरा सीजन यदि चला गया तो फिर पूरे एक साल तक तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिए समाप्त हो जाएगा, और इससे यात्रा पर निर्भर रहने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा. सरकार को यह समझना चाहिए कि यह जनता की मांग है.

देहरादून: विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश में आर्थिकी की रीढ़ कहे जाने वाली विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा खोले जाने के पक्ष में उतर आए हैं. इसी कड़ी में चारधाम यात्रा शुरू किए जाने की मांग को लेकर कल (9 सितंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत अपने आवास में एक घंटे का सांकेतिक मौन उपवास रखने जा रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह सरकार की विफलता ही कही जा सकती है कि सरकार ने चारधाम यात्रा खोले जाने को लेकर हथियार डाल दिए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में जब सब कुछ खुल गया है तो फिर चारधाम यात्रा क्यों न खोली जाए? हालांकि उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की भी चेतावनी है, मगर जिंदगी का क्रम भी चलते रहना चाहिए. ऐसे में सरकार कुछ सावधानियां बरतकर चारधाम यात्रा को आरंभ कर सकती है.

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उन्होंने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा है, वहां के यात्रियों को स्क्रीनिंग कर लिया जाए, क्योंकि आजकल सब कुछ संभव है. इसके अलावा सरकार को जो अन्य उपाय करने हैं, इन उपायों को भी करना चाहिए, लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि सब चीजें खोल दो और यात्रा बंद रखो.

चारधाम यात्रा खोले जाने को लेकर कल सांकेतिक मौन उपवास रखने जा रहे हरीश रावत का कहना है कि पूरा सीजन यदि चला गया तो फिर पूरे एक साल तक तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिए समाप्त हो जाएगा, और इससे यात्रा पर निर्भर रहने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा. सरकार को यह समझना चाहिए कि यह जनता की मांग है.

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