देहरादूनः उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन से गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार रिवर्स पलायन कराने को लेकर तमाम योजनाएं संचालित कर रही है, ताकि उत्तराखंड के खाली हुए गांव को फिर से बसाया जा सके. उत्तराखंड के गांव कैसे विकसित करें इस संबंध में राज्य सरकार, नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रही है. जिसके लिए 17 विभागों के अधिकारी राज्य के नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देंगे, ताकि पंचायतों की कार्यप्रणाली को समझ सके.
इस संबंध में 17 और 18 जनवरी को देहरादून में कार्यशाला रखी गई है. जिसमें 17 विभागों के अधिकारी शामिल होंगे, जो मास्टर ट्रेनर के रूप में ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को ट्रेनिंग देंगे. यही नहीं नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए कुछ संस्थाओं को भी चयनित किया जाएगा. इसके बाद ग्राम प्रधानों के ब्लॉक और ग्राम पंचायत सदस्यों के न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण के कार्यक्रम तय किए जाएंगे.
क्षेत्र पंचायत सदस्यों का प्रशिक्षण ब्लॉक स्तर और जिला पंचायत सदस्यों का रुद्रपुर में इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का प्रशिक्षण प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में होगा. गौर हो कि हाल ही में हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हुए हैं जिसमें हजारों पंचायत प्रतिनिधि पहली बार चुने गए हैं.
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लिहाजा नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों की कार्यप्रणाली से अवगत कराने के मद्देनजर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए कवायद की जा रही है. ताकि पंचायत प्रतिनिधि पंचायतों की कार्यप्रणाली की बारीकियों को समझते हुए गांव का विकास कर सके.