देहरादूनः सूबे में भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर सियासत गरमाई हुई है. बीते 27 अक्टूबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया. इस पर सीएम त्रिवेंद्र ने स्टिंगबाज को लेकर हरीश रावत पर निशाना साधा था. वहीं, हरदा ने भी पलटवार कर जवाब दिया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी ही कथित स्टिंग मास्टर को लाई थी.
दरअसल, बीजेपी आरोप लगा रही है कि किसी के साथ मिलकर कांग्रेस, सरकार को गिराने की साजिश कर रही है. मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने तंज कसते हुए स्टिंग को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत पर निशाना साधा था. सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि जब हरीश रावत का स्टिंग हुआ था, तब यह शख्स ब्लैकमेलर और स्टिंगबाज था. आज क्या हरीश रावत की उससे दोस्ती हो गई है. सीएम के इस बयान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने बीजेपी पर पलटवार किया है.
ये भी पढ़ेंः SC से राहत मिलते ही आक्रामक हुए CM त्रिवेंद्र, स्टिंग प्रकरण पर हरदा को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी कह रही है कि उस विशेषज्ञ, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस उससे मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रही है. उस विशेषज्ञ के संबंधों की तलाश करें तो उसके सारे संबंधी, रिश्तेदार और नातेदार बीजेपी के अंदर मौजूद मिलेंगे. इसके अलावा बीजेपी कथित स्टिंग मास्टर को उत्तराखंड लाई थी.
उन्होंने कहा कि रमेश पोखरियाल के मुख्यमंत्रित्व काल में यही विशेषज्ञ हुआ करता था. इसी विशेषज्ञ ने हरीश रावत सरकार गिराने में भूमिका अदा की थी. उस समय बीजेपी का केंद्रीय और राज्य नेतृत्व इसी विशेषज्ञ की वंदना करते थे. त्रिवेंद्र सरकार के स्टिंग के पीछे भी यही विशेषज्ञ है.
ये भी पढ़ेंः CM के खिलाफ FIR और आरोपों की जांच के आदेश पर बोले हरीश रावत, नैतिक आधार पर दें इस्तीफा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उन्हें घेरने के लिए पिछले साढ़े तीन साल से तमाम तरह के षड़यंत्र रचे जा रहे हैं. उनका यह बयान सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगी रोक के बाद आया. लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत पर लगे आरोप गंभीर हैं, हाईकोर्ट ने कुछ तथ्य सम्बद्ध और जांच लायक माना है.
गौर हो कि बीते 27 अक्टूबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया.
नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश एक पत्रकार के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने को लेकर दिया. पत्रकार के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं. हालांकि, अब इस आदेश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है.