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आईपीएचएस मानकों को लेकर शासनादेश जारी, पांच श्रेणियों में बांटे गए सरकारी अस्पताल - आईपीएचएस मानक अस्पताल

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में आईपीएचएस यानी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू करने के लिए हाल ही में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले पर शासनादेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को आईपीएचएस के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा.

आईपीएचएस के मांगों को लेकर शासनादेश जारी.
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Published : Oct 18, 2019, 3:15 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 8:09 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आईपीएचएस के मानकों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है. जिसके अनुसार सरकारी अस्पतालों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. वहीं चिकित्सकों के पदों का भी पुनर्गठन किया गया है. आईपीएचएस लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मानकों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी.

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में आईपीएचएस यानी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू करने के लिए हाल ही में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले पर शासनादेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को आईपीएचएस के मानकों के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा. इसके तहत उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों को 5 श्रेणियों में बांटा गया है. साथ ही चिकित्सकों के पदों को भी पुनर्गठित किया गया है.

पढे़ं- बीकेटीसी ने केदारनाथ मंदिर के कपाट पर लगाई चांदी, शासन ने CEO को जारी किया नोटिस

आईपीएचएस व्यवस्था में राजकीय चिकित्सालय को ए श्रेणी में तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बी श्रेणी में रखा गया है. इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत दूसरी इकाइयों को अलग-अलग श्रेणीयां दी गई हैं. चिकित्सकों के 2,735 पदों की जगह कुल 2,604 पद रखे गए हैं. इसी तरह उप जिला चिकित्सालय को भी बेड के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. जिला चिकित्सालय को भी 100, 200 और 300 बेड के आधार पर बांटा गाय है. साथ ही इसी तरह चिकित्सकों की संख्या भी तय की गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में आईपीएचएस के मानकों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है. जिसके अनुसार सरकारी अस्पतालों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. वहीं चिकित्सकों के पदों का भी पुनर्गठन किया गया है. आईपीएचएस लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मानकों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी.

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में आईपीएचएस यानी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू करने के लिए हाल ही में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले पर शासनादेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को आईपीएचएस के मानकों के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा. इसके तहत उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों को 5 श्रेणियों में बांटा गया है. साथ ही चिकित्सकों के पदों को भी पुनर्गठित किया गया है.

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आईपीएचएस व्यवस्था में राजकीय चिकित्सालय को ए श्रेणी में तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बी श्रेणी में रखा गया है. इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत दूसरी इकाइयों को अलग-अलग श्रेणीयां दी गई हैं. चिकित्सकों के 2,735 पदों की जगह कुल 2,604 पद रखे गए हैं. इसी तरह उप जिला चिकित्सालय को भी बेड के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. जिला चिकित्सालय को भी 100, 200 और 300 बेड के आधार पर बांटा गाय है. साथ ही इसी तरह चिकित्सकों की संख्या भी तय की गई है.

Intro:summary- उत्तराखंड में आईपीएचएस के मानकों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है... इसके अनुसार सरकारी अस्पतालों को जहां पांच श्रेणियों में बांटा गया है.. वही चिकित्सकों के पदों का भी पुनर्गठन किया गया है... आईपीएचएस लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मानकों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी..


Body:उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में आईपीएचएस यानी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू करने के लिए हाल ही में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले वर आज शासनादेश जारी कर दिया गया.. इसके बाद अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल को आईपीएचएस के मानकों के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा.. इसके तहत उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों को 5 श्रेणियों में बांटा गया है, जबकि चिकित्सकों के पदों को भी पुनर्गठित किया गया है। आईपीएचएस व्यवस्था में राजकीय चिकित्सालय को ए श्रेणी में तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी श्रेणी में रखा गया है।। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत दूसरी इकाइयों को अलग-अलग श्रेणीयां दी गई है।।। इसी तरह चिकित्सकों के 2735 पदों की जगह कुल 2604 पद रखे गए हैं।। आईपीएचएस मानक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में 526, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बी श्रेणी 52, सामुदायिक केंद्र 10 बेड 33, और 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 47 रखी गई है... इसी तरह उप जिला चिकित्सालय को भी बेड के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, जिला चिकित्सालय को भी 100, 200 और 300 बेड के आधार पर संख्या में वर्गीकृत किया गया है।।। इसी तरह चिकित्सकों की संख्या भी तय की गई है साथी विभिन्न स्थानों पर तैनाती को लेकर भी संख्या को निर्धारित किया गया है।।।


Conclusion:
Last Updated : Oct 18, 2019, 8:09 AM IST
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