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बिना छत का जर्जर विद्यालयी भवन हादसे को दे रहा दावत, खतरे में नौनिहालों का 'भविष्य'

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Published : Jan 22, 2021, 5:07 PM IST

राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल है. विद्यालय का भवन काफी जर्जर हालत में है, इतना ही नहीं इस विद्यालय में छत नहीं है. स्थानीय लोगों ने कई बार क्षेत्रीय विधायक और शिक्षा विभाग से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल

मसूरी: नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल है. स्कूल में छत ना होने के कारण यहां के छात्र-छात्राएं काफी परेशान हैं. कई बार शिक्षा विभाग को इस संबंध में शिकायत भी की गई है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. बता दें कि 2017 के जून माह में तेज बारिश की वजह से विद्यालय की छत उड़ गई थी, जिसके बाद से छोटे-छोटे बच्चे खुले आसमान और जीर्णशीर्ण कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर हैं.

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राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल.

विद्यालय की जर्जर हालत को लेकर लगातार स्थानीय लोगों मसूरी विधायक गणेश जोशी और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ भी नहीं मिल पाया है. जिससे क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय निवासी बनवारी लाल ने बताया कि मसूरी से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दूधली ग्राम की सड़कों के साथ स्कूलों का हाल बेहाल है. क्षेत्र में एकमात्र राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन स्कूल की दशा इतनी खराब है कि बच्चें भी काफी परेशान है.

बिना छत का जर्जर विद्यालयी भवन हादसे को दे रहा दावत.

ये भी पढ़ें: NH-309 पर हाथियों की चहलकदमी, घंटों लगता है जाम

वहीं, कई बार मौसम खराब होने पर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं. क्योंकि स्कूल की छत गायब है. उन्होंने बताया कि कोविड को लेकर स्कूल बंद रहा, लेकिन इस दौरान भी स्कूल की दशा को सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया गया. वहीं, फरवरी से स्कूल खुलने के बात की जा रही है, लेकिन बिना छत के स्कूल में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे. यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

एक ओर तो सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन राजधानी से मात्र 40 किलोमीटर दूर इस स्कूल का हाल बदहाल है तो दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों का क्या हाल होगा. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं क्षेत्र में बिजली की बहुत बड़ी समस्या है. इसको लेकर भी लगातार विधायक और स्थानीय विभागों के चक्कर काट काट के ग्रामीण थक गए हैं, लेकिन बिजली की समस्या का निस्तारण नहीं हो पाया है. जिस कारण दूधली क्षेत्रवासी काफी परेशान हैं.

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि दूधली स्कूल की छत ठीक करने को लेकर उनके द्वारा बजट स्वीकृत करा दिया गया था, लेकिन अभी तक छत क्यो नहीं डाली गई, इसको लेकर वह जल्द शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे. साथ ही जल्द विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा करने की बात कही.

मसूरी: नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल है. स्कूल में छत ना होने के कारण यहां के छात्र-छात्राएं काफी परेशान हैं. कई बार शिक्षा विभाग को इस संबंध में शिकायत भी की गई है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. बता दें कि 2017 के जून माह में तेज बारिश की वजह से विद्यालय की छत उड़ गई थी, जिसके बाद से छोटे-छोटे बच्चे खुले आसमान और जीर्णशीर्ण कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर हैं.

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राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली का हाल बेहाल.

विद्यालय की जर्जर हालत को लेकर लगातार स्थानीय लोगों मसूरी विधायक गणेश जोशी और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ भी नहीं मिल पाया है. जिससे क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय निवासी बनवारी लाल ने बताया कि मसूरी से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दूधली ग्राम की सड़कों के साथ स्कूलों का हाल बेहाल है. क्षेत्र में एकमात्र राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूधली में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन स्कूल की दशा इतनी खराब है कि बच्चें भी काफी परेशान है.

बिना छत का जर्जर विद्यालयी भवन हादसे को दे रहा दावत.

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वहीं, कई बार मौसम खराब होने पर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं. क्योंकि स्कूल की छत गायब है. उन्होंने बताया कि कोविड को लेकर स्कूल बंद रहा, लेकिन इस दौरान भी स्कूल की दशा को सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया गया. वहीं, फरवरी से स्कूल खुलने के बात की जा रही है, लेकिन बिना छत के स्कूल में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे. यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

एक ओर तो सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन राजधानी से मात्र 40 किलोमीटर दूर इस स्कूल का हाल बदहाल है तो दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों का क्या हाल होगा. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं क्षेत्र में बिजली की बहुत बड़ी समस्या है. इसको लेकर भी लगातार विधायक और स्थानीय विभागों के चक्कर काट काट के ग्रामीण थक गए हैं, लेकिन बिजली की समस्या का निस्तारण नहीं हो पाया है. जिस कारण दूधली क्षेत्रवासी काफी परेशान हैं.

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि दूधली स्कूल की छत ठीक करने को लेकर उनके द्वारा बजट स्वीकृत करा दिया गया था, लेकिन अभी तक छत क्यो नहीं डाली गई, इसको लेकर वह जल्द शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे. साथ ही जल्द विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा करने की बात कही.

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