देहरादून: राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने 20% आरक्षण की मांग कर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही दिव्यांगों ने 2 दिनों के भीतर मांग पूरी न होने पर धरने पर बैठने की बात कही है. वहीं, दिव्यांगों का आरोप है कि 2016 में कांग्रेस के समय की जारी हुए जनादेश की बीजेपी सरकार में अनदेखी की जा रही है.
साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष शासनादेश जारी किया गया था. इस शासनादेश के अनुसार, सभी नगर निकायों में दिव्यांगजनों को ठेली फड़ लगाने के लिए हर सब्जी मंडी में 20% आरक्षण दिया जाना था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी दिव्यांगजनों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है
राजधानी दून में नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांग जनों ने अपनी नाराजगी को प्रकट करते हुए धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे मेयर सुनील उनियाल गामा ने सभी दिव्यांगजनों को 2 दिन में उनकी मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया.
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नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष बसन्त थपलियाल ने बताया कि साल 2016 में ये शासनादेश जारी हुआ था. उस दौरान सभी दिव्यांग जनों में खुशी की लहर थी, लेकिन इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और ये शासनादेश ठंडे बस्ते में चला गया. यही कारण है कि सरकार को जगाने के लिए अब उनको धरने का सहारा लेना पड़ रहा है.
साथ ही बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा के मौखिक आश्वासन के बावजूद यदि अगले दो दिनों में इस शासनादेश पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो सभी दिव्यांग नगर निगम परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे.