ETV Bharat / state

देवस्थानम बोर्ड पर बोले कैबिनेट मंत्री हरक, त्रिवेंद्र सामान्य विधायक उनके बयान के कोई मायने नहीं

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Harak Singh Rawat targets on Trivendra Singh Rawat) को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सामान्य विधायक करार देते उनके बयानों के कोई मायने नहीं होने की बात कही है.

Harak Singh Rawat targets on Trivendra Singh Rawat
हरक सिंह रावत का त्रिवेंद्र सिंह रावत पर बयान
author img

By

Published : Nov 30, 2021, 7:57 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 8:24 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (Uttarakhand Char Dham Devasthanam Management Board dissolved) को लेकर बीजेपी में ही अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं. एक तरफ सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के फैसले को सराहना हो रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मामले से बच रहे हैं. अब देवस्थानम पर नया अपडेट यह है कि खुद हरक सिंह रावत (Cabinet Minister Harak Singh Rawat) ने देवस्थानम बोर्ड के बहाने त्रिवेंद्र को आड़े हाथ ले लिया है.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने देवस्थानम के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Harak Singh Rawat targets on Trivendra Singh Rawat) को आड़े हाथ लिया है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उस समय भी हम देवस्थानम बोर्ड के पक्ष में नहीं थे और अब जब यह निर्णय लिया गया है तो वह जन भावनाओं को देखते हुए फैसला किया गया है. हरक सिंह रावत ने यह जाहिर किया कि त्रिवेंद्र सरकार में जो फैसला लिया गया था, वो कैबिनेट मंत्रियों की इच्छा के अनुसार नहीं लिया गया था.

देवस्थानम बोर्ड के बहाने हरक सिंह रावत ने त्रिवेंद्र पर साधा निशाना.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत, 'मैं तो मुस्कुरा भी नहीं सकता'

त्रिवेंद्र एक सामान्य विधायक, उनके बयानों के मायने नहींः उन्होंने कहा कि सरकार को लचीला होना चाहिए और अड़ियल रुख नहीं रखना चाहिए. अब जो फैसला हुआ है, वो तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की मांगों को देखते हुए लिया गया है. इतना ही नहीं जब हरक सिंह रावत से त्रिवेंद्र सिंह (Trivendra singh rawat statement on devasthanam board) के बयान को लेकर सवाल पूछा तो हरक सिंह रावत बोले 'त्रिवेंद्र सिंह रावत अब ना मुख्यमंत्री हैं और कैबिनेट मंत्री भी नहीं हैं, वे एक सामान्य विधायक हैं और उनके बयानों के कुछ खास मायने नहीं है'.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग करने की खबर से अनजान पर्यटन मंत्री, बोले- मुझे तो मालूम ही नहीं

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यानी 30 नवंबर को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है. इससे पहले चारों धामों के तीर्थ पुरोहित बीते लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे. इतना ही नहीं इस दौरान पुरोहितों ने चारों धामों में रैली भी निकाली. यहां तक की पीएम मोदी को खून से पत्र भी लिखा. हालांकि, देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार और तीर्थ पुरोहितों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग: बोले धामी- मैं उत्तराखंड का मुख्य सेवक, मैंने लिया है यह फैसला

वहीं, सरकार ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के विरोध प्रदर्शन और सरकार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी के बाद कमेटी का गठन किया. इस कमेटी ने 3 महीने तक काम किया और तमाम विषयों पर अध्ययन करने के बाद अंतिम रिपोर्ट सौंपी. आखिरकार धामी सरकार को तीर्थ पुरोहितों के आगे झुकना पड़ा और देवस्थानम बोर्ड को भंग करना पड़ा. वहीं, साल 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है.

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (Uttarakhand Char Dham Devasthanam Management Board dissolved) को लेकर बीजेपी में ही अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं. एक तरफ सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के फैसले को सराहना हो रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मामले से बच रहे हैं. अब देवस्थानम पर नया अपडेट यह है कि खुद हरक सिंह रावत (Cabinet Minister Harak Singh Rawat) ने देवस्थानम बोर्ड के बहाने त्रिवेंद्र को आड़े हाथ ले लिया है.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने देवस्थानम के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Harak Singh Rawat targets on Trivendra Singh Rawat) को आड़े हाथ लिया है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उस समय भी हम देवस्थानम बोर्ड के पक्ष में नहीं थे और अब जब यह निर्णय लिया गया है तो वह जन भावनाओं को देखते हुए फैसला किया गया है. हरक सिंह रावत ने यह जाहिर किया कि त्रिवेंद्र सरकार में जो फैसला लिया गया था, वो कैबिनेट मंत्रियों की इच्छा के अनुसार नहीं लिया गया था.

देवस्थानम बोर्ड के बहाने हरक सिंह रावत ने त्रिवेंद्र पर साधा निशाना.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत, 'मैं तो मुस्कुरा भी नहीं सकता'

त्रिवेंद्र एक सामान्य विधायक, उनके बयानों के मायने नहींः उन्होंने कहा कि सरकार को लचीला होना चाहिए और अड़ियल रुख नहीं रखना चाहिए. अब जो फैसला हुआ है, वो तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की मांगों को देखते हुए लिया गया है. इतना ही नहीं जब हरक सिंह रावत से त्रिवेंद्र सिंह (Trivendra singh rawat statement on devasthanam board) के बयान को लेकर सवाल पूछा तो हरक सिंह रावत बोले 'त्रिवेंद्र सिंह रावत अब ना मुख्यमंत्री हैं और कैबिनेट मंत्री भी नहीं हैं, वे एक सामान्य विधायक हैं और उनके बयानों के कुछ खास मायने नहीं है'.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग करने की खबर से अनजान पर्यटन मंत्री, बोले- मुझे तो मालूम ही नहीं

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यानी 30 नवंबर को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है. इससे पहले चारों धामों के तीर्थ पुरोहित बीते लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे. इतना ही नहीं इस दौरान पुरोहितों ने चारों धामों में रैली भी निकाली. यहां तक की पीएम मोदी को खून से पत्र भी लिखा. हालांकि, देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार और तीर्थ पुरोहितों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग: बोले धामी- मैं उत्तराखंड का मुख्य सेवक, मैंने लिया है यह फैसला

वहीं, सरकार ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के विरोध प्रदर्शन और सरकार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी के बाद कमेटी का गठन किया. इस कमेटी ने 3 महीने तक काम किया और तमाम विषयों पर अध्ययन करने के बाद अंतिम रिपोर्ट सौंपी. आखिरकार धामी सरकार को तीर्थ पुरोहितों के आगे झुकना पड़ा और देवस्थानम बोर्ड को भंग करना पड़ा. वहीं, साल 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है.

Last Updated : Nov 30, 2021, 8:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.