ETV Bharat / state

'संकटमोचक' SDRF की एक और कंपनी को मिली मंजूरी, जानिए कैसा है एडवांस 'ऑपरेशनल' हेडक्वार्टर

उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने वाले संकटमोचक एसडीआरएफ बल में एक और कम्पनी का विस्तार किया गया है. प्रदेश सरकार ने इसे हरी झंडी देते हुए एक और कंपनी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास 180 करोड़ की लागत से बनने वाले और आपदाओं से निपटने वाले अत्याधुनिक SDRF ऑपरेशन हेडक्वार्टर का जायजा लिया.

ground-zero-report-on-sdrf-headquarter
उत्तराखंड में 'संकटमोचक' SDRF की एक और कंपनी को मिली मंजूरी
author img

By

Published : Jun 27, 2020, 7:30 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 10:08 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में साल 2013 में केदारनाथ धाम सहित अन्य पर्वतीय इलाकों में आई आपदा के दौरान बड़ी संख्या में राहत-बचाव ऑपरेशन चलाये गये. जिसके बाद राज्य में ऑपरेशन कार्य में अति महत्वपूर्ण और जरूरी मानते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन बल के रूप एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन बल) का गठन किया. तब से लेकर अबतक ये दल राज्य में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है. उत्तराखंड में संकट के समय SDRF की अहम भूमिका को देखते हुए लंबे समय से इसके विस्तार की मांग की जा रही थी. ऐसे में प्रदेश सरकार ने इसे हरी झंडी देते हुए SDRF बल में एक और कंपनी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

उत्तराखंड में 'संकटमोचक' SDRF की एक और कंपनी को मिली मंजूरी

वर्ष 2014 से अस्तित्व में आने के बाद एसडीआरएफ ने पिछले 16 सालों में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तमाम स्थितियों के दौरान संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए हजारों जिंदगियों को बचाया है. इस दौरान एसडीआरएफ ने कई मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए कई ऑपरेशन्स को अंजाम तक पहुंचाया है. विपदा के वक्त SDRF दल ने अपने टास्क को पूरा करते हुए अपना सर्वोच्च योगदान दिया है. इतना ही नहीं, SDRF दल ने माउंट एवरेस्ट फतह करने का कीर्तिमान भी हासिल किया है.

इस मौके पर ईटीवी भारत ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास 180 करोड़ की लागत से बनने वाले और आपदाओं से निपटने वाले अत्याधुनिक SDRF ऑपरेशन हेडक्वार्टर का जायजा लिया.

sdrf
जरूरी सामान से लैस एसडीआरएफ.

हाई एल्टीट्यूड में सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन में मददगार कीमती कपड़े/उपकरण

जॉलीग्रांट में तैयार होने वाले इस एसडीआरएफ हेडक्वार्टर के स्टोर रूम में हाई एल्टीट्यूड से लेकर दुर्गम हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए सभी तरह के सामान और उपकरण मौजूद हैं. इन उपकरणों से किसी भी जटिलता भरे ऑपरेशन को बेहतर तरीके से सफल बनाया जा सकता है.

ईटीवी भारत को स्टोर इंचार्ज सूर्यकांत उनियाल ने बताया कि हाई एल्टीट्यूड वाले दुर्गम बर्फीली पहाड़ियों में किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए इस तरह के अत्याधुनिक सामान जरूरी हैं, जो एसडीआरएफ टीम के पास भी मौजूद हैं.

sdrf
रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलाने के लिये सभी सामान मौजूद.

आपातकाल घटनाओं में काम आने वाले रेस्क्यू उपकरण

राज्य में प्राकृतिक आपदा के अलावा कई अन्य तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले जवानों ने बताया कि वर्ल्ड बैंक फंडिंग द्वारा उन्हें ऐसे-ऐसे उपकरण मुहैया करवाये गये हैं, जिससे कठिन से कठिन ऑपरेशन को भी सफल तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है.

sdrf
अत्याधुनिक सामान से लैस है एसडीआरएफ.

दूसरी तरफ एसडीआरएफ हेडक्वार्टर में बने कंट्रोल रूम में राज्य भर के अलग-अलग हिस्सों से आपदा सहित अन्य आपातकाल वाली घटनाओं की सूचनाएं आने के बाद 24 घंटे ऐसी टीम मौजूद हैं, जो तुरंत रिस्पॉन्स करती हैं. ऐसे में इस कंट्रोल रूम में आने वाली सूचनाओं को अलग-अलग सूचना तंत्र के माध्यम से प्रदेश में तैनात 34 से अधिक क्षेत्रों की SDRF पोस्टों तक पहुंचाया जाता है. ईटीवी भारत में इस कंट्रोल रूम में सूचनाओं के आने से लेकर इसके रिस्पॉन्स तक के बारे में विस्तार से जानकारी ली.

वहीं, एसडीआरएफ हेडक्वार्टर के एक हिस्से में ऐसे डॉग्स को भी ट्रेंनिग देकर तैयार किया जा रहा है जो किसी भी रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर हाई एल्टीट्यूड इलाकों में सर्च और राहत बचाव कार्य में मददगार हो सकते हैं. जर्मन शेफर्ड नस्ल के फिलहाल 8 कुत्तों को यहां तैयार किया जा रहा है. हालांकि आने वाले दिनों में यहां इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.

sdrf
जर्मन शेफर्ड कुत्तों की ट्रेनिंग.
sdrf
जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों की हो रही ट्रेनिंग.

180 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है 'ऑपरेशनल; हेडक्वार्टर प्रोजेक्ट

उत्तराखंड शासन के अंतर्गत आने वाले डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट प्रोजेक्ट के तहत वर्ल्ड बैंक की मदद से SDRF का भव्य ऑपरेशन हेडक्वार्टर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास तैयार किया जा रहा है. इसके पहले चरण का काम तेजी पर है. संबंधित शासन के अधिकारी व वर्ल्ड बैंक के अधिकारी समय-समय पर इस प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे हैं.

डेढ़ साल में यहां मौजूद होंगी सभी सुविधाएं: आईजी SDRF

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड शुरू से ही आपदाओं से घिरा रहता है. ऐसे में इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन का हेडक्वार्टर राज्य में ही रहे इसकी अति आवश्यकता है. ऐसे में अगले डेढ़ साल तक तैयार होने वाले इस ऑपरेशन बटालियन हेडक्वार्टर के पूरा होते ही यहां आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी प्रकार की ट्रेनिंग और सुविधाएं यहां उपलब्ध करवाई जाएंगी.

sdrf
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास बन रहा एडवांस हेडक्वार्टर.

प्राकृतिक आपदा से लेकर मैन मेड घटना को कंट्रोल करने में सहायक होगा हेडक्वार्टर

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक ये हेडक्वार्टर भविष्य में राज्य में आने वाली आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यहां प्राकृतिक आपदा से लेकर मैन मेड घटनाओं को कंट्रोल करने के तरीके जवानों को सिखाये जाएंगे. इसके अलावा यहां इसके लिए विशेष उपकरण भी उपलब्ध करवाये गये हैं. यहां एसडीआरएफ जवानों के परिवारों के लिए आवास भी बनाये जा रहे हैं. अगर SDRF के जवान राज्य के अलग-अलग आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहेंगे तो उनके परिवारों की देखरेख के लिए हेडक्वार्टर में ही आवासीय कैंपस बनाये गये हैं.

एयरपोर्ट के पास SDRF ऑपरेशन हेडक्वार्टर बनाने का भी उद्देश्य

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास एसडीआरएफ का ऑपरेशन हेडक्वार्टर लोकेशन बनाने का भी एक बड़ा कारण है. राज्य के किसी भी आपदा प्रभावित क्षेत्र में भारी त्रासदी के दौरान वहां तत्काल पहुंचा जा सके, एयरपोर्ट से हवाई सेवा के जरिए तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके इसका ध्यान रखते हुए इसे एयरपोर्ट के नजदीक बनाया गया है.

sdrf
तुरंत रिस्पॉन्स करती है एसडीआरएफ टीम.

5वीं कंपनी को मिली मंजूरी

वहीं, आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक सरकार ने SDRf की एक और 5वीं कंपनी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद SDRF बल और मजबूत हो जाएगा. इससे आपदाओं में नुकसान कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया फिलहाल, नई कंपनी गठन के बारे रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा शुरू होने जा रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में साल 2013 में केदारनाथ धाम सहित अन्य पर्वतीय इलाकों में आई आपदा के दौरान बड़ी संख्या में राहत-बचाव ऑपरेशन चलाये गये. जिसके बाद राज्य में ऑपरेशन कार्य में अति महत्वपूर्ण और जरूरी मानते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन बल के रूप एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन बल) का गठन किया. तब से लेकर अबतक ये दल राज्य में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है. उत्तराखंड में संकट के समय SDRF की अहम भूमिका को देखते हुए लंबे समय से इसके विस्तार की मांग की जा रही थी. ऐसे में प्रदेश सरकार ने इसे हरी झंडी देते हुए SDRF बल में एक और कंपनी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

उत्तराखंड में 'संकटमोचक' SDRF की एक और कंपनी को मिली मंजूरी

वर्ष 2014 से अस्तित्व में आने के बाद एसडीआरएफ ने पिछले 16 सालों में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तमाम स्थितियों के दौरान संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए हजारों जिंदगियों को बचाया है. इस दौरान एसडीआरएफ ने कई मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए कई ऑपरेशन्स को अंजाम तक पहुंचाया है. विपदा के वक्त SDRF दल ने अपने टास्क को पूरा करते हुए अपना सर्वोच्च योगदान दिया है. इतना ही नहीं, SDRF दल ने माउंट एवरेस्ट फतह करने का कीर्तिमान भी हासिल किया है.

इस मौके पर ईटीवी भारत ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास 180 करोड़ की लागत से बनने वाले और आपदाओं से निपटने वाले अत्याधुनिक SDRF ऑपरेशन हेडक्वार्टर का जायजा लिया.

sdrf
जरूरी सामान से लैस एसडीआरएफ.

हाई एल्टीट्यूड में सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन में मददगार कीमती कपड़े/उपकरण

जॉलीग्रांट में तैयार होने वाले इस एसडीआरएफ हेडक्वार्टर के स्टोर रूम में हाई एल्टीट्यूड से लेकर दुर्गम हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए सभी तरह के सामान और उपकरण मौजूद हैं. इन उपकरणों से किसी भी जटिलता भरे ऑपरेशन को बेहतर तरीके से सफल बनाया जा सकता है.

ईटीवी भारत को स्टोर इंचार्ज सूर्यकांत उनियाल ने बताया कि हाई एल्टीट्यूड वाले दुर्गम बर्फीली पहाड़ियों में किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए इस तरह के अत्याधुनिक सामान जरूरी हैं, जो एसडीआरएफ टीम के पास भी मौजूद हैं.

sdrf
रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलाने के लिये सभी सामान मौजूद.

आपातकाल घटनाओं में काम आने वाले रेस्क्यू उपकरण

राज्य में प्राकृतिक आपदा के अलावा कई अन्य तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले जवानों ने बताया कि वर्ल्ड बैंक फंडिंग द्वारा उन्हें ऐसे-ऐसे उपकरण मुहैया करवाये गये हैं, जिससे कठिन से कठिन ऑपरेशन को भी सफल तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है.

sdrf
अत्याधुनिक सामान से लैस है एसडीआरएफ.

दूसरी तरफ एसडीआरएफ हेडक्वार्टर में बने कंट्रोल रूम में राज्य भर के अलग-अलग हिस्सों से आपदा सहित अन्य आपातकाल वाली घटनाओं की सूचनाएं आने के बाद 24 घंटे ऐसी टीम मौजूद हैं, जो तुरंत रिस्पॉन्स करती हैं. ऐसे में इस कंट्रोल रूम में आने वाली सूचनाओं को अलग-अलग सूचना तंत्र के माध्यम से प्रदेश में तैनात 34 से अधिक क्षेत्रों की SDRF पोस्टों तक पहुंचाया जाता है. ईटीवी भारत में इस कंट्रोल रूम में सूचनाओं के आने से लेकर इसके रिस्पॉन्स तक के बारे में विस्तार से जानकारी ली.

वहीं, एसडीआरएफ हेडक्वार्टर के एक हिस्से में ऐसे डॉग्स को भी ट्रेंनिग देकर तैयार किया जा रहा है जो किसी भी रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर हाई एल्टीट्यूड इलाकों में सर्च और राहत बचाव कार्य में मददगार हो सकते हैं. जर्मन शेफर्ड नस्ल के फिलहाल 8 कुत्तों को यहां तैयार किया जा रहा है. हालांकि आने वाले दिनों में यहां इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.

sdrf
जर्मन शेफर्ड कुत्तों की ट्रेनिंग.
sdrf
जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों की हो रही ट्रेनिंग.

180 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है 'ऑपरेशनल; हेडक्वार्टर प्रोजेक्ट

उत्तराखंड शासन के अंतर्गत आने वाले डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट प्रोजेक्ट के तहत वर्ल्ड बैंक की मदद से SDRF का भव्य ऑपरेशन हेडक्वार्टर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास तैयार किया जा रहा है. इसके पहले चरण का काम तेजी पर है. संबंधित शासन के अधिकारी व वर्ल्ड बैंक के अधिकारी समय-समय पर इस प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे हैं.

डेढ़ साल में यहां मौजूद होंगी सभी सुविधाएं: आईजी SDRF

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड शुरू से ही आपदाओं से घिरा रहता है. ऐसे में इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन का हेडक्वार्टर राज्य में ही रहे इसकी अति आवश्यकता है. ऐसे में अगले डेढ़ साल तक तैयार होने वाले इस ऑपरेशन बटालियन हेडक्वार्टर के पूरा होते ही यहां आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी प्रकार की ट्रेनिंग और सुविधाएं यहां उपलब्ध करवाई जाएंगी.

sdrf
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास बन रहा एडवांस हेडक्वार्टर.

प्राकृतिक आपदा से लेकर मैन मेड घटना को कंट्रोल करने में सहायक होगा हेडक्वार्टर

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक ये हेडक्वार्टर भविष्य में राज्य में आने वाली आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यहां प्राकृतिक आपदा से लेकर मैन मेड घटनाओं को कंट्रोल करने के तरीके जवानों को सिखाये जाएंगे. इसके अलावा यहां इसके लिए विशेष उपकरण भी उपलब्ध करवाये गये हैं. यहां एसडीआरएफ जवानों के परिवारों के लिए आवास भी बनाये जा रहे हैं. अगर SDRF के जवान राज्य के अलग-अलग आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहेंगे तो उनके परिवारों की देखरेख के लिए हेडक्वार्टर में ही आवासीय कैंपस बनाये गये हैं.

एयरपोर्ट के पास SDRF ऑपरेशन हेडक्वार्टर बनाने का भी उद्देश्य

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास एसडीआरएफ का ऑपरेशन हेडक्वार्टर लोकेशन बनाने का भी एक बड़ा कारण है. राज्य के किसी भी आपदा प्रभावित क्षेत्र में भारी त्रासदी के दौरान वहां तत्काल पहुंचा जा सके, एयरपोर्ट से हवाई सेवा के जरिए तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके इसका ध्यान रखते हुए इसे एयरपोर्ट के नजदीक बनाया गया है.

sdrf
तुरंत रिस्पॉन्स करती है एसडीआरएफ टीम.

5वीं कंपनी को मिली मंजूरी

वहीं, आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक सरकार ने SDRf की एक और 5वीं कंपनी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद SDRF बल और मजबूत हो जाएगा. इससे आपदाओं में नुकसान कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया फिलहाल, नई कंपनी गठन के बारे रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा शुरू होने जा रही है.

Last Updated : Jun 29, 2020, 10:08 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.