देहरादून: उत्तराखंड में बीते दो दिनों तक हुई आफत की बारिश से राज्य को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक भारी बारिश होने की वजह से ना सिर्फ कई पुल जमींदोज हो गए हैं, बल्कि सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुईं हैं. जिसके बाद रविवार को जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धरातल पर उतर कर रानीपोखरी में गिरे पुल का स्थलीय निरीक्षण किया है. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल मंडल के देवप्रयाग, तोताघाटी, तीनधारा, कौड़ियाला, ऋषिकेश, रानीपोखरी, नरेन्द्रनगर, फकोट और चंबा के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया.
बीते दिनों प्रदेश में हुई भारी बारिश की वजह से उपजे आपदा जैसे हालात की स्थिति में अभी कुछ खास सुधार नहीं आया है. आलम यह है कि वर्तमान समय में भी तमाम सड़कें बाधित हैं. जिन्हें लगातार खोलने की कोशिश की जा रही है. वहीं, तमाम क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां की सड़कें पूरी तरह से ना सिर्फ जलमग्न हैं बल्कि आसपास रहने वाले लोगों के घरों में भी बरसाती पानी भरा हुआ है. ऐसे में अभी फिलहाल स्थितियां सामान्य होने में थोड़ा और वक्त लगने के आसार हैं. जब तक मौसम पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता तब तक इससे निजात पाना संभव नहीं है.
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आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व मंत्री हरीश रावत पूर्ण रूप से सक्रिय नजर आ रहे हैं. हरीश रावत ने रानीपोखरी पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त इलाके का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इतना अधिक पानी भी जाखन नदी में नहीं आया है, जिससे पुल गिर जाए. इसकी प्रमुख वजह पुल के दोनों ओर हो रहा खनन है. उन्होंने कहा कि पुल के नीचे भी काफी मात्रा में खनन हुआ है. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की जांच किसी बाहरी एजेंसी से करवानी चाहिए.
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वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आज आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा किया. मुख्यमंत्री ने गढ़वाल मंडल के देवप्रयाग, तोताघाटी, तीनधारा, कौड़ियाला, ऋषिकेश, रानीपोखरी, नरेन्द्रनगर, फकोट एवं चंबा के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुख्य सचिव एसएस संधू भी थे.