देहरादूनः राज्य मंत्री रेखा आर्य के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर निशाना साधा है. इन दिनों हरक सिंह रावत कर्मकार बोर्ड को लेकर काफी चर्चाओं में है. वहीं, अब कर्मकार बोर्ड में घोटाले का मामला सामने आने के बाद हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से हरक सिंह रावत पर तंज कसा है. हरदा का कहना है कि कर्मकार बोर्ड में 400 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले ने उन्हें दुखी किया है. वे इस मामले में आगामी 12 नवंबर को अपने आवास पर सांकेतिक धरना देंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने बड़े अरमानों से भवन निर्माण व दूसरे निर्माण कार्यों में कार्यरत कर्मकारों के लिये एक बोर्ड का गठन किया था और सरकार के प्रत्येक प्रोजेक्ट में सेस लगाने का एक अधिकार कानून बनाया, ताकि उस सेस की धनराशि से श्रमिकों के आवास, शौचालय, आने-जाने के लिये साइकिल, उनको टूलबॉक्स, ईलाज के लिये धनराशि और उनकी बेटियों की शादी आदि के लिये धनराशि उपलब्ध करवाया जा सके.
पढ़ेंः कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को 3 महीने जेल की सजा, जानिये क्या है मामला
हरीश रावत ने कहा कि जब वो राज्य का मुख्यमंत्री बनकर आये, तो उन्होंने इस बोर्ड को रिवाइव किया और सेस इकट्ठा करना शुरू किया. पंजीकरण प्रारंभ किया. जिसमें ढाई लाख से ज्यादा लोग पंजीकृत हुए. जगह-जगह गाड़ियां व मोबाइल वैन भेजकर प्रचार के माध्यम से लोगों को पंजीकृत करवाया. साल 2017 में इस बोर्ड के पास ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की धनराशि थी, जो कालांतर में बढ़कर ढाई गुनी हो गई होगी.
लेकिन अब भाजपा के शासनकाल में इस धनराशि में बड़े घोटाले की बात प्रकाश में आयी है. यह मजदूरों और श्रमिकों का पैसा है. उसमें जिस तरह की घोटाले की बात सामने आई है, उससे वे आहत हुए हैं. ऐसे में हरीश रावत ने 12 नवंबर को अपने देहरादून स्थित आवास पर जन जागरण के लिये सांकेतिक उपवास पर बैठने का निर्णय लिया है.