देहरादून: जिले के रायपुर ब्लॉक के सरवाना पंचायत और थाना न्याय पंचायत में तकरीबन 200 अपात्र किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत फर्जी तरीके से लाभार्थी बनाकर और उनके फर्जी हस्ताक्षर करके तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए के घोटाला उजागर हुआ है. उत्तराखंड कृषि विभाग ने घोटाले को अंजाम देने वाले अधिकारी राजदेव सिंह पंवार पर निलंबन की कार्रवाई डेढ़ हफ्ते पहले कर दी है. इस पूरे घोटाले में मुनाफा पाने वाली फर्म पर अभी तक ना तो कोई कार्रवाई हुई है और ना ही उनसे रिकवरी हुई है.
शासन के मुताबिक, इस पूरे घोटाले में कृषि विभाग ने कर विभाग को पत्र लिखा है. पत्र में मुनाफा पाने वाली फर्मों पर जीएसटी के माध्यम से जांच करने की मांग की गई है. उधर इस पूरे मामले की जांच कर रहे कर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर एनफोर्समेंट (जीएसटी) श्याम तिरुवा ने बताया कि कृषि विभाग के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी का पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है. जिसमें रायपुर ब्लॉक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत भुगतान प्राप्त करने वाली 5 कार्यदायी फर्म की जानकारी दी गई है. इन फर्म को किए गए भुगतान पर जीएसटी डिपार्टमेंट से जांच की मांग की गई है.
ये भी पढ़ेंः सफारी के लिहाज से रिजेक्ट हो चुकी थी इंटरसेप्टर, सवालों में उलझा चीला हादसा? इन जवाबों का इंतजार!
ये पांचों फर्म- मास्टर एंटरप्राइजेज, केटी एग्रोटेक, महाशक्ति एंटरप्राइजेज, यश एग्रोटेक, एवीएस एंटरप्राइजेज से है. कृषि विभाग द्वारा बताया गया है कि इन फर्म से ई वे बिल (E-Way Bill) मांगा गया था. लेकिन फर्म द्वारा इसकी जानकारी नहीं दी गई है. लिहाजा कृषि विभाग ने जीएसटी डिपार्टमेंट को इन फर्मों की जांच और उनके फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर मांग की है.
रजिस्टर्ड कार्यालय की होगी जांच: जांच कर रहे ज्वाइंट कमिश्नर श्याम तिरुवा ने बताया कि प्रथम दृष्टि पता चला है कि कुछ फर्म की रिटर्न में संदिग्धता है. इसके अलावा इन पांचों फर्म के स्वामियों के आपस में संबंधों वाले पहलू पर भी जांच की जाएगी. जांच अधिकारी ने बताया कि जीएसटी डिपाटर्मेंट इन फर्म के रजिस्टर्ड कार्यालय पर भी जाकर जांच पड़ताल करेगी. साथ ही जीएसटी डिपाटर्मेंट इन कार्यदायी संस्थाओं के हर पहलू पर जांच पड़ताल करेगी और किसी भी तरह से अगर कोई अनियमितता पाई जाएगी तो संगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.