देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पहली लिस्ट में 53 प्रत्याशियों के नाम जारी किए गए है. वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि देश और राज्यों में कांग्रेस की हालत बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन पार्टी जल्द ही अपने पुराने स्वरूप में लौटगी. हालांकि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है.
हरीश रावत ने किक्रेट का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के अंदर वर्तमान में कांग्रेस की फॉर्म डाउन है. हालांकि पार्टी इसे फिर से हासिल कर लेगी. हरीश रावत ने कहा कि लोग कांग्रेस की तरफ वापस आ रहे है, जैसे कभी-कभी एक बल्लेबाज फॉर्म से बाहर हो जाता है, उसी तरह देश में कांग्रेस की भी फॉर्म थोड़ी कम हो गई है, लेकिन आउट नहीं हुई है.
पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव 2022: कांग्रेस ने 53 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, हरीश रावत को लेकर संशय बरकरार
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है और मतदान के ठीक पहले इस तरह के बयान को उनका क्या मतलब है. इस पर उन्होंने कहा कि उनका ये बयान देश में कांग्रेस की स्थिति को लेकर है. उत्तराखंड में कांग्रेस फुल फॉर्म में हैं. उत्तराखंड में (कांग्रेस) फॉर्म में चल रहे बल्लेबाजों की बेंच स्ट्रेंथ भी बड़ी संख्या में है, जिसे उन्हें मैनेज करना पड़ रहा है. हरीश रावत को इशारा टिकट के लिए उम्मीदवारों की संख्या से था.
हरीश रावत से सवाल किया गया था कि क्या कांग्रेस क्षेत्रिय दलों को जगह दे रही है. हरीश रावत ने कहा कि दक्षिण भारत में तमिलनाडु, उसके बाद ओडिशा और अब पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं भी क्षेत्रिय दल बहुत अधिक सफल नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये पार्टियां भी इसलिए सफल हुई हैं, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस का रास्ता चुना है.
हरक की वापसी पर भी बोले: बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल किए जाने पर जब हरीश रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा आगे की ओर देखती है. वहीं हाईकमान का फैसला सर्वोच्च है. 'यह अच्छी बात है कि वो (हरक सिंह रावत) अब कांग्रेस का हिस्सा हैं. पार्टी में फैसले कई विचारों के आधार पर लिए जाते हैं. पार्टी में हमेशा भविष्य को देखते हुए फैसले लिए जाते हैं. पार्टी का फैसला सर्वोच्च है.
बता दें कि हरक सिंह रावत की वापसी से हरीश रावत खुश नहीं थे, उन्होंने ये बात पार्टी के सामने रख भी दी थी. हरक सिंह रावत को बीजेपी ने पार्टी विरोध गतिविधियों में शामिल होने के चलते सरकार और संगठन दोनों से निकाल दिया था. हरक सिंह रावत ने 2016 में 10 विधायकों के साथ बागवत कर उत्तराखंड में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार को गिरा दिया था. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.