देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित एनएच-74 घोटाले फंसे आईएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को क्लीन चिट दे दी गई है. इतना नहीं क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें प्रमोशन भी दिया गया है. उनके मामले में सचिव शैलेश बगौली को जांच अधिकारी बनाया गया था.
पूर्व की हरीश रावत सरकार में हुए एनएच-74 घोटाले के मामले में दो आईएएस अधिकारियों पर आरोप लगाए गए थे, जिसमें से एक आईएएस चंद्रेश यादव थे. चंद्रेश यादव घोटाले के समय में ऊधम सिंह नगर जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी थे. जांच के दौरान चंद्रेश यादव को डेपुटेशन पर भी भेजा गया था. भूमि अधिग्रहण संबंधी ऑर्बिट्रेशन वादों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कृषि भूमि को अकृषि कर मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी को लेकर उन्हें चार्जशीट दी गई थी. इस चार्जशीट का जवाब चंद्रेश दे चुके हैं. इस वजह से उनको पदोन्नत वेतन का लिफाफा भी बंद था. सरकार ने चंद्रेश कुमार यादव के जवाब का परीक्षण करने के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी है.
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एनएच घोटाले में सबसे ज्यादा आरोपित आईएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को एनएच मुआवजा घोटाले में जांच के बाद भविष्य के लिए सचेत करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया है. इस संबंध में उत्तराखंड कार्मिक विभाग की संस्तुति पर राज्यपाल ने भी आदेश दे दिए हैं. इतना ही नहीं चंद्रेश कुमार यादव को एनएच घोटाले मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें बेक डेट से प्रमोशन का तोहफा भी दिया गया है और संभवत रक्षाबंधन के बाद उन्हें किसी नए विभाग में बतौर प्रभारी सचिव तैनात किया जा सकता है.