देहरादून: बीजेपी और कांग्रेस दोनों की सरकारों में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत के प्रतिष्ठानों पर विजिलेंस के छापे के बाद उत्तराखंड का ये नेता एक बार फिर चर्चा में है. उत्तराखंड की तीन सीटों से विधानसभा चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचने वाले हरक सिंह रावत का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है. फिलहाल हरक सिंह रावत किसी भी क्षेत्र से विधायक नहीं हैं लेकिन उनकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट पर जरूर टिकी है.
विवादास्पद नेता हैं हरक सिंह रावत: हरक सिंह रावत उत्तराखंड के विवादित नेताओं में शुमार हैं. उनका विवादों से हमेशा ही आमना-सामना होता रहा है. 2003 के चर्चिच जैनी प्रकरण में हरक सिंह रावत को कांग्रेस की तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार में मंत्री पद गंवाना पड़ा था. इस महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था. उसका आरोप था कि हरक सिंह रावत बच्चे के पिता हैं. आरोप लगने के बाद हरक सिंह रावत ने मंत्री पद त्याग दिया था.
इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश हुए थे. यहां तक की डीएनए टेस्ट भी किया गया था. हालांकि बाद में सीबीआई ने हरक सिंह रावत को क्लीन चिट दे दी थी और मामला खत्म हो गया था. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत ने कहा था मंत्री पद को वो अपने जूते की नोक पर रखते हैं. दरअसल हरक सिंह रावत तब मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे.
महिला ने लगाया था आरोप: 2013 में मेरठ की एक महिला ने भी हरक पर शरीरिक शोषण का आरोप लगाया था. तब हरक सिंह रावत कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार में मंत्री पद पर थे. बात इतनी बढ़ी थी कि इस महिला ने दिल्ली के सफदरजंग थाने में हरक सिंह रावत के खिलाफ दुष्कर्म का मामला तक दर्ज करवा दिया था. हालांकि काफी समय तक इस पूरे मामले में कुछ नहीं हुआ और चर्चा रही कि आरोप लगाने वाली महिला ने अपने आरोप वापस ले लिए.
हरीश रावत की सरकार गिरा दी थी: 18 मार्च 2016 को उत्तराखंड में सियासी संकट पैदा करने वालों में हरक सिंह रावत भी शामिल थे. हरक सिंह रावत ने विधानसभा में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले नौ बागियों का नेतृत्व किया था. स्थिति ये हो गई थी कि हरीश रावत की सरकार चली गई और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लग गया था. हालांकि, तब सुप्रीम कोर्ट ने हरीश रावत सरकार बहाल कर दी थी. लेकिन हरक के नेतृत्व में कांग्रेस के 9 बागियों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. इसी दौरान हरीश रावत का चर्चित स्टिंग सामने आया था. इसमें भी हरक सिंह रावत की भूमिका होने आरोप लगा था.
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2022 में फिर बदला राजनीतिक पाला: 2022 में हरक सिंह रावत ने फिर राजनीतिक पाला बदल लिया. दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत अपने साथ ही अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए पौड़ी की लैंसडाउन सीट से टिकट मांग रहे थे. लेकिन बीजेपी ने परिवारवाद पर सख्त रुख अपनाया था. आए दिन हरक सिंह रावत सरकार को धमकी देकर दबाव बना रहे थे.
सीएम धामी ने मंत्री पद से किया था बर्खास्त: हरक सिंह रावत की रोज रोज की धमकियों से आजिज आई बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. हरक सिंह रावत को इसकी उम्मीद नहीं थी. उनकी प्लानिंग थी कि वो खुद बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन करेंगे. लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया था.
बीजेपी ने 6 साल के लिए किया था निष्कासित: इधर सीएम धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्री पद से बर्खास्त किया उधर बीजेपी ने इससे भी बड़ा एक्शन ले लिया. बीजेपी ने हरक सिंह रावत को अनुशासन भंग करने के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. कई विभाग संभाल रहे हरक सिंह रावत एकदम से हाशिये पर आ गए थे.
बड़ी फजीहत के बाद ज्वाइन की थी कांग्रेस: बीजेपी से इस तरह निकाले गए हरक सिंह रावत ने इसके बाद कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए दिल्ली में डेरा डाल दिया था. लेकिन कांग्रेस में आसानी से उनकी एंट्री नहीं हो पाई. कांग्रेस हाईकमान ने 5 दिन तक हरक सिंह रावत को पार्टी ज्वाइन कराने के लिए इंतजार कराया था. जब हरीश रावत की हरी झंडी मिली तो तब जाकर हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री हो पाई.
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अब फिर चर्चा में क्यों आए हरक: दरअसल, बुधवार (30 अगस्त) को हरक सिंह रावत को लेकर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है. ये मामला कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरौ रेंज में अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान से जुड़ा हुआ है. विजिलेंस को इस मामले से जुड़े कुछ सबूत मिले थे जिसके बाद पहली बार पूर्व मंत्री हरक सिंह पर इस तरह की कार्रवाई की गई है. विजिलेंस टीम ने हरक सिंह रावत के बेटे द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज में भी छापा मारा है, साथ ही एक पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की है. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने हरक सिंह रावत को राजस्थान चुनावों के लिए AICC की तरफ से कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है.