देहरादूनः चमोली जिले के हेलंग में चारापत्ती विवाद का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि यहां एक नए मामले ने वन विभाग की नींद हराम कर दी है. यहां पेड़ कटान का मामला सामने आया है. जिस पर शासन स्तर से प्रमुख वन संरक्षक को एक पत्र लिखा गया है. जिसमे हेलंग घाटी में पेड़ काटे जाने की शिकायत के मामले पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से मामले में हस्तक्षेप के बाद यह मुद्दा राजनीतिक रूप ले चुका है. यही वजह है कि अब सरकार इस मामले पर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. हेलंग गांव में घस्यारी महिलाओं के साथ बदसलूकी के मामले में न केवल उत्तराखंड बल्कि, देशभर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है.
जब से महिलाओं की पीठ से घास का बोझा छीनने का प्रयास करने का वीडियो सामने आया, उसके बाद सरकार को भी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है. मामला गर्माने के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में कमिश्नर स्तर से जांच कराने के आदेश दे चुके हैं. साथ ही मामले पर जिलाधिकारी समेत जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी भी संबंधित क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय लोगों से बात कर चुके हैं.
उधर, शासन में उप सचिव सत्य प्रकाश सिंह की ओर से लिखे गए एक पत्र से एक बार फिर यह मामला गर्म हो गया है. दरअसल, इस पत्र में स्थानीय निवासी मंदोदरी देवी की शिकायत का जिक्र करते हुए इस क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने की जांच करने के लिए कहा गया है. पत्र में बताया गया है कि हेलंग के राजस्व भूमि के नीचे चारागाह क्षेत्र में पीपलकोटी विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के टीएचडीसी कंपनी की ओर से पेड़ों का कटान करवाया गया है.
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प्रमुख वन संरक्षक ने कही ये बातः इस मामले में यह पत्र प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल को लिखा गया है. खास बात ये है कि बीती 18 जुलाई को लिखे गए इस पत्र की जानकारी अब तक प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल को नहीं थी. इस मामले को जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पत्र की जानकारी नहीं है, लेकिन यदि ऐसा कोई पत्र है तो इस मामले की नियमों के हिसाब से जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी.
क्या था मामलाः गौर हो कि बीती 15 जुलाई को जोशीमठ के हेलंग गांव में घास लेकर आ रही कुछ घस्यारी महिलाओं से पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उनके बोझे को छीनने का प्रयास किया था. जिसका वीडियो जमकर वायरल हुआ. वायरल वीडियो में एक महिला रोती नजर आ रही थी. जबकि, दूसरी महिला से घास का बोझा छीनने का प्रयास किया जा रहा था.
वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और प्रदेशभर में पुलिस के इस रवैये को लेकर रोष देखने को मिला. मामला वन पंचायत की भूमि से जुड़ा है. जहां पीपलकोटी विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के तहत हेलंग में सुरंग बनाने का कार्य कर रही कंपनी खेल मैदान बनाने के नाम पर डंपिंग जोन बना रही है.
मामले में लोगों ने कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तो पुलिस ने अपने बयान में कहा कि यहां पर खेल मैदान का निर्माण किया जा रहा है. जिस पर ग्राम सभा हेलंग की मंजूरी है. कार्यदायी संस्था टीएचडीसी की ओर से हेलंग गांव में डंपिंग यार्ड बनाया जा रहा है. जिसको बाद में खेल मैदान बनाकर ग्रामीणों के सुपुर्द कर दिया जाएगा, लेकिन हेलंग गांव के कई ग्रामीणों डंपिंग यार्ड बनाने का विरोध कर रहे हैं.
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बताया जा रहा है कि इस सरकारी जमीन पर कुछ ग्रामीणों ने गोशाला बना रखी है, जिसकी वजह से वो डंपिंग यार्ड का विरोध कर रहे हैं. बीते दिनों तहसीलदार के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंची और निर्माण कार्य का विरोध कर रहे लोगों से बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की. प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना था कि जिस हेलंग गांव की जिस भूमि पर डंपिंग यार्ड का विरोध हो रहा है, वो सरकारी भूमि है.
तहसील और पुलिस प्रशासन ने डंपिंग यार्ड निर्माण का विरोध कर रही महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन महिलाएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं. जिसके बाद पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों हिरासत में लेकर जोशीमठ थाने ले गई. फिर जाकर निर्माण कार्य शुरू किया गया. उधर, मामला सीएम धामी के पास भी पहुंच गया. उन्होंने मामले में तत्काल जांच करने के आदेश दिए हैं.