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'रेंजर्स ग्राउंड में दिखाइए मेरे और अपने स्टिंग', हरीश रावत ने BJP को ललकारा

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर ट्वीट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. हरीश रावत ने इस बार कर्मकार बोर्ड घोटाले से लेकर स्टिंग तक को हथियार बनाया है.

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देहरादून
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Published : Oct 14, 2021, 8:10 PM IST

देहरादूनः सोशल मीडिया से लेकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए कर्मकार बोर्ड घोटाले से लेकर स्टिंग के जरिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. हरीश रावत का सीधा निशाना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर रहा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि

'खनन प्रेमी हैं मुख्यमंत्री हमार, कर्मकार बोर्ड के घोटाले से न होत शर्मसार, उज्याडू बल्द को बाखरी से है बड़ा दुलार, स्टिंग-स्टिंग कहने से पहले याद करलो TSR, Come on भाजपा, हो जाय एक बार. भाजपा का स्टिंग बनाम मेरा स्टिंग. आओ रेंजर्स ग्राउंड देहरादून में दोनों स्टिंग्स, जिसमें मेरा व भाजपा स्टिंग को बड़े पर्दे पर दिखाएं. मेरे पास एक व्यक्ति ताजमहल बेचने आया, मैंने उसके नाम अमेरिकन फेडरल बैंक कर दिया'.

ये भी पढ़ेंः चुनाव नहीं लड़ने वाले बयान से पलटे हरक सिंह रावत, बोले- यशपाल के जाने से कांग्रेस नहीं होगी मजबूत

हरीश रावत स्टिंगः मार्च 2016 में विधानसभा में वित्त विधेयक पर वोटिंग के बाद 9 कांग्रेस विधायकों ने बगावत कर दी थी. जिसके बाद एक निजी न्यूज चैनल ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त का स्टिंग जारी किया गया था. स्टिंग के आधार पर तत्कालीन राज्यपाल कृष्णकांत पॉल ने केंद्र सरकार को स्टिंग मामले की CBI जांच की संस्तुति की थी.

केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 356 का उपयोग करते हुए रावत सरकार को बर्खास्त कर दिया था. बाद में हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से हरीश रावत की सरकार बहाल हो गई थी. उसके बाद कैबिनेट बैठक में स्टिंग प्रकरण की जांच सीबीआई से हटाकर एसआईटी से कराने का निर्णय लिया गया था. तत्कालीन बागी विधायक और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के इस निर्णय को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी.

ये भी पढ़ेंः हरक को झटका: कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव के खिलाफ चार्जशीट, ये है पूरा मामला

त्रिवेंद्र सिंह रावत स्टिंगः आरोप है कि त्रिवेंद्र रावत और उनके परिवार से जुड़े सदस्यों के रिश्वत और डील के मामले में एक निजी समाचार चैनल के ने दिल्ली में स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किये थे. जिसमें त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखंड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रुपये बतौर रिश्वत का पैसा मांगने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही व्हाट्सअप पर मामले की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा दिए जाने और सीएम भाई एवं भतीजे का खनन व अन्य डील किये जाने का स्टिंग वीडियो जनता के सामने रखा था.

ये भी पढ़ेंः भाई बोल-बोलकर हरक ने उड़ाई हरदा की खिल्ली, कहा- दो सीटों से हारता तो राजनीति छोड़ देता

कर्मकार बोर्ड घोटालाः कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के निर्माण से जुड़ा है. जिसमें पूर्व में कार्यदायी संस्था को गलत तरीके से 20 करोड़ रुपए देने का मामला प्रकाश में आया था. उत्तराखंड सरकार ने कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत समेत ईएसआई के कुछ अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दी है.

पिछले दिनों श्रम मंत्री हरक सिंह रावत समेत कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव पर नियमों के विरुद्ध ₹20 करोड़ रुपए कोटद्वार में अस्पताल बनाने के लिए सीधे कार्यदायी संस्था को दिए जाने के आरोप लगे थे. इस मामले में यह पाया गया था कि कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से नियमों का उल्लंघन किया गया है.

देहरादूनः सोशल मीडिया से लेकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए कर्मकार बोर्ड घोटाले से लेकर स्टिंग के जरिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. हरीश रावत का सीधा निशाना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर रहा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि

'खनन प्रेमी हैं मुख्यमंत्री हमार, कर्मकार बोर्ड के घोटाले से न होत शर्मसार, उज्याडू बल्द को बाखरी से है बड़ा दुलार, स्टिंग-स्टिंग कहने से पहले याद करलो TSR, Come on भाजपा, हो जाय एक बार. भाजपा का स्टिंग बनाम मेरा स्टिंग. आओ रेंजर्स ग्राउंड देहरादून में दोनों स्टिंग्स, जिसमें मेरा व भाजपा स्टिंग को बड़े पर्दे पर दिखाएं. मेरे पास एक व्यक्ति ताजमहल बेचने आया, मैंने उसके नाम अमेरिकन फेडरल बैंक कर दिया'.

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हरीश रावत स्टिंगः मार्च 2016 में विधानसभा में वित्त विधेयक पर वोटिंग के बाद 9 कांग्रेस विधायकों ने बगावत कर दी थी. जिसके बाद एक निजी न्यूज चैनल ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त का स्टिंग जारी किया गया था. स्टिंग के आधार पर तत्कालीन राज्यपाल कृष्णकांत पॉल ने केंद्र सरकार को स्टिंग मामले की CBI जांच की संस्तुति की थी.

केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 356 का उपयोग करते हुए रावत सरकार को बर्खास्त कर दिया था. बाद में हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से हरीश रावत की सरकार बहाल हो गई थी. उसके बाद कैबिनेट बैठक में स्टिंग प्रकरण की जांच सीबीआई से हटाकर एसआईटी से कराने का निर्णय लिया गया था. तत्कालीन बागी विधायक और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के इस निर्णय को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत स्टिंगः आरोप है कि त्रिवेंद्र रावत और उनके परिवार से जुड़े सदस्यों के रिश्वत और डील के मामले में एक निजी समाचार चैनल के ने दिल्ली में स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किये थे. जिसमें त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखंड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रुपये बतौर रिश्वत का पैसा मांगने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही व्हाट्सअप पर मामले की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा दिए जाने और सीएम भाई एवं भतीजे का खनन व अन्य डील किये जाने का स्टिंग वीडियो जनता के सामने रखा था.

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कर्मकार बोर्ड घोटालाः कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के निर्माण से जुड़ा है. जिसमें पूर्व में कार्यदायी संस्था को गलत तरीके से 20 करोड़ रुपए देने का मामला प्रकाश में आया था. उत्तराखंड सरकार ने कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत समेत ईएसआई के कुछ अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दी है.

पिछले दिनों श्रम मंत्री हरक सिंह रावत समेत कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव पर नियमों के विरुद्ध ₹20 करोड़ रुपए कोटद्वार में अस्पताल बनाने के लिए सीधे कार्यदायी संस्था को दिए जाने के आरोप लगे थे. इस मामले में यह पाया गया था कि कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से नियमों का उल्लंघन किया गया है.

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