देहरादून: प्रदेश के 992 सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ईटीवी भारत की ओर से नवंबर 2020 में इस खबर को प्रमुखता से दिखाया गया था. जिसका संज्ञान लेते हुए बाल आयोग की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण के तहत अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि जल्द ही प्रदेश के ऐसे सभी विद्यालयों में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि, प्रदेश के 992 सरकारी स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था न होने को लेकर धर्म नगरी हरिद्वार के रहने वाले मनोज निषाद की ओर से बाल आयोग को शिकायत पत्र भेजा गया था. जिसके बाद स्कूलों में पीने के लिए जल की व्यवस्था न होने को लेकर बाल आयोग ने 15 दिनों में निदेशक माध्यमिक शिक्षा से जवाब तलब किया था.
अब इस पूरे मामले पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल की ओर से बाल आयोग को पत्र लिखा गया है, जिसमें यह बताया गया है कि जनपद स्तर पर पेयजल विहीन विद्यालयों का सर्वे किया गया है. इस सर्वे के आधार पर विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा के कुल 132 विद्यालयों और प्राथमिक शिक्षा के कुल 1097 विद्यालयों में पेयजल संयोजन किया जाना है. जिसमें पेयजल संयोजन के लिए जल जीवन मिशन और हंस फाउंडेशन को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
ईटीवी भारत की ओर से प्रमुखता से खबर दिखाए जाने को लेकर शिकायत पत्र लिखने वाले धर्मनगरी हरिद्वार निवासी मनोज निषाद ने ईटीवी भारत की पूरी टीम को धन्यवाद दिया है. साथ ही उम्मीद जताई है कि अब जल्द ही प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो सकेगी.
पढ़ें: जहां से बहती हैं गंगा-यमुना उस प्रदेश के 992 स्कूलों में नहीं जल, कैसे संवरेगा 'कल'?
बता दें कि, आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल 21,093 स्कूल हैं. जिनमें 20,101 स्कूलों तक पीने के पानी उपलब्ध है. बाकी 992 स्कूलों में पेयजल लाइन पहुंचना बाकी है. इसके साथ ही राज्य में कुल 18,727 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें 13,754 केंद्रों तक पानी का कनेक्शन है. बाकी बचे 4,973 आंगनबाड़ी केंद्रों को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा जाना है.