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चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए सरकार की नई पहल, विदेशों में हो रहा एक्सपोर्ट

चीनी मिलों को घाटे से उबारने और मदद करने के लिए सरकार साल 2017-18 के पुराने स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रिप स्कीम के तहत विदेशों में निर्यात कर रही है. साथ ही शुगर मिल को सब्सिडी भी दे रही है.

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Published : Jul 24, 2019, 11:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 12:06 AM IST

sugar mills

डोइवालाः घाटे में चल रही सरकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत साल 2017-18 में बचे चीनी के स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत बाहर भेजा जा रहा है. वहीं, सरकार शुगर मिल को प्रति क्विंटल 1132 रुपये सब्सिडी के रूप में भी दे रही है.

बता दें कि डोइवाला की शुगर मिल को सालाना करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा था. जिसके चलते चीनी मिल पर किसानों और कर्मचारियों का करीब 20 करोड़ रुपया बकाया है. किसान और कर्मचारी पैसों के भुगतान की लगातार मांग कर रहे हैं.

इसी कड़ी में कृषि मंत्रालय के फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने और मदद करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है. जिसमें चीनी मिलों के साल 2017 और 2018 के पुराने स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत विदेशों में निर्यात किया जा रहा है.

चीनी मिलों को घाटे से उबारने के सरकार ने शुरू की पहल.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में कई IAS और PCS अधिकारी इधर से उधर, यहां देखें ट्रांसफर की पूरी लिस्ट

डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि पहली बार सरकार ने ये योजना शुरू की है. इसमें चीनी के पुराने स्टॉक को बाहर भेजा जा रहा है. इसके लिए आगामी 31 सितंबर तक एक्सपोर्ट कोटा भेजने का समय निर्धारित किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट के तहत 2150 रुपये चीनी के दाम तय किए गए हैं. जिसमें सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. साथ ही कहा कि 47 हजार 460 क्विंटल चीनी को बाहर भेजा जा रहा है.

अधिशासी निदेशक का कहना है कि सरकार की ये अच्छी पहल है. इससे घाटे में चल रही चीनी मिलों को भी एक मुस्त पैसा भी मिल जाएगा. जिससे चीनी मिलों द्वारा लिए गए बैंक के लोन को हटाने के लिए एकमुश्त रकम बैंक में जमा हो जाएगी. ऐसे में चीनी मिलों को कुछ राहत भी मिलेगी.

डोइवालाः घाटे में चल रही सरकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत साल 2017-18 में बचे चीनी के स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत बाहर भेजा जा रहा है. वहीं, सरकार शुगर मिल को प्रति क्विंटल 1132 रुपये सब्सिडी के रूप में भी दे रही है.

बता दें कि डोइवाला की शुगर मिल को सालाना करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा था. जिसके चलते चीनी मिल पर किसानों और कर्मचारियों का करीब 20 करोड़ रुपया बकाया है. किसान और कर्मचारी पैसों के भुगतान की लगातार मांग कर रहे हैं.

इसी कड़ी में कृषि मंत्रालय के फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने और मदद करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है. जिसमें चीनी मिलों के साल 2017 और 2018 के पुराने स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत विदेशों में निर्यात किया जा रहा है.

चीनी मिलों को घाटे से उबारने के सरकार ने शुरू की पहल.

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डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि पहली बार सरकार ने ये योजना शुरू की है. इसमें चीनी के पुराने स्टॉक को बाहर भेजा जा रहा है. इसके लिए आगामी 31 सितंबर तक एक्सपोर्ट कोटा भेजने का समय निर्धारित किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट के तहत 2150 रुपये चीनी के दाम तय किए गए हैं. जिसमें सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. साथ ही कहा कि 47 हजार 460 क्विंटल चीनी को बाहर भेजा जा रहा है.

अधिशासी निदेशक का कहना है कि सरकार की ये अच्छी पहल है. इससे घाटे में चल रही चीनी मिलों को भी एक मुस्त पैसा भी मिल जाएगा. जिससे चीनी मिलों द्वारा लिए गए बैंक के लोन को हटाने के लिए एकमुश्त रकम बैंक में जमा हो जाएगी. ऐसे में चीनी मिलों को कुछ राहत भी मिलेगी.

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चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए भारत सरकार ने शुरू की नई पहल अब चीनी के बचे स्टॉक को बाहर भेजा जा रहा है ।

घाटे में चल रही सरकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने नई पहल शुरू की है जिसमें सन 17 व 18 की बची चीनी को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रिप स्कीम के तहत बाहर भेजा जा रहा है और शुगर मिल को भारत सरकार द्वारा 1132 रुपया सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जा रहा है

डोईवाला की शुगर मिल को करोड़ों का नुकसान हर वर्ष झेलना पढ़ रहा है जिसके चलते चीनी मिल पर किसानों व कर्मचारियों का 20 करोड़ रुपिया बकाया चल रहा है और किसान व कर्मचारी पैसों के भुगतान की मांग कर रहे हैं लेकिन अब भारत सरकार के फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने और मदद करने के लिए एक पहल की शुरुआत की गई है जिसमें चीनी मिलों के सन 2017 18 के पुराने स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रिप स्कीम के तहत बाहर भेजा जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा चीनी को 2150 रुपए के दाम पर खरीदा गया है जिस पर केंद्र सरकार 1132 रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी ।


Body:डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि पहली बार केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा सरकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने और राहत देने के लिए यह योजना शुरू की गई है और 2017 व 18 के पुराने स्टॉक को बाहर भेजा जा रहा है और 31 सितंबर तक एक्सपोर्ट कोटा भेजने का समय निर्धारित किया गया है और अंतरराष्ट्रीय मार्केट के तहत 2150 रुपया चीनी के दाम तय किए गए हैं जिसमें भारत सरकार 1132 रुपए प्रति कुंटल की सब्सिडी प्रदान कर रही है वही 47460 कुंतल चीनी को बाहर भेजा जा रहा है ।


Conclusion: अधिशासी निदेशक ने बताया कि भारत सरकार की एक अच्छी पहल है और इसके तहत पुरानी चीनी को खरीद कर बाहर भेजा जा रहा है जिससे घाटे में चल रही चीनी मिलों को भी एक मुस्त पैसा मिल जाएगा जिससे चीनी मिलों द्वारा लिए गए बैंक के लोन को हटाने के लिए एकमुश्त रकम बैंक में जमा हो जाएगी जिससे घाटे में चल रही चीनी मिलों को कुछ राहत मिलेगी ।

बाईट मनमोहन सिंह रावत अधिशासी निदेशक डोईवाला शुगर मिल
Last Updated : Jul 25, 2019, 12:06 AM IST
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