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20% आरक्षण के लिए धरने पर बैठे दिव्यांगों को मनाने पहुंचे मेयर,  2 दिन का मांगा समय

दिव्यांग जनों ने आरक्षण को लेकर अपनी नाराजगी को प्रकट करते हुए धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी दिव्यांगजनों को 2 दिन में उनकी मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया.

धरना पर बैठे दिव्यांगों को मनाने पहुंचे मेयर.
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Published : Jun 10, 2019, 7:33 PM IST

देहरादून: राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने 20% आरक्षण की मांग कर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही दिव्यांगों ने 2 दिनों के भीतर मांग पूरी न होने पर धरने पर बैठने की बात कही है. वहीं, दिव्यांगों का आरोप है कि 2016 में कांग्रेस के समय की जारी हुए जनादेश की बीजेपी सरकार में अनदेखी की जा रही है.

धरना पर बैठे दिव्यांगों को मनाने पहुंचे मेयर.

साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष शासनादेश जारी किया गया था. इस शासनादेश के अनुसार, सभी नगर निकायों में दिव्यांगजनों को ठेली फड़ लगाने के लिए हर सब्जी मंडी में 20% आरक्षण दिया जाना था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी दिव्यांगजनों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है

राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने अपनी नाराजगी को प्रकट करते हुए धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी दिव्यांगजनों को 2 दिन में उनकी मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया.

ये भी पढ़ें: पर्वतारोहियों के शवों को रेस्क्यू करने के लिए चलाया जाएगा सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष बसन्त थपलियाल ने बताया कि साल 2016 में ये शासनादेश जारी हुआ था. उस दौरान सभी दिव्यांग जनों में खुशी की लहर थी, लेकिन इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और ये शासनादेश ठंडे बस्ते में चला गया. यही कारण है कि सरकार को जगाने के लिए अब उनको धरने का सहारा लेना पड़ रहा है.

साथ ही बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा के मौखिक आश्वासन के बावजूद यदि अगले दो दिनों में इस शासनादेश पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो सभी दिव्यांग नगर निगम परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे.

देहरादून: राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने 20% आरक्षण की मांग कर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही दिव्यांगों ने 2 दिनों के भीतर मांग पूरी न होने पर धरने पर बैठने की बात कही है. वहीं, दिव्यांगों का आरोप है कि 2016 में कांग्रेस के समय की जारी हुए जनादेश की बीजेपी सरकार में अनदेखी की जा रही है.

धरना पर बैठे दिव्यांगों को मनाने पहुंचे मेयर.

साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष शासनादेश जारी किया गया था. इस शासनादेश के अनुसार, सभी नगर निकायों में दिव्यांगजनों को ठेली फड़ लगाने के लिए हर सब्जी मंडी में 20% आरक्षण दिया जाना था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी दिव्यांगजनों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है

राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने अपनी नाराजगी को प्रकट करते हुए धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी दिव्यांगजनों को 2 दिन में उनकी मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया.

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नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष बसन्त थपलियाल ने बताया कि साल 2016 में ये शासनादेश जारी हुआ था. उस दौरान सभी दिव्यांग जनों में खुशी की लहर थी, लेकिन इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और ये शासनादेश ठंडे बस्ते में चला गया. यही कारण है कि सरकार को जगाने के लिए अब उनको धरने का सहारा लेना पड़ रहा है.

साथ ही बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा के मौखिक आश्वासन के बावजूद यदि अगले दो दिनों में इस शासनादेश पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो सभी दिव्यांग नगर निगम परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे.

Intro:देहरादून- साल 2016 में जब बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी । इस दौरान दिव्यांगजनो के लिए एक विशेष शासनादेश जारी किया गया था । इस शासनादेश के तहत समस्त नगर निकायों में दिव्यांगजनों को ठेली फड़ लगाने के लिए प्रत्येक सब्जी मंडी में 20% आरक्षण दिया जाना था । लेकिन आज 3 साल का वक्त बीत चुका हैं। लेकिन अब तक भी दिव्यांगजनो को इस आरक्षण का लाभ नही मिल पाया है । ऐसे में दिव्यांग जनों में शासन- प्रशासन के खिलाफ खासी नाराज़गी है ।







Body:राजधानी देहरादून में आज नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने अपनी इसी नाराज़गी को प्रकट करते हुए धरना दिया। जिसके बाद मौके पर पहुँच मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी दिव्यांगजनों को 2 दिन में उनकी मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया ।


Conclusion:इन दौरान मौके पर मौजूद नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष बसन्त थपलियाल ने बताया कि जिस वक्त साल 2016 में ये शासनादेश जारी हुआ था । उस दौरान सभी दिव्यांग जनों में खुशी की लहर थी । लेकिन इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और ये शासनादेश कहीं ठंडे बस्ते में चला गया। यही कारण है कि सरकार को जगाने के लिए अब उनको धरने का सहारा लेना पड़ रहा है। मेयर सुनील उनियाल गामा के मौखिक आश्वाशन के बावजूद यदि अगले दो दिनों में इस शासनादेश पर अलगे दो दिनों में कोई निर्णय नही लिया गया तो सभी दिव्यांग नगर निगम परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे।

बाइट- बसन्त थपलियाल अध्यक्ष नंदा देवी निर्धन दिव्याग कल्याण एसोसिएशन
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