देहरादूनः उत्तराखंड में अभी सीनियरिटी के आधार पर नर्सिंग की भर्ती का मामला चर्चाओं में है. इसी बीच अब नर्सिंग के ही एक अधिकारी के खिलाफ शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. यह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि रामकुमार शर्मा हैं. जो कि पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ राजस्थान में चुनाव आचार संहिता के दौरान एक कार्यक्रम में मौजूद रहने को लेकर चर्चाओं में आए थे.
रामकुमार शर्मा उत्तराखंड में नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार और स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्रिंसिपल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. फिलहाल, रामकुमार शर्मा राजकीय नर्सिंग कॉलेज चंपावत में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. रामकुमार शर्मा पिछले दिनों भी तमाम शिकायतों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर अब उनके खिलाफ शासन ने जांच के आदेश कर दिए हैं.
रामकुमार शर्मा पर लगे हैं ये आरोपः दरअसल, रामकुमार शर्मा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं. शासन की ओर से जांच के लिए जो आदेश जारी किए गए हैं, उसके अनुसार रामकुमार शर्मा पर पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज की सीट बढ़ाने, नए कॉलेज खोलने और राज्य नर्सिंग काउंसिल से मान्यता दिलाने के नाम पर संस्थाओं से धनराशि मांगने के आरोप हैं.
शासन में इसको लेकर काफी लंबे समय से चर्चा सुनी जा रही थी, लेकिन अब मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रकरण पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. खास बात ये है कि जांच कमेटी को एक हफ्ते के भीतर तमाम शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कह दिया गया है.
उत्तराखंड शासन ने चार सदस्य कमेटी गठित की है. जिसमें हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति हेमचंद्र, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में संयुक्त निदेशक अजीत मोहन जौहरी, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में संयुक्त निदेशक महेंद्र कुमार पंत और उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार मनीषा ध्यानी शामिल हैं.
उत्तराखंड में नर्सिंग भर्ती पिछले दिनों काफी चर्चाओं में रही थी. इसमें चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में गड़बड़ी की भी शिकायतें मिली थी. जिसके आधार पर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की सत्यापन भी करवाए जा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि नर्सिंग की इसी विवादित भर्ती के बीच तमाम विवादों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले रामकुमार शर्मा भी अब शासन की ओर से गठित समिति की जांच के दायरे में आ गए हैं.