देहरादून: प्राइवेट स्कूलों की तरह अब सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की अलग पहचान होगी. इसके लिए शिक्षकों के आईडी कार्ड बनाए जाएंगे. सरकारी स्कूल में कौन सा अध्यापक पढ़ा रहा है, वह किस स्कूल में कार्यरत है, यह अब पूछने की जरूरत नहीं होगी. अध्यापकों को देखते ही उनके बारे में सबकुछ पता लग जाएगा.
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब उत्तराखंड राज्य में पहली बार सरकारी बेसिक स्कूलों के शिक्षकों को ड्यूटी समय के दौरान अपने गले में पहचान पत्र पहनना होगा. इस व्यवस्था के दायरे में अस्थाई और संविदा के तहत काम कर रहे 34,275 शिक्षक भी आएंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के बजट में आई कार्ड बनाने के बजट का प्रावधान किया है. यह आईकार्ड जिला परियोजना अधिकारी के स्तर पर बनाए जाएंगे. इसके तहत कार्ड की अधिकतम लागत 50 रुपए तक होगी.
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उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षकों के लिए बनाए जा रहे आईकार्ड में शिक्षक संबंधी सभी जानकारियां होगी. कार्ड पर नाम, स्कूल का नाम, पद, ब्लड ग्रुप, गांव का पता, मोबाइल नंबर, विभागीय पता, आदि तमाम जानकारियां दी जाएंगी. यह कार्ड शिक्षकों को नीले रंग की डोरी से गले में पहनाया जाएगा. स्कूल ड्यूटी के दौरान हर शिक्षक को यह कार्ड पहनना अनिवार्य होगा, जो शिक्षक को विशिष्ट पहचान देगा.
जिलों के प्राथमिक शिक्षकों की संख्या
देहरादून | 3,366 |
हरिद्वार | 3274 |
पौड़ी | 3,931 |
उधम सिंह नगर | 3,164 |