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चोरी कर रहे चोर से कौन बचाए? तीरथ के बयान पर हरीश रावत ने ली चुटकी - Tirath Singh Rawat statement

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान पर हरीश रावत ने भाजपा पर चुटकी ली है. हरीश रावत ने कहा कि तीरथ का बयान आम आदमी का दर्द बयां करता है. हरीश रावत ने कहा कि यहां तो चौकीदार ही चोर-चोर चिल्ला रहा है. तो फिर चोरी कर रहे चोर से कौन बचाएगा.

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Published : Nov 14, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 4:32 PM IST

देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीरथ सिंह रावत के बयान को दर्द बताया है. हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि तीरथ सिंह रावत ने सभी का दर्द बयां किया है. इससे असहमत होने का कोई प्रश्न ही नहीं है. उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी इस दर्द से पीड़ित है, लेकिन वह किसकी तरफ देखे.

हरीश रावत ने बगैर नाम लिए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यहां तो चौकीदार ही चोर-चोर चिल्ला रहा है. तो फिर चोरी कर रहे चोर से कौन बचाएगा. उन्होंने कहा कि यहां तो सरकार के लोग ही भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं. तो फिर आम आदमी को भ्रष्टाचार से कौन बचाएगा.

तीरथ के बयान पर हरीश रावत ने ली चुटकी.
ये भी पढ़ेंः अजय भट्ट ने दी खुशखबरी, जमरानी बांध परियोजना पर जल्द लगेगी वित्त मंत्रालय की आखिरी मुहर

हरीश रावत ने कहा कि सरकार कोई भी रही हो. भाजपा सरकार को भ्रष्टाचारी को खोजना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा 6 सालों से आखिर क्या कर रही है. हरीश रावत ने कहना है कि अभी भी सरकार के पास साढ़े चार साल का वक्त बचा है. ऐसे में उनके हाथों को कौन रोक रहा है. यदि सरकार के हाथ कमजोर पड़ रहे हैं तो हम थोड़ी मालिश कर देंगे. मगर वह भ्रष्टाचारियों को खोजें.

तीरथ सिंह रावत का बयानः दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कहीं भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस बात को कहा था कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद हमें कमीशनखोरी को त्याग कर जीरो पर आना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि जब उत्तर प्रदेश के समय जीरो से लेकर 20 तक परसेंटेज आता था. तब जल निगम, जल संस्थान, पीडब्ल्यूडी विभाग में परसेंटेज की बात सुना करते थे.

उत्तराखंड बनने के बाद हमें कमीशन को लेकर जीरो होना चाहिए था, लेकिन इसके ठीक उलट उत्तर प्रदेश के समय जहां 20% कमीशन हुआ करता था, लेकिन उत्तराखंड में हमने 20% से शुरुआत की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें इस मानसिकता को बदलना होगा. इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि को भी सोचना पड़ेगा. हम अधिकारियों को तो दंडित करते हैं, लेकिन उसके पीछे जो जनप्रतिनिधि बच जाता है. ऐसे में दोनों दोषी हैं.

देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीरथ सिंह रावत के बयान को दर्द बताया है. हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि तीरथ सिंह रावत ने सभी का दर्द बयां किया है. इससे असहमत होने का कोई प्रश्न ही नहीं है. उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी इस दर्द से पीड़ित है, लेकिन वह किसकी तरफ देखे.

हरीश रावत ने बगैर नाम लिए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यहां तो चौकीदार ही चोर-चोर चिल्ला रहा है. तो फिर चोरी कर रहे चोर से कौन बचाएगा. उन्होंने कहा कि यहां तो सरकार के लोग ही भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं. तो फिर आम आदमी को भ्रष्टाचार से कौन बचाएगा.

तीरथ के बयान पर हरीश रावत ने ली चुटकी.
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हरीश रावत ने कहा कि सरकार कोई भी रही हो. भाजपा सरकार को भ्रष्टाचारी को खोजना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा 6 सालों से आखिर क्या कर रही है. हरीश रावत ने कहना है कि अभी भी सरकार के पास साढ़े चार साल का वक्त बचा है. ऐसे में उनके हाथों को कौन रोक रहा है. यदि सरकार के हाथ कमजोर पड़ रहे हैं तो हम थोड़ी मालिश कर देंगे. मगर वह भ्रष्टाचारियों को खोजें.

तीरथ सिंह रावत का बयानः दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कहीं भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस बात को कहा था कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद हमें कमीशनखोरी को त्याग कर जीरो पर आना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि जब उत्तर प्रदेश के समय जीरो से लेकर 20 तक परसेंटेज आता था. तब जल निगम, जल संस्थान, पीडब्ल्यूडी विभाग में परसेंटेज की बात सुना करते थे.

उत्तराखंड बनने के बाद हमें कमीशन को लेकर जीरो होना चाहिए था, लेकिन इसके ठीक उलट उत्तर प्रदेश के समय जहां 20% कमीशन हुआ करता था, लेकिन उत्तराखंड में हमने 20% से शुरुआत की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें इस मानसिकता को बदलना होगा. इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि को भी सोचना पड़ेगा. हम अधिकारियों को तो दंडित करते हैं, लेकिन उसके पीछे जो जनप्रतिनिधि बच जाता है. ऐसे में दोनों दोषी हैं.

Last Updated : Nov 14, 2022, 4:32 PM IST
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