देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के पूर्व पीसीसी चीफ व वर्तमान में टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय को लेकर बड़ा बयान दिया है. हरीश रावत ने किशोर उपाध्याय को अपना हनुमान बताते हुए कहा कि इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान रावण के कक्ष में बैठ गए थे.
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर किए अपने पोस्ट में लिखा कि 'मैंने फेसबुक पर अपने पुराने दोस्त किशोर उपाध्याय की पोस्ट देखी. उन्होंने कहा कि जब तक मैं उनका हनुमान था, तब तक वो आगे बढ़ते रहे, इस पर कोई संदेह नहीं है. मेरे जीवन को आगे बढ़ाने में जिन लोगों का महत्त्व है, उनमें किशोर उपाध्याय के महत्व को मैंने कभी नहीं झुठलाया.
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मैंने फेसबुक पर देखा, अपने पुराने दोस्त श्री किशोर उपाध्याय जी की पोस्ट। उन्होंने कहा कि जब तक मैं उनका हनुमान था, तब तक वो आगे बढ़ते रहे, इस पर कोई संदेह नहीं है। मेरे जीवन को आगे बढ़ाने में जिन लोगों का महत्त्व है, उनमें @KupadhyayINC जी केमहत्व को मैंने कभी नहीं झुठलाया..1/2 pic.twitter.com/BktfC9xdEh
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 23, 2022मैंने फेसबुक पर देखा, अपने पुराने दोस्त श्री किशोर उपाध्याय जी की पोस्ट। उन्होंने कहा कि जब तक मैं उनका हनुमान था, तब तक वो आगे बढ़ते रहे, इस पर कोई संदेह नहीं है। मेरे जीवन को आगे बढ़ाने में जिन लोगों का महत्त्व है, उनमें @KupadhyayINC जी केमहत्व को मैंने कभी नहीं झुठलाया..1/2 pic.twitter.com/BktfC9xdEh
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 23, 2022
हरीश रावत ने आगे अपने पोस्ट में लिखा कि 'इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान, रावण के कक्ष में बैठ गए, फिर भी कोई बात नहीं, वो आगे बढ़ें, मंत्री बनें हमारी कामना है फिर मुख्यमंत्री बनें और हनुमान हैं, संजीवनी लाना उनका स्वभाव है. वनाधिकार की संजीवनी उत्तराखंड के लिए लेकर के आएं इसके लिए मेरी शुभकामनाएं हैं.
बता दें कि हरीश रावत ने ये पोस्ट किशोर उपाध्याय की उस प्रतिक्रिया पर किया है, जिसमें किशोर उपाध्याय ने कहा था हरीश रावत बडे़ नेता और उनके भाई हैं. आज कांग्रेस की जो हालत है, उस पर हरीश रावत को सोचना और विचार करना चाहिए. किशोर उपाध्याय ने तो यहां तक कहा था कि आज अगर हरीश रावत इतने बड़े नेता के तौर पर दिख रहे है तो उसके पीछे अगर कोई व्यक्ति है तो वह किशोर उपाध्याय ही है.
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किशोर उपाध्याय ने कहा था कि अगर वे न होते तो हरीश रावत आज इतने बड़े नेता न होते. किशोर उपाध्याय ने कहा कि वे अब कांग्रेस और कांग्रेसियों की तरफ मुड़कर नहीं देखना चाहते हैं. एक बार जिस पन्ने को उन्होंने पलट दिया, दोबारा उस पन्ने को वे कभी पढ़ना नहीं चाहते हैं.
बता दें कि किशोर उपाध्याय उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. किशोर उपाध्याय और हरीश रावत के बीच तलखियों को खबरें हमेशा सुर्खियों में रही है. उत्तराखंड चुनाव 2022 से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यावद ने किशोर उपाध्याय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था, जिसमें बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें टिहरी विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, जहां से उन्होंने जीत दर्ज कराई थी.