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डॉक्टर उनियाल और स्वास्थ्य सचिव विवाद, IAS अधिकारी को लेकर हरदा का सॉफ्ट कॉर्नर, कही ये बात

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Published : Apr 1, 2022, 6:12 PM IST

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे की पत्नी और दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के जिस विवाद पर मुख्यमंत्री को जांच तक बैठानी पड़ी है, उस मामले में कांग्रेस सरकार को घेरने के बचाए शांत नजर आ रही है. हरीश रावत ने इस विवाद को तुल नहीं देनी की बात कह रहे हैं. साथ ही वे स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे के पक्ष में भी दिख रहे हैं.

harish-rawat
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देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे की पत्नी और दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल का विवाद इन दिनों चर्चाओं में है. इस विवाद इतना तूल पकड़ा है कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बीच में आना पड़ा और उन्होंने इस मामले में जांच तक के आदेश दे दिए. साथ ही एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है, लेकिन इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने के बजाय काफी नरम दिख रहा है.

दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के इस्तीफा देने के बाद हर कोई उनसे अपनी सहानुभूति व्यक्त कर रहा है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत इस मामले पर आईएएस अफसर पंकज कुमार पांडे को लेकर कुछ नरम दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं हरीश रावत इस मामले पर दोनों पक्षों से ही मामले को आगे नहीं बढ़ाने की गुजारिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

IAS अधिकारी को लेकर हरदा का सॉफ्ट कॉर्नर.
पढ़ें- डॉक्टर निधि उनियाल के मामले पर CM सख्त, तबादला रोका, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी जांच

उत्तराखंड में राजनेताओं पर नौकरशाही हावी रहने की बात तो अक्सर सुनाई देती है. इसकी वजह कभी राजनेताओं और नौकरशाही का गठजोड़ माना जाता है तो कभी राजनेताओं की कमजोरी. बहरहालस आज मुद्दा एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल से जुड़ा है, जिन्होंने अपने आत्म सम्मान के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा देना अच्छा समझा. हर कोई निधि उनियाल की हिम्मत की बढ़ाई भी कर रहा है, लेकिन हरीश रावत इस मामले में पंकज कुमार पांडेय को लेकर कुछ सॉफ्ट नजर आते हैं.

वैसे तो हरीश रावत इस पूरे प्रकरण में महिला चिकित्सक के तबादले को गलत भी ठहरा रहे हैं और चिकित्सक के इस व्यवहार पर आपत्ति भी दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन जैसे ही बात आईएएस अफसर पंकज कुमार पांडे पर कार्रवाई की आती है तो हरीश रावत इस पर अपना नरम रुख जाहिर कर देते हैं.
पढ़ें- दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर लगाया बदतमीजी का आरोप

हरीश रावत कहते हैं कि पंकज कुमार पांडे एक बड़े अफसर हैं, इसलिए उन्हें टारगेट नहीं करना चाहिए. हरीश रावत यह तो नहीं कहते कि अफसर पर ऐसे कृत्य के लिए कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, उल्टा यह जरूर कह देते हैं कि इस मामले में महिला चिकित्सक और आईएएस अफसर दोनों पक्ष को ही संयम से काम लेना चाहिए और मामले को आगे बढ़ाना नहीं चाहिए.

अब सवाल ये ही खड़ा हो रहा है कि इस मामले में हरीश रावत आईएएस अधिकारी के लिए इतने फिक्रमंद क्यों हो रहे हैं? हरीश रावत आज दून मेडिकल कॉलेज अपने चेकअप के लिए पहुंचे थे, तब खबर ये भी आई थी कि वे एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल से भी मिल सकते हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वह इस मामले को तूल देने के पक्ष में नहीं है.

क्या था मामला: शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं, इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा.

डॉक्टर उनियाल के मुताबिक, मरीजों की भीड़ को देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंची. सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही.

डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा. आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई.

डॉ. निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.

अपने इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं, वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं. डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया है.

सीएम ने दिए जांच के आदेश: विवाद ने तूल पकड़ा तो बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंच गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले डॉ. निधि के ट्रांसफर को रोक लगाई और मामले की जांच का आदेश दिए. मामले की जांच अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी.

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे की पत्नी और दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल का विवाद इन दिनों चर्चाओं में है. इस विवाद इतना तूल पकड़ा है कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बीच में आना पड़ा और उन्होंने इस मामले में जांच तक के आदेश दे दिए. साथ ही एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है, लेकिन इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने के बजाय काफी नरम दिख रहा है.

दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के इस्तीफा देने के बाद हर कोई उनसे अपनी सहानुभूति व्यक्त कर रहा है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत इस मामले पर आईएएस अफसर पंकज कुमार पांडे को लेकर कुछ नरम दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं हरीश रावत इस मामले पर दोनों पक्षों से ही मामले को आगे नहीं बढ़ाने की गुजारिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

IAS अधिकारी को लेकर हरदा का सॉफ्ट कॉर्नर.
पढ़ें- डॉक्टर निधि उनियाल के मामले पर CM सख्त, तबादला रोका, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी जांच

उत्तराखंड में राजनेताओं पर नौकरशाही हावी रहने की बात तो अक्सर सुनाई देती है. इसकी वजह कभी राजनेताओं और नौकरशाही का गठजोड़ माना जाता है तो कभी राजनेताओं की कमजोरी. बहरहालस आज मुद्दा एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल से जुड़ा है, जिन्होंने अपने आत्म सम्मान के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा देना अच्छा समझा. हर कोई निधि उनियाल की हिम्मत की बढ़ाई भी कर रहा है, लेकिन हरीश रावत इस मामले में पंकज कुमार पांडेय को लेकर कुछ सॉफ्ट नजर आते हैं.

वैसे तो हरीश रावत इस पूरे प्रकरण में महिला चिकित्सक के तबादले को गलत भी ठहरा रहे हैं और चिकित्सक के इस व्यवहार पर आपत्ति भी दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन जैसे ही बात आईएएस अफसर पंकज कुमार पांडे पर कार्रवाई की आती है तो हरीश रावत इस पर अपना नरम रुख जाहिर कर देते हैं.
पढ़ें- दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर लगाया बदतमीजी का आरोप

हरीश रावत कहते हैं कि पंकज कुमार पांडे एक बड़े अफसर हैं, इसलिए उन्हें टारगेट नहीं करना चाहिए. हरीश रावत यह तो नहीं कहते कि अफसर पर ऐसे कृत्य के लिए कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, उल्टा यह जरूर कह देते हैं कि इस मामले में महिला चिकित्सक और आईएएस अफसर दोनों पक्ष को ही संयम से काम लेना चाहिए और मामले को आगे बढ़ाना नहीं चाहिए.

अब सवाल ये ही खड़ा हो रहा है कि इस मामले में हरीश रावत आईएएस अधिकारी के लिए इतने फिक्रमंद क्यों हो रहे हैं? हरीश रावत आज दून मेडिकल कॉलेज अपने चेकअप के लिए पहुंचे थे, तब खबर ये भी आई थी कि वे एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल से भी मिल सकते हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वह इस मामले को तूल देने के पक्ष में नहीं है.

क्या था मामला: शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं, इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा.

डॉक्टर उनियाल के मुताबिक, मरीजों की भीड़ को देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंची. सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही.

डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा. आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई.

डॉ. निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.

अपने इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं, वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं. डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया है.

सीएम ने दिए जांच के आदेश: विवाद ने तूल पकड़ा तो बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंच गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले डॉ. निधि के ट्रांसफर को रोक लगाई और मामले की जांच का आदेश दिए. मामले की जांच अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी.

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