देहरादून: उत्तराखंड में अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले हरक सिंह रावत इन दिनों काफी नपा-तुला बयान दे रहे हैं. पहले हरीश रावत और अब त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी उन्होंने अपने तेवर कुछ नरम किए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हमलों के बावजूद हरक ने काफी सफाई से अपना पक्ष रखा है. वहीं, विजय बहुगुणा से नाराजगी पर भी उन्होंने अपना पक्ष रखा.
उत्तराखंड में हर दिन हरक सिंह रावत का नया रूप देखने को मिल रहा है. कभी हरदा और त्रिवेंद्र सिंह रावत को खरी-खोटी सुनाने वाले हरक इन दिनों अपनी बयानों में नरमी रखे हुए हैं. हरक सिंह रावत कुछ सोची-समझी रणनीति के तहत बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर उनका सॉफ्ट कॉर्नर और उनसे माफी मांगने तक की बात करना कई प्रश्न खड़ा कर रहा है.
वहीं, अब त्रिवेंद्र सिंह रावत के तीखे बयानों के बावजूद हरक का बचाव मुद्रा में आना नए सवाल पैदा कर रहा है. हरक ने त्रिवेंद्र के हमले पर बड़ी ही सफाई और बचाव मुद्रा में अपनी बात कही है. हरक ने कहा कि उनकी तरफ से पार्टी पर कभी भी दबाव नहीं बनाया गया है. हां यदि क्षेत्र के हित के लिए अगर सरकार के सामने कोई बात रखी गई है तो यह तो अच्छी बात है.
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उन्होंने कहा यदि वे संगठन में होते या मुख्यमंत्री होते तो ऐसे विधायक की पीठ थपथपाते, जो अपने क्षेत्र के लिए लड़ता हो. हरक ने त्रिवेंद्र के उस बयान पर भी टिप्पणी दी, जिसमें उन्होंने विजय बहुगुणा की तारीफ की थी. हरक ने कहा कि जो व्यक्ति किसी की तारीफ ना करता हो, ऐसे व्यक्ति ने यदि विजय बहुगुणा की तारीफ की है तो यह अच्छी बात है. उन्होंने ने कहा आज त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विजय बहुगुणा की तारीफ की है, कल मेरी भी तारीफ करेंगे.
वहीं, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने साफ कर दिया, कि वे किसी भी मामले में विजय बहुगुणा की भी बात नहीं सुनने वाले हैं. गौरतलब है कि विजय बहुगुणा के साथ मिलकर ही हरक ने 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे. इसीलिए माना जा रहा है कि भाजपा ने विजय बहुगुणा को हरक सिंह और नाराज विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी दी है. हरक सिंह ने कहा कि वे विजय बहुगुणा से नाराज नहीं हैं. साथ ही कहा कि वे नहीं भाजपा और न सरकार में किसी से नाराज हैं.