देहरादून: बाहरी राज्यों से अपने गांव आ रहे प्रवासियों को सामुदायिक केंद्रों और स्कूलों में क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को सौंपी थी. ताकि पहाड़ के ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैलने से रोका जा सके. लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों में अभी भी तमाम पद खाली पड़े हुए हैं, वहां पर व्यवस्था जुटाने में यानी प्रवासियों को क्वारंटाइन करने में थोड़ी समस्या आ सकती है.
प्रदेश भर में कुल 5075 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से करीब 93 ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के तीन पद खाली पड़े हैं. इस बारे में जब शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के बात कि गई तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए पूरा सरकारी सिस्टम काम कर रहा है. पंचायतें इसमें अच्छा काम कर रही हैं.
क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए सरकार ने सभी ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया है. तमाम ग्राम प्रधानों ने बहुत अच्छी व्यवस्था भी की है. जिनके काम को सरकार ने सराहा भी है. ग्राम पंचायत इन्हीं सिस्टम का एक पार्ट है. जो प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था बनाने का काम कर रही है. प्रशासन ग्राम पंचायतों की पूरी मदद कर रहा है, जहां ग्राम पंचायत में पद खाली हैं वहां प्रशासन सारा काम अपने हाथों में लिया हुआ है.
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उत्तराखंड राज्य में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रवासियों के आने से पहले उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिले पूरी तरह से कोरोना मुक्त थे. लेकिन प्रवासियों के आने के बाद कोरोना ने पहाड़ में भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.