देहरादून: उत्तराखंड की जनता प्रदेश की जिम्मेदारी किसे देने जा रही है, इसका फैसला तीन दिन बाद 10 मार्च को हो जाएगा. लेकिन मतगणना से पहले बीजेपी के ऑब्जर्वर कैलाश विजयवर्गीय देहरादून पहुंचे चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस को विधायकों को खरीद-फरोख्त का डर सताने लगा है. अपने इस डर को कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने जाहिर भी किया है. इसीलिए उन्होंने उत्तराखंड के अन्य विपक्षी दलों के साथ अपनी पार्टी के नेताओं को भी सावधान रहने को कहा है.
हरीश रावत ने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना कहा कि बीजेपी के निवर्तमान विधायक की एक सार्वजनिक स्वीकारोक्ति अत्यधिक शर्मनाक है. उन्होंने दावा किया है कि दूसरी पार्टियों के निर्वाचित होने की प्रतीक्षारत उम्मीदवारों से उनकी पार्टी द्वारा संपर्क साध लिया गया है, तो निर्वाचन से पहले ही दलबदल करवाने की यह घोषणा लोकतंत्र के लिए एक बड़ी भारी चेतावनी है. इतनी ही बड़ी चेतावनी है विधायक खरीदो अभियान के एक सिद्धहस्त भाजपाई नेता का उत्तराखंड आगमन.
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हरीश रावत ने बिना नाम लिए इशारों ही इशारों में कहा कि बंगाल में भी इन्होंने इसी तरीके की खरीद-फरोख्त की और पिटे भी. बिहार में भी इसी तरीके की खरीद-फरोख्त कोशिश की और पिटे भी. इस काम में इनका हौसला इतना बड़ा है कि 2016 में उत्तराखंड में की गई खरीद-फरोख्त के बाद अब फिर से ये पुराने शातिर खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. ''मैं कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड के लोकतंत्र पहरुओ सावधान, कांग्रेस तो सावधान है ही है''.
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को आने हैं. चुनाव परिणाम आने के साथ ही कांग्रेस को आशंका है कि बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर प्रदेश के लोकतंत्र के साथ बड़ा खेल कर सकती है.