ETV Bharat / state

गणेश गोदियाल से हरीश रावत ने मांगी माफी, बोले- हारा कौन है! यह महत्वपूर्ण

हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भले ही गणेश गोदियाल कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से मामूली अंतर से हार गए हों. लेकिन तब भी गणेश गोदियाल की हर कोई तारीफ कर रहा है. गणेश गोदियाल ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के लिए बेहद मजबूती के साथ काम किया और संगठन को मजबूत स्थिति में भी पहुंचाया.

Harish Rawat apologized to Godiyal
गणेश गोदियाल से हरदा ने मांगी माफी
author img

By

Published : Mar 17, 2022, 9:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी परिणाम आने के बाद कांग्रेस के अंदर घमासान चल रहा है. इस बीच हरीश रावत ने अपने करीबी गणेश गोदियाल से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगी है. हरीश रावत का मानना है कि गणेश गोदियाल श्रीनगर विधानसभा सीट से जीत रहे थे. लेकिन पार्टी के कामों में उलझने के कारण वह अपनी विधानसभा सीट को समय नहीं दे पाए और इसीलिए वह मामूली अंतर से हार गए.

हरीश रावत समय-समय पर अपने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं. इस बार हरीश रावत का गणेश गोदियाल को लेकर एक ट्वीट किया है, जो काफी चर्चाओं में है. दरअसल, हरीश रावत ने गणेश गोदियाल की चुनाव में हार को लेकर अपनी बात रखी है.

हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भले ही गणेश गोदियाल कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से मामूली अंतर से हार गए हों. लेकिन तब भी गणेश गोदियाल की हर कोई तारीफ कर रहा है. गणेश गोदियाल ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के लिए बेहद मजबूती के साथ काम किया और संगठन को मजबूत स्थिति में भी पहुंचाया.

हरीश रावत ने आगे लिखा कि गोदियाल जैसा अनुभवी, प्रखर वक्ता और एक विचारवान सामाजिक कार्यकर्ता, विधायक नहीं हैं. यह राज्य की क्षति है और विधानसभा की कार्यवाही भी उनके उद्भट विचारों से वंचित रह जाएगी. जीता कौन है? यह महत्वपूर्ण नहीं है. गोदियाल जी के संबंध में यह कहा जा सकता है, हारा कौन है! यह महत्वपूर्ण है.

पढ़ें- 'मुस्लिम यूनिवर्सिटी BJP की प्रयोगशाला का शब्द, उत्तराखंडियत के कवच को तोड़ने के लिए हुआ इस्तेमाल'

हरीश रावत लिखते हैं कि गोदियाल जी की हार केवल कांग्रेस अध्यक्ष की हार नहीं है, एक राज्य की बड़ी संभावना की हार है. एक ऐसे व्यक्ति की हार है, जिसमें हम कल का नेतृत्व देखते हैं. गणेश जी, पार्टी के लिए यह आपकी कुर्बानी है. यदि आप पार्टी अध्यक्ष नहीं होते और हम सबने इधर-उधर आपको उलझा नहीं दिया होता, आप तो चुनाव जीत ही रहे थे, क्षमा करना. हौसला आप में है, यह मैं जानता हूं. आप यहां से भी आगे की एक मजबूत राह बनाएंगे इसका मुझे भरोसा है.

देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी परिणाम आने के बाद कांग्रेस के अंदर घमासान चल रहा है. इस बीच हरीश रावत ने अपने करीबी गणेश गोदियाल से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगी है. हरीश रावत का मानना है कि गणेश गोदियाल श्रीनगर विधानसभा सीट से जीत रहे थे. लेकिन पार्टी के कामों में उलझने के कारण वह अपनी विधानसभा सीट को समय नहीं दे पाए और इसीलिए वह मामूली अंतर से हार गए.

हरीश रावत समय-समय पर अपने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं. इस बार हरीश रावत का गणेश गोदियाल को लेकर एक ट्वीट किया है, जो काफी चर्चाओं में है. दरअसल, हरीश रावत ने गणेश गोदियाल की चुनाव में हार को लेकर अपनी बात रखी है.

हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भले ही गणेश गोदियाल कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से मामूली अंतर से हार गए हों. लेकिन तब भी गणेश गोदियाल की हर कोई तारीफ कर रहा है. गणेश गोदियाल ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के लिए बेहद मजबूती के साथ काम किया और संगठन को मजबूत स्थिति में भी पहुंचाया.

हरीश रावत ने आगे लिखा कि गोदियाल जैसा अनुभवी, प्रखर वक्ता और एक विचारवान सामाजिक कार्यकर्ता, विधायक नहीं हैं. यह राज्य की क्षति है और विधानसभा की कार्यवाही भी उनके उद्भट विचारों से वंचित रह जाएगी. जीता कौन है? यह महत्वपूर्ण नहीं है. गोदियाल जी के संबंध में यह कहा जा सकता है, हारा कौन है! यह महत्वपूर्ण है.

पढ़ें- 'मुस्लिम यूनिवर्सिटी BJP की प्रयोगशाला का शब्द, उत्तराखंडियत के कवच को तोड़ने के लिए हुआ इस्तेमाल'

हरीश रावत लिखते हैं कि गोदियाल जी की हार केवल कांग्रेस अध्यक्ष की हार नहीं है, एक राज्य की बड़ी संभावना की हार है. एक ऐसे व्यक्ति की हार है, जिसमें हम कल का नेतृत्व देखते हैं. गणेश जी, पार्टी के लिए यह आपकी कुर्बानी है. यदि आप पार्टी अध्यक्ष नहीं होते और हम सबने इधर-उधर आपको उलझा नहीं दिया होता, आप तो चुनाव जीत ही रहे थे, क्षमा करना. हौसला आप में है, यह मैं जानता हूं. आप यहां से भी आगे की एक मजबूत राह बनाएंगे इसका मुझे भरोसा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.