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जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर लगी आपत्तियों का होगा निस्तारण

देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विस्तार किया जाना है. लेकिन आस-पास वन क्षेत्र होने के चलते केंद्रीय वन्य जीव बोर्ड की तरफ से 14 आपत्तियां लगाई गई थी. सरकार ने इन आपत्तियों का जवाब वन्य जीव बोर्ड को भेज दिया है.

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Published : Dec 1, 2020, 3:44 PM IST

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आपत्तियों का होगा निस्तारण

देहरादून : राजधानी देहरादून में जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर दर्ज कराई गई विभिन्न आपत्तियों को निस्तारित करने के प्रयास चल रहे हैं. केंद्रीय वन्य जीव बोर्ड की तरफ से आपत्तियां लगाई गई थी, जिस पर फिलहाल सरकार की तरफ से जवाब भेज दिया गया है.

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के आस-पास लच्छीवाला और बड़कोट वन क्षेत्र होने के चलते केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड की तरफ से इसको लेकर कुछ आपत्तियां लगाई गई है. बोर्ड की तरफ से लगाई गई 14 आपत्तियों में वन्यजीवों की सुरक्षा और उन पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े विषय है.

बता दें कि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर इन दिनों काम प्रगति पर है. सरकार की तरफ से इसके लिए करीब 105 हेक्टेयर भूमि भी चिन्हित कर ली गई है. दरअसल, ऋषिकेश के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विकसित किया जाना है,

लिहाजा, एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के लिए रनवे से लेकर इनके लिए जरूरी क्षेत्र और यात्रियों की सुविधाओं के लिए दूसरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि की जरूरत है. इसके लिए सरकार ने आस-पास की जमीन को चिन्हित तो कर लिया है, लेकिन यहां वन क्षेत्र होने के चलते वन एवं पर्यावरण विभाग की विभिन्न आपत्तियों से सरकार को जूझना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें : पूर्व मुख्य सचिव को लोकसभा में बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर सीएम ने दी बधाई

बहरहाल, यह योजना करीब 285 करोड़ रुपए की लागत से पूरी होनी है. बोर्ड की तरफ से दी गई विभिन्न आपत्तियों के मद्देनजर सरकार की तरफ से जवाब भेज दिया गया है. वहीं, जिन आपत्तियों को केंद्रीय वन बोर्ड ने दर्ज करवाया है. उनके निस्तारण के लिए डीएफओ स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.

देहरादून : राजधानी देहरादून में जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर दर्ज कराई गई विभिन्न आपत्तियों को निस्तारित करने के प्रयास चल रहे हैं. केंद्रीय वन्य जीव बोर्ड की तरफ से आपत्तियां लगाई गई थी, जिस पर फिलहाल सरकार की तरफ से जवाब भेज दिया गया है.

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के आस-पास लच्छीवाला और बड़कोट वन क्षेत्र होने के चलते केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड की तरफ से इसको लेकर कुछ आपत्तियां लगाई गई है. बोर्ड की तरफ से लगाई गई 14 आपत्तियों में वन्यजीवों की सुरक्षा और उन पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े विषय है.

बता दें कि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर इन दिनों काम प्रगति पर है. सरकार की तरफ से इसके लिए करीब 105 हेक्टेयर भूमि भी चिन्हित कर ली गई है. दरअसल, ऋषिकेश के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विकसित किया जाना है,

लिहाजा, एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के लिए रनवे से लेकर इनके लिए जरूरी क्षेत्र और यात्रियों की सुविधाओं के लिए दूसरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि की जरूरत है. इसके लिए सरकार ने आस-पास की जमीन को चिन्हित तो कर लिया है, लेकिन यहां वन क्षेत्र होने के चलते वन एवं पर्यावरण विभाग की विभिन्न आपत्तियों से सरकार को जूझना पड़ रहा है.

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बहरहाल, यह योजना करीब 285 करोड़ रुपए की लागत से पूरी होनी है. बोर्ड की तरफ से दी गई विभिन्न आपत्तियों के मद्देनजर सरकार की तरफ से जवाब भेज दिया गया है. वहीं, जिन आपत्तियों को केंद्रीय वन बोर्ड ने दर्ज करवाया है. उनके निस्तारण के लिए डीएफओ स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.

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