देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित औली में 200 करोड़ रुपए की शादी को लेकर चर्चा में आए गुप्ता बंधुओं से जुड़ी कई ऐसी जानकारी है, जिसके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे. इस शादी में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष के साथ नामी हस्तियां शामिल होंगी. लेकिन इन्हीं गुप्ता बंधुओं को एक पुलिस अधिकारी ने हरिद्वार में एक थाने के अंदर घंटों तक बैठाए रखा था.
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ये मामला साल 2015 का है. उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और हरीश रावत तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. गुप्ता बंधुओं आज की ही तरह उस समय की सरकारों में भी प्रभावशाली थे. एक दिन गुप्ता बंधुओं का हेलीकॉप्टर हरिद्वार के दयानन्द स्टेडियम में उतरा था. वहीं इसी स्टेडियम से कुछ देर पहले तत्कालीन सीएम हरीश रावत का भी हेलीकॉप्टर उड़ा था. पुलिस को लगा कि हरीश रावत दोबार आ गए हैं, या फिर कोई तकनीकी खराबी की वजह से सीएम के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. बल्कि हेलीकॉप्टर में से दो लोग उतरे.
इन दोनों लोगों से तत्कालीन कनखल थाना प्रभारी रितेश शाह ने हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन मांगी तो उनके पास कोई परमिशन नहीं थी. इसके बाद थाना प्रभारी रितेश शाह दोनों भाइयों को अपने साथ सरकारी गाड़ी में बैठाकर सीधे कनखल थाने ले गए थे. उस समय किसी को भी इन दोनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
लेकिन कुछ देर बाद ही जब संतों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि खुद थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी को एहसास हुआ कि ये आम आदमी नहीं हैं. बावजूद इसके थाना प्रभारी शाह इन्हें छोड़ने की तैयार नहीं थे, उनका साफ कहना था कि जब तक उन्हें परमिशन नहीं मिलेगी तबतक वो उन्हें नहीं छोड़ेंगे. हालांकि में बाद में पता चला कि इनके पास हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन थी, लेकिन वो परमिशन सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर से पुलिस थाने तक नहीं पहुंची थी. बाद में परमिशन दिखाने के बाद उनको छोड़ा गया. इस गलती के कारण राज्य सरकार ने तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा का तबादला कर दिया था. बाद में पुलिस को पता चला की गुप्ता बंधु अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता हैं.