देहरादूनः उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अभी से तैयारियों में जुट गई हैं. इसके साथ ही आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गया है और नेतागण जनता को रिझाने में भी जुट गए हैं. इसी कड़ी में पूर्व सीएम हरीश रावत केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हैं. गुरुवार को उन्होंने बढ़ती महंगाई को लेकर अपने आवास पर मौन उपवास रखा तो शुक्रवार को लक्सर शुगर मिल के सामने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर मौन उपवास रखने का ऐलान किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने अपने आवास में मौन उपवास रखा. इस दौरान उन्होंने बढ़ती महंगाई का जिक्र करते हुए कहा कि मेरा यह मौन व्रत उन तमाम लोगों को समर्पित है, जो महंगाई से त्रस्त हैं. महंगाई की वजह से लोग अपने परिवार का सही प्रकार से पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि महंगाई ने उनकी खरीददारी की शक्ति को छीन लिया है. उन्होंने कहा कि खाद्य तेल, रसोई गैस, सब्जियां हर चीज महंगी होती जा रही है. ऐसे में लोग कैसे उन्मुक्त भाव से खुशी-खुशी दीपावली का त्योहार मनाएंगे. उन्होंने कहा कि मां उन सब लोगों को इतना सामर्थ्य दे और उन्हें धन संपदा दे कि उनके जीवन में खुशियां आ सके.
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शिवालय में चढ़ाएंगे जल, लक्सर शुगर मिल के सामने रखेंगे मौन उपवासः एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर आ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस जन शिवालयों में जलाभिषेक और भजन कीर्तन करने जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कांग्रेसियों के साथ वेदपाठी ब्राह्मणों के सानिध्य में कनखल चौक से दक्ष मंदिर तक शिव भजन करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे.
हरीश रावत का कहना है कि हमारे सभी शिवालयों में ज्योतिर्लिंग का स्वरूप विद्यमान है और सभी शिवालय केदारालय के स्वरूप हैं. ऐले में वो भगवान केदार के चरणों में एक बार फिर नतमस्तक होकर लोकतंत्र की बहाली और लोकतंत्र की सुरक्षा व जनकल्याण की कामना करेंगे. वहीं, उन्होंने गन्ना किसानों के समस्याओं को उठाते हुए लक्सर शुगर मिल के सामने एक घंटे का मौन उपवास रखने का ऐलान किया है. इस दौरान हरीश रावत गन्ने के खरीद मूल्य घोषित किए जाने की मांग को लेकर अपने मौन व्रत को समाप्त करेंगे.