देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में शुरू की गई टेक होम राशन योजना में धामी सरकार कुछ बदवाल करने जा रही है. टेक होम राशन योजना को धामी सरकार किसी कंपनी को ठेके पर देने जा रही है. इसको लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर तंज कसा है. हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लेकर कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि आपके खाने के दांत कुछ और दिखाने के दांत कुछ और होंगे.
हरीश रावत ने लिखा ने कल आपने (सीएम पुष्कर सिंह धामी) तीलू रौतेली पुरस्कार बांटा और पुरस्कार की राशि बढ़ाने का ऐलान किया. इसके अलावा आपने महिला शक्ति की शान में कई कसीदें पढ़ें, जो हम सबको बहुत अच्छा लगा. क्योंकि अच्छी बात, अच्छी ही होती है और उसमें राजनीति नहीं आती है.
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हरीश रावत ने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण विभाग के तहत टेक होम राशन की जो स्कीम हमने (हरीश रावत सरकार) प्रारंभ की थी, उस स्कीम से अबतक लगभग 30-40 हजार महिलाएं जुड़ चुकी हैं और अपनी परिवार की आर्थिकी को सुधार रही हैं, उसमें सहयोग दे रही है. हमने यह भी कल्पना की थी कि इन महिलाओं को बहुत सारी दूसरी एक्टिविटी भी देंगे. ताकि कोई महिला समूह ऐसा न रहे जिसे किसी तरह के वाणिज्य गतिविधियों से न जोड़ा जाए, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया.
हरीश रावत ने कहा कि आप (धामी सरकार) एक बाहरी कंपनी जो आपके किसी सहयोगी की बहुत चहेती हो, उसने हजारों महिलाओं के सपनों को लूट लिया, उन्हें बर्बाद कर दिया. मुझे (हरीश रावत) आपसे (सीएम पुष्कर सिंह धामी) ये उम्मीद नहीं थी कि आपके भी खाने के दांत कुछ और दिखाने के दांत कुछ और होंगे.
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हरीश रावत ने आगे लिखा कि जब (सीएम पुष्कर सिंह धामी) आप महिला सशक्तिकरण कर रहे हैं तो मुझे लगा कि वास्तविक अर्थों में महिला सशक्तिकरण कह रहे है. एक तरफ आपने हमारी बेटियों को पुरस्कृत किया तो दूसरी तरफ आपने हजारों बहनों और बेटियों से काम छीन लिया और उनको हतोत्साहित कर दिया.
हरीश रावत ने कहा कि एक मोमेंटम बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की जरूरत है. यह कार्यक्रम (टेक होम राशन योजना) किसने शुरू किया, यह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि ये कार्यक्रम महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रहा था. आपने (सीएम धामी) उस वारदान को छीनने का काम किया है.
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हरीश रावत ने कहा याद रखिएगा चाहे कदम किस ने भी उठाया हो, अंतत: दोष तो मुख्यमंत्री के सर पर ही आता है. इस टेंडर को यदि स्वीकृत भी कर दिया तो रद्द भी किया जाना चाहिए.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 2014 में टेक होम राशन के नाम से एक योजना शुरू की गई थी. इस योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है. टेक होम राशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है. इस शरान की सप्लाई विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को माध्यम से कराई जाती है.
इस व्यवस्था के तहत स्वयं सहायता समूहों की जुड़ी महिलाएं राशन की खरीद बाजार से करती हैं और इसकी पैकिग के लिए बैग, लिफाफे आदि समूह में काम करने वाली महिलाएं खुद से तैयार कर लेती हैं, उन्हें इस काम के बदले विभाग से भुगतान कर दिया जाता है. लेकिन इसी साल बीती आठ अप्रैल को निदेशालय महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके टेक होम राशन के लिए ई-निविदा मांगी थी. अब ये काम ठेका पर किसी कंपनी को दिया जाएगा. इसी को लेकर हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर तंज कसा है.