देहरादून: हिमालयी पर्यावरण और गंगा बचाओ की मांग को लेकर संत गोपाल दास ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगले दस दिनों में गंगा व पर्यावरण सुरक्षित करने वाली मांगो को लेकर सरकार कोई ठोस कदम नही उठाती तो खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर लेंगे. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संत गोपालदास शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सरकारी आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षागार्डो ने संत गोपाल दास को बैरंग लौटा दिया.
संत गोपाल दास ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों अनशन को तुड़वाकर मुझे जबरन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां से मुझे इसलिए फरार होना पड़ा क्योंकि मुझे पता चल गया था कि सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है. इतना ही नहीं, मुझसे कहा गया कि अगर अपनी हरकतों से बाज नही आए तो ऐसा इंजेक्शन लगाया जाएगा कि जीवन लीला ही समाप्त हो जाएगी.
ये भी पढ़ें:प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बड़ा फैसला, अब उत्तराखंड के सभी होटलों को लेनी होगी NOC
संत गोपालदास ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाले प्रोग्राम को खुद से 'डेथ डील' करना बताया. दास ने कहा कि इन दस दिनों में वह भी देश के महान आजादी के नायकों की तर्ज पर पर्यावरण सुरक्षित अनशन के विषयों को लेकर किताब लिखने जा रहे हैं. ऐसे में उनको पता नहीं कि इन दस दिनों में वह अपनी इस किताब को कितना लिख पाते हैं. संत गोपालदास ने कहा कि हिमालय गंगा पर्यावरण संरक्षण शोध को लेकर देश में अलग-अलग संस्थान सरकार द्वारा फिर क्यों चलाए जा रहे हैं? जब धरातल पर पर्यावरण को बचाना कोई नहीं है. बता दें कि संत गोपाल दास जब सीएम आवास पहुंचे थे तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोक लिया और बैरंग ही लौटा दिया.