ETV Bharat / state

लैंड जिहाद की तलवार गरीबों की गर्दन पर...जानें सरकार पर क्यों बरसे हरीश रावत

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राज्य सरकार और वन विभाग की अवैध अतिक्रमण पर चल रही कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि ये कार्रवाई लैंड जिहाद के नाम पर गरीबों का शोषण कर रही है. उन्होंने मद्महेश्वर क्षेत्र और केदारनाथ धाम का उदाहरण देते हुए वहां काम रहे गरीब लोगों को वन भूमि से हटाए जाने पर सवाल उठाए हैं.

harish rawat
harish rawat
author img

By

Published : Jul 6, 2023, 6:34 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग अवैध अतिक्रमण को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहा है. इस एक्शन को प्रदेश में लैंड जिहाद पर शिकंजा कसने के रूप में भी देखा जा रहा है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन विभाग की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे एकतरफा और गरीबों के आशियाना छीनने वाला बता दिया है.

राज्य भर में इन दिनों वन विभाग अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में जुटा हुआ है. इस कड़ी में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन अब तक वन विभाग खाली करवा चुका है. इन्हीं स्थितियों पर हरीश रावत ने तंज कसते हुए वन विभाग के एक्शन को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है.
पढ़ें- हरीश रावत बोले- जब से PWD का एप लॉन्च हुआ सड़कों पर बढ़ गए गड्डे, सीएम धामी ने दिया ये जवाब

हरीश रावत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखते हुए वन विभाग की इस कार्रवाई को एकतरफा बता दिया है. सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने लिखा कि, केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग रह रहे हैं जो मेहनत-मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, लेकिन वन विभाग ऐसे लोगों पर अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है. हरीश रावत ने इस कार्रवाई को लैंड जिहाद के नाम पर गरीबों का शोषण करने वाला बताया.

  • केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो किसी झोपड़ी में रह रहे हैं, किसी और तरीके से लोगों तक अपनी सेवा सुसूरवा पहुंचाकर अपनी आजीविका का पालन कर रहे हैं उनको नोटिसेज देकर के वन भूमि से हटाया जा रहा है, लैंड जिहाद की तलवार गरीबों की गर्दन पर!!@pushkardhami @INCUttarakhand

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरीश रावत ने लिखा कि, 'अब लैंड जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार और वन विभाग की कुल्हाड़ी मद्महेश्वर क्षेत्र और ऐसे हमारे दूसरे क्षेत्रों में जहां हमारे देवता विराजमान हैं और वहां लोग दर्शन के लिए जाते हैं, यात्रा के लिए जाते हैं और उनको जो पानी, चाय आदि पिलाने वाले लोग हैं उन पर बरसने जा रही है. केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो किसी झोपड़ी में रह रहे हैं, किसी और तरीके से लोगों तक अपनी सेवा सुसूरवा पहुंचाकर अपनी आजीविका का पालन कर रहे हैं, उनको नोटिस देकर वन भूमि से हटाया जा रहा है, लैंड जिहाद की तलवार गरीबों की गर्दन पर...'

गौर हो कि, उत्तराखंड सरकार ने पिछले दिनों राज्य के वन क्षेत्रों में अवैध धार्मिक निर्माणों को हटाने के अभियान की शुरुआत की थी. इसमें बकायदा आईएफएस अफसर डॉ. पराग मधुकर धकाते को जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद से ही प्रदेश भर में अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर काम चल रहा है.
पढ़ें- CBI Court Notice: स्टिंग प्रकरण में हरीश रावत बोले- CBI से नहीं डरते, जब बुलाएंगे हाजिर होंगे, BJP को उल्टा कर देंगे

हरीश रावत से पहले कांग्रेसी लैंड जिहाद के नाम पर भाजपा पर वोटों की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है, लेकिन इस बार केदारनाथ क्षेत्र का जिक्र करते हुए हरीश रावत ने सीधे तौर इस कार्रवाई पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग अवैध अतिक्रमण को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहा है. इस एक्शन को प्रदेश में लैंड जिहाद पर शिकंजा कसने के रूप में भी देखा जा रहा है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन विभाग की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे एकतरफा और गरीबों के आशियाना छीनने वाला बता दिया है.

राज्य भर में इन दिनों वन विभाग अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में जुटा हुआ है. इस कड़ी में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन अब तक वन विभाग खाली करवा चुका है. इन्हीं स्थितियों पर हरीश रावत ने तंज कसते हुए वन विभाग के एक्शन को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है.
पढ़ें- हरीश रावत बोले- जब से PWD का एप लॉन्च हुआ सड़कों पर बढ़ गए गड्डे, सीएम धामी ने दिया ये जवाब

हरीश रावत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखते हुए वन विभाग की इस कार्रवाई को एकतरफा बता दिया है. सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने लिखा कि, केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग रह रहे हैं जो मेहनत-मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, लेकिन वन विभाग ऐसे लोगों पर अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है. हरीश रावत ने इस कार्रवाई को लैंड जिहाद के नाम पर गरीबों का शोषण करने वाला बताया.

  • केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो किसी झोपड़ी में रह रहे हैं, किसी और तरीके से लोगों तक अपनी सेवा सुसूरवा पहुंचाकर अपनी आजीविका का पालन कर रहे हैं उनको नोटिसेज देकर के वन भूमि से हटाया जा रहा है, लैंड जिहाद की तलवार गरीबों की गर्दन पर!!@pushkardhami @INCUttarakhand

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरीश रावत ने लिखा कि, 'अब लैंड जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार और वन विभाग की कुल्हाड़ी मद्महेश्वर क्षेत्र और ऐसे हमारे दूसरे क्षेत्रों में जहां हमारे देवता विराजमान हैं और वहां लोग दर्शन के लिए जाते हैं, यात्रा के लिए जाते हैं और उनको जो पानी, चाय आदि पिलाने वाले लोग हैं उन पर बरसने जा रही है. केदारनाथ क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो किसी झोपड़ी में रह रहे हैं, किसी और तरीके से लोगों तक अपनी सेवा सुसूरवा पहुंचाकर अपनी आजीविका का पालन कर रहे हैं, उनको नोटिस देकर वन भूमि से हटाया जा रहा है, लैंड जिहाद की तलवार गरीबों की गर्दन पर...'

गौर हो कि, उत्तराखंड सरकार ने पिछले दिनों राज्य के वन क्षेत्रों में अवैध धार्मिक निर्माणों को हटाने के अभियान की शुरुआत की थी. इसमें बकायदा आईएफएस अफसर डॉ. पराग मधुकर धकाते को जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद से ही प्रदेश भर में अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर काम चल रहा है.
पढ़ें- CBI Court Notice: स्टिंग प्रकरण में हरीश रावत बोले- CBI से नहीं डरते, जब बुलाएंगे हाजिर होंगे, BJP को उल्टा कर देंगे

हरीश रावत से पहले कांग्रेसी लैंड जिहाद के नाम पर भाजपा पर वोटों की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है, लेकिन इस बार केदारनाथ क्षेत्र का जिक्र करते हुए हरीश रावत ने सीधे तौर इस कार्रवाई पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.