देहरादूनः बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पार्टी के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की खूब धज्जियां उड़ी. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाते हुए त्रिवेंद्र सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, हरदा ने राजनीतिज्ञों पर 'पर उपदेश, कुशल बहुतेरे..' की कहावत भी कही है.
गौर हो कि बीते दिनों कांग्रेस के दो बड़े कार्यक्रम हुए और दोनों ही कार्यक्रमों में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए. पहला कार्यक्रम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का था तो वहीं, दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का विरोध था. ये वही दो मामले हैं, जिसमें प्रीतम सिंह, हरीश रावत और कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किए.
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जिसमें कहा गया कि कांग्रेस के नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया और इसके तहत कानूनी कार्रवाई की गई है, लेकिन आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की अगुवाई में रुड़की के मेयर को बीजेपी में सदस्यता दिलवाई गई. इस दौरान पार्टी के खूब कार्यकर्ता जुटे और इसमें सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ी. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कटाक्ष करते हुए बीजेपी और सरकार को घेरा. साथ ही शायरी अंदाज में कहा कि 'हम बैलगाड़ी पर चंद कदम चल क्या पड़े, कुछ साथ आ गए तो मुकदमा..बीजेपी ऑफिस में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़े, उसका कोई जिक्र भी नहीं..'
हरीश रावत के इन आरोपों के बाद बीजेपी का यह कार्यक्रम चर्चाओं में आ गया. सोशल मीडिया पर भी मामले को लेकर बीजेपी की किरकिरी शुरू हो गई. उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पार्टी की ओर से कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी. यदि सड़क पर कोई भीड़ हो रही थी तो उसके लिए पार्टी कुछ नहीं कर सकती. इसके उलट हरीश रावत ने अपने कार्यक्रम में काफी लोगों को जुटाया था और वैसे भी हरीश रावत पर कार्रवाई करने के लिए बीजेपी में कोई बात नहीं कही थी. मामले में पुलिस ने अपने विचार से मुकदमा दर्ज किया होगा.