देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना से पूरी सिस्टम दम तोड़ चुका है. कोरोना संक्रमित मरीजों को न तो हॉस्पिटलों में बेड मिल रहे है और न ही दवाई. आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी रही है. टेस्ट के बाद भी कई दिनों तक रिपोर्ट भी नहीं आ रही है. ऐसे हालात में कांग्रेस को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. दम तोड़ती इन व्यवस्थाओं के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट तीनों जरूरी है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इसमें बहुत पीछे दिखाई दे रही है. टेस्ट कराने के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. उसके बाद भी उनका नंबर नहीं आ रहा है. यहीं हाल हॉस्पिटलों का भी है. अस्पतालों में विशेषकर आईसीयू बेड की कमी बनी हुई है. लोगों को दवाई नहीं मिल रही है. दवाइयों की कालाबाजारी जोरों पर है. मरीजों को दवाई नहीं मिल रही है, जिसके अभाव में वे दम तोड़ रहे है.
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हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन से लेकर दवाओं और कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए. साथ ही दूरदराज के इलाकों में भी मरीजों के लिए इन जरूरतों को पूरा किया जाए.
हरीश रावत ने वैक्सीनेशन को लेकर भी केंद्र सरकार से समान नीति बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर एक पारदर्शी नीति होनी चाहिए. सामान तौर पर समान समय के भीतर राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए.