देहरादूनः राज्य सरकार अब एसिड अटैक पीड़िता और पूर्ण रूप से दिव्यांग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने जा रही है. इसके लिए सरकार की ओर से एक योजना लाने की तैयारी की जा रही है. जिसमें सरकार की ओर से इन महिलाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा.
महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि एसिड अटैक पीड़िता और जन्म से ही पूर्ण रूप से दिव्यांग महिलाओं के उत्थान के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जिसके माध्यम से सरकार की ओर से इन सभी महिलाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा. साथ ही कहा कि उम्मीद है कि पंचायत चुनाव के संपन्न होने के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा.
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वहीं, अधिवक्ता नितिन नारंग ने बताया कि एसिड अटैक के मामले में आईपीसी की धारा 326 (ए) और 326 (बी) के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती है. ऐसे मामलों में कम से कम 10 साल की सजा के साथ उम्र कैद की भी सजा का प्रावधान है. इसके अलावा पीड़िता के लिए इस अपराध में मुआवजे का भी प्रावधान रखा गया है.
उन्होंने बताया कि किसी पर एसिड अटैक होता है तो सीआरपीसी की धारा 357 (सी) के तहत पीड़िता किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर मुफ्त प्राथमिक उपचार ले सकती है. ऐसी स्थिति में यदि कोई अस्पताल प्राथमिक उपचार देने से मना करता है तो उस अस्पताल के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है.