देहरादून: वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को राष्ट्रीय महासचिव के साथ पंजाब का प्रभारी बनाया गया है. जिससे कांग्रेस में हरीश रावत का कद और बढ़ गया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटे हुए हैं. यही वजह है कि पार्टी हाईकमान ने हरीश रावत की जिम्मेदारी बढ़ा दी है. वहीं, बात अग उत्तराखंड की करें तो कांग्रेस हाईकमान ने अनुग्रह नारायण सिंह को प्रदेश प्रभारी पद से हटाकर देवेंद्र यादव को उत्तराखंड की कमान सौंपी है.
माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत और देवेंद्र यादव को पंजाब और उत्तराखंड की जिम्मेदारी देकर 2022 की जीत की रणनीति की मजबूत से तैयारी कर ली है. देवेंद्र यादव के सामने प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ती गुटबाजी को खत्म करना जहां बड़ी चुनौती होगा, वहीं संगठन को मजबूत कर 2022 के विधानसभा चुनाव में फतह करना भी किसी तिलिस्म को तोड़ने से कम नहीं होगा. कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत की बात करें तो चुनौतिया उनके सामने भी कम नहीं है. पंजाब में होने वाले चुनाव में जीत की जिम्मेदारी हरदा के ही कंधों पर होगी.
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हरीश रावत के लिए होगी पहाड़ जैसी चुनौती
हरीश रावत बार-बार हर मंच से उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी के साथ 2022 विधानसभा चुनाव में जीत का दम भर रहे हैं, तो वहीं पंजाब में भी उन्हें कांग्रेस को एकजुट कर न सिर्फ आगे बढ़ाना है बल्कि वहां भी विधानसभा चुनाव में जीत की जंप लगानी है, जो कि उनके लिए आसान नहीं होने वाला है. हालांकि, हरीश रावत सियासी दाव पेंच के माहिर माने जाते हैं. ब्लॉक प्रमुख से लेकर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री तक की जिम्मेदारी निभा चुके हरदा हर सियासी समर को भेदने का माद्दा रखते हैं. उनकी उर्जा और प्रखर व्यक्तित्व उन्हें कहीं से भी नई जिम्मेदारियों के निर्वहन में पीछे नहीं रखता है.
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जन सरोकार से जुड़े मुद्दे को उठाते रहे हैं हरीश रावत
हरीश रावत का कांग्रेस में जितना बड़ा कद है ठीक उसी तरह हरीश रावत का अंदाज भी है. हरदा अपने निराले अंदाज से समय-समय पर सरकार के लिए परेशानी खड़ी करते रहते हैं. वे कभी बैलगाड़ी पर बैठकर विरोध करते हैं तो कभी उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश की जनता को 25 लीटर पीने का पानी और 200 यूनिट बिजली देने का वादा करते हैं. कभी बेरोजगार नौजवान युवाओं को रोजगार देने के मुद्दे पर वे उपवास रखते हैं तो कभी सरकार के खिलाफ घंटी बजाकर अपनी आवाज बुलंद करते हैं. कुछ भी हो हरीश रावत लागातार जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए हमेशा ही एक मजबूत के विपक्ष के तौर पर दिखाई देते हैं. यही वजह है कि हरीश रावत राष्ट्रीय नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
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हरीश रावत ने हाईकमान का किया धन्यवाद
पंजाब का प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद हरीश रावत ने अपनी खुशी का इजहार किया. उन्होंने कहा वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के शुक्रगुजार हैं. हरीश रावत ने बताया कि पंजाब कांग्रेस के साथ मिलकर वहां मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के साथ काम करने का मौका मिल रहा है. जिसकी उन्हें बहुत खुशी है. साथ ही हरीश रावत ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि 2022 में पंजाब और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आएगी.
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व्यक्तियों के चेहरे बदले हैं पार्टी वही है
वहीं, हरीश रावत ने बताया कांग्रेस में सिर्फ व्यक्तियों के चेहरे बदले हैं बाकी पार्टी वही है. हालांकि, जो अभी तक कांग्रेस के काम करने का तरीका था उसमें थोड़ा बदलाव जरूर देखने को मिलेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि देवेंद्र यादव पार्टी का युवा चेहरा हैं. उनका उत्तराखंड में प्रभारी बन कर आना प्रदेश के लिए एक सौभाग्य की बात है. साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण का प्रभार बदलने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी को उन पर भरोसा नहीं है. बल्कि इसका मतलब यह है कि वह जिस काम को कर रहे हैं, उसकी जगह किसी और को काम पर लगा दिया गया है.
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बेरोजगारी पर हरीश का उपवास
प्रदेश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार राज्य सरकार पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में जहां पर देश भर में तमाम कांग्रेसी नेताओं ने बेरोजगारी के मामले को लेकर प्रदर्शन किया तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद अपने आवास पर सांकेतिक उपवास किया. उन्होंने बताया कि देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर राहुल गांधी ने पहले ही आवाज उठाई थी. जिसके बाद खुद हरीश रावत ने प्रदेश के भीतर बेरोजगारी के मामले को लेकर हल्ला बोला था. लिहाजा, अब अन्य विपक्षी दल भी बेरोजगारी को लेकर लामबंद हैं.
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हरीश रावत ने कहा पंजाब में काम करने के लिए बहुत कुछ है. पंजाब की पावन मिट्टी पर काम करने को हरीश रावत खुद को सौभाग्यशाली मान रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि तमाम जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के बाद हरीश रावत यहां किस तरह से अपनी पारी को आगे बढ़ाते हैं.