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'पावर फुल' गुप्ता बंधुओं को हरिद्वार के इस थाने में बैठना पड़ा था घंटों, छुड़ाने पहुंचे थे अवधेशानंद गिरि, जानिए वजह

थाना प्रभारी रितेश शाह दोनों भाइयों को अपने साथ सरकारी गाड़ी में बैठाकर सीधे कनखल थाने ले गए थे. उस समय किसी को भी इन दोनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

फाइल फोटो
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Published : Jun 11, 2019, 2:27 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित औली में 200 करोड़ रुपए की शादी को लेकर चर्चा में आए गुप्ता बंधुओं से जुड़ी कई ऐसी जानकारी है, जिसके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे. इस शादी में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष के साथ नामी हस्तियां शामिल होंगी. लेकिन इन्हीं गुप्ता बंधुओं को एक पुलिस अधिकारी ने हरिद्वार में एक थाने के अंदर घंटों तक बैठाए रखा था.

पढ़ें- शाही शादी के लिए औली में बनाई जाएगी 15 टेंट कॉलोनी, होटल और दुकानें बुक

ये मामला साल 2015 का है. उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और हरीश रावत तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. गुप्ता बंधुओं आज की ही तरह उस समय की सरकारों में भी प्रभावशाली थे. एक दिन गुप्ता बंधुओं का हेलीकॉप्टर हरिद्वार के दयानन्द स्टेडियम में उतरा था. वहीं इसी स्टेडियम से कुछ देर पहले तत्कालीन सीएम हरीश रावत का भी हेलीकॉप्टर उड़ा था. पुलिस को लगा कि हरीश रावत दोबार आ गए हैं, या फिर कोई तकनीकी खराबी की वजह से सीएम के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. बल्कि हेलीकॉप्टर में से दो लोग उतरे.

gupta brothers
रितेश शाह

इन दोनों लोगों से तत्कालीन कनखल थाना प्रभारी रितेश शाह ने हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन मांगी तो उनके पास कोई परमिशन नहीं थी. इसके बाद थाना प्रभारी रितेश शाह दोनों भाइयों को अपने साथ सरकारी गाड़ी में बैठाकर सीधे कनखल थाने ले गए थे. उस समय किसी को भी इन दोनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

पढ़ें- 108 कर्मियों के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता धस्माना, कहा- सड़कों पर पैदा हो रहे बच्चे, सरकार बजा रही चैन की बंशी

लेकिन कुछ देर बाद ही जब संतों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि खुद थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी को एहसास हुआ कि ये आम आदमी नहीं हैं. बावजूद इसके थाना प्रभारी शाह इन्हें छोड़ने की तैयार नहीं थे, उनका साफ कहना था कि जब तक उन्हें परमिशन नहीं मिलेगी तबतक वो उन्हें नहीं छोड़ेंगे. हालांकि में बाद में पता चला कि इनके पास हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन थी, लेकिन वो परमिशन सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर से पुलिस थाने तक नहीं पहुंची थी. बाद में परमिशन दिखाने के बाद उनको छोड़ा गया. इस गलती के कारण राज्य सरकार ने तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा का तबादला कर दिया था. बाद में पुलिस को पता चला की गुप्ता बंधु अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता हैं.

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित औली में 200 करोड़ रुपए की शादी को लेकर चर्चा में आए गुप्ता बंधुओं से जुड़ी कई ऐसी जानकारी है, जिसके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे. इस शादी में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष के साथ नामी हस्तियां शामिल होंगी. लेकिन इन्हीं गुप्ता बंधुओं को एक पुलिस अधिकारी ने हरिद्वार में एक थाने के अंदर घंटों तक बैठाए रखा था.

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ये मामला साल 2015 का है. उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और हरीश रावत तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. गुप्ता बंधुओं आज की ही तरह उस समय की सरकारों में भी प्रभावशाली थे. एक दिन गुप्ता बंधुओं का हेलीकॉप्टर हरिद्वार के दयानन्द स्टेडियम में उतरा था. वहीं इसी स्टेडियम से कुछ देर पहले तत्कालीन सीएम हरीश रावत का भी हेलीकॉप्टर उड़ा था. पुलिस को लगा कि हरीश रावत दोबार आ गए हैं, या फिर कोई तकनीकी खराबी की वजह से सीएम के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. बल्कि हेलीकॉप्टर में से दो लोग उतरे.

gupta brothers
रितेश शाह

इन दोनों लोगों से तत्कालीन कनखल थाना प्रभारी रितेश शाह ने हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन मांगी तो उनके पास कोई परमिशन नहीं थी. इसके बाद थाना प्रभारी रितेश शाह दोनों भाइयों को अपने साथ सरकारी गाड़ी में बैठाकर सीधे कनखल थाने ले गए थे. उस समय किसी को भी इन दोनों लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

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लेकिन कुछ देर बाद ही जब संतों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि खुद थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी को एहसास हुआ कि ये आम आदमी नहीं हैं. बावजूद इसके थाना प्रभारी शाह इन्हें छोड़ने की तैयार नहीं थे, उनका साफ कहना था कि जब तक उन्हें परमिशन नहीं मिलेगी तबतक वो उन्हें नहीं छोड़ेंगे. हालांकि में बाद में पता चला कि इनके पास हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन थी, लेकिन वो परमिशन सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर से पुलिस थाने तक नहीं पहुंची थी. बाद में परमिशन दिखाने के बाद उनको छोड़ा गया. इस गलती के कारण राज्य सरकार ने तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा का तबादला कर दिया था. बाद में पुलिस को पता चला की गुप्ता बंधु अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता हैं.

उत्तराखंड में 200 करोड़ की शादी कर रहे गुप्ता बंधुओ को एक बार उत्तराखड का ये थाना अध्यक्ष बैठा ले आया था अपनी सरकारी गाडी में - घंटो बैठाया था थाने 




जो  गुप्ता बंधू इन दिनों उत्तराखंड की सबसे खर्चीली शादी को लेकर चर्चा में है जिनके घर की शादी में बतया जा रहा है की कई देश के राष्ट्रअध्यक्ष सहित देश की नामी हस्ती और पूरा बॉलीवुड आ रहा है उन्ही गुप्ता बंधुओ को उत्तराखंड के हरिद्वार में एक कोतवाल ने घंटो बैठा कर रखा था | औली में 200 करोड़ की शादी कर रहे गुप्ता ब्रदर्श को हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में तैनात इंचार्ज रितेश शाह ने उस वक्त इस लिए सरकारी गाडी में बैठा कर थाने लाना पड़ा था क्यूंकि इन बंधुओ ने बिना परमिशन के एक स्टेडियम के अपना हेलीकॉप्टर उतार दिया था हलाकि उस वक्त ना पुलिस को और ना प्रसासन को ये भनक थी की ये इंसान कौन है 

ये मामला बेहद रोचक है बात साल 2015 की है जब राज्य में हरीश रावत की सरकार थी | और गुप्ता बंधू इस वक्त की तरह ही उस वक्त भी सभी सरकारों में अच्छा खासा रसूख रखते थे | मामला एक शाम का है जब हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में अचानक से दयानन्द स्टेडियम में एक हेलीकॉप्टर ने गड़गड़ाहट की तो स्थानीय लोगो ने पुलिस को सुचना दी पहले पुलिस को लगा की कुछ देर पहले उसी स्टेडियम से उड़े मुख्यमंत्री हरीश रावत ही कहीं दुबारा तो  नहीं आ गए है या कोई तकनिकी खराबी की वजह से ये एमरजैंसी लेडिंग हो लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था | दरसल उस हेलीकॉप्टर में दो शख्स उतरे जिनसे स्थानीय पुलिस इंचार्ज रितेश शाह ने हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन मांगी दोनों भाई परमिशन नहीं दिखा पाए इस बात पर हेलीकॉप्टर से उतरे गुप्ता बंधुओ को रितेश शाह ने अपनी सरकारी गाडी में पीछे बैठाया और सीधे कनखल थाने ले आये उस वक्त तक भी ये किसी को नहीं मालूम था की आखिरकार ये इंसान है कौन


लेकिन कुछ ही देर बाद जब संतो के सबसे बड़े अखाड़े जूना के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि खुद थाने तक आ पहुंचे तो सबको मालूम हो गया था की हो ना हो ये इंसान कोई बड़ा आदमी ही है लेकिन रितेश शाह ने मानो कसम खा ली थी की जब तक परमिशन नहीं मिलेगी तब तक वो उन्हें नहीं छोड़ेंगे  बाद में मालूम हुआ की उनके पास हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन तो थी लेकिन वो परमिशन सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर से पुलिस थाने तक नहीं पहुंची थी बाद में परमिशन दिखाने के बाद उनको छोड़ा गया हलाकि बाद में इस गलती के लिए राज्य सरकार ने सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा का तबादला कर दिया था 

Regard's 
Kiran Kant Sharma 
Dehradun 
Mob. 9121292990

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