देहरादून: उत्तराखंड में वापस लौट रहे प्रवासियों ने अब सरकार की नींद उड़ा दी है. प्रवासियों के लौटने के बाद जिस प्रकार से प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैला है, उसको लेकर सरकार चिंतित नजर आ रही है. दिन-प्रतिदिन बढ़ते आंकड़ों के ग्राफ को देखते हुये अब राज्य सरकार ने क्वारंटाइन सेंटरों को बढ़ाने की कवायद में लगी है.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक की मानें तो प्रवासियों को घर लाना सरकार की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को सरकार बखूबी निभा भी रही है. लेकिन जिस प्रकार से बाहर से लौट रहे प्रवासियों के आने से कोरोना संक्रमण बढ़ा है, उससे सरकार चिंतित है. मदन कौशिक ने बताया कि सरकार को यह आभास पहले से ही था कि जैसे ही प्रवासियों को लाने का काम किया जाएगा, कोरोना संक्रमितों मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाएगी. इसलिए सरकार ने अपनी तैयारी पहले से ही पुख्ता कर रखी है.
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गौर हो कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को आया था. 15 मार्च से 4 मई तक लगभग 60 के करीब मामले सामने आए थे. लेकिन जब से प्रवासियों को लाने का काम पर प्रदेश में शुरू हुआ है तब से ही कोरोना संक्रमण के मामले एकदम से बढ़े हैं. हालात ये हैं कि अब आंकड़ा 330 के पार पहुंच गया है.
लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखते हुए अगर सरकार आने वाले समय में इस बीमारी से निपटने के लिए अपनी तैयारी पुख्ता नहीं करती है तो फिर उत्तराखंड के लिये आने वाला समय और भयावह हो सकता है.
सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सभी जिलाधिकारी को सूचित कर दिया गया है कि वह अपने जनपद में क्वारंटाइन सेंटरों को बढ़ाने के साथ-साथ अस्पतालों में भी इस बीमारी को लेकर पुख्ता व्यवस्थाओं को मुकम्मल करें, जिससे आने वाले समय में अगर यह बीमारी और बढ़ती है तो फिर उस स्थिति से निपटा जा सके. उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ रहे मामलों की चुनौती को सरकार स्वीकार कर रही है, लेकिन राज्य सरकार जो भी निर्णय लेगी वो राज्य हित में लेगी.