देहरादून: साल 2020 को खत्म होने में बस कुछ ही दिन शेष रह गया है. लेकिन साल 2020 में प्रदेश के किन अधिकारियों ने खबरों में सुर्खियां बटोरीं उस पर एक नजर डालते हैं...
IAS आशीष चौहान
वर्तमान में नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव और गढ़वाल मंडल विकास निगम के एमडी आईएएस अधिकारी आशीष चौहान इस साल सुर्खियों में इसलिए बने रहे, क्योंकि स्पेन में एक पर्वतारोही दल ने पहाड़ के शिखर को उनका नाम दिया. दरअसल उत्तरकाशी के डीएम रहे आईएएस अधिकारी आशीष चौहान की मेहमान नवाजी से खुश हुए एक स्पेनिश पर्वतारोही दल ने खुश होकर अपने देश में एक पहाड़ी की चोटी को मजिस्ट्रेट प्वाइंट के नाम से घोषित किया है, जो आशीष चौहान के नाम से जाना जा रहा है. यह खबर काफी दिन तक मीडिया की सुर्खियां बनी रही और आशीष चौहान ने खुद सोशल मीडिया पर इस बात को साझा किया.
IAS वी.षणमुगम
अपनी साफ और बेदाग छवि के नाम से जाने जाने वाले आईएएस अधिकारी वी. षणमुगम तब सुर्खियों में आ गए. जब अचानक उनकी विभागीय मंत्री ने उन पर कई आरोप लगा लगा दिए. हालांकि मामले में ज्यादा तूल उस वक्त पकड़ता चला गया. जब विभागीय मंत्री रेखा द्वारा आईएएस अधिकारी वी.षणमुगम के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवा दी गई और पुलिस से कहा कि उनके अधिकारी गायब हो गए हैं. हालांकि बाद में शिनाख्त करने पर सामने आया कि वी.षणमुगम अपने आवास पर ही स्थित है, लेकिन उनका फोन बंद था.
मामला को लेकर बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और आईएएस अधिकारी वी.षणमुगम दोनों आमने-सामने आ गए. विभागीय मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत की गई. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए शासन को निर्देश दिए. जिसके बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार द्वारा इस मामले की जांच की गई. हालांकि इस मामले में क्या निष्कर्ष निकला, यह अभी तक भी सामने नहीं आ पाया है.
IAS मनीषा पंवार
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार का मामला भी आईएएस अधिकारी वी.षणमुगम से ही जुड़ा हुआ है. दरअसल जब महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और उनके विभागीय सचिव वी.षणमुगम का मामला सुर्खियों में था. उसी वक्त शासन द्वारा वी.षणमुगम से बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी लेकर आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार को देने की चर्चाएं हुई. जिसके बाद जानकारी मिली कि मनीषा पंवार द्वारा भी इस विभाग को लेने से इनकार कर दिया गया है. माना जाता है कि प्रदेश में ऐसा पहला मामला हुआ है, जब किसी अधिकारी द्वारा विभाग की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया गया हो. यह प्रशासनिक सेवाओं की सेवा आचरण नियमावली के भी खिलाफ माना जाता है. जिस वजह से मनीषा पंवार को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. हालांकि शासन द्वारा उन्हें विभाग नहीं दिया गया और एक लंबे समय के बाद महिला बाल विकास विभाग में सचिव पद पर कोई अधिकारी तैनात किया गया.
IAS मंगेश घिल्डियाल
अपनी सरल और मृदुल भाषी छवि से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण इलाके से आने वाले आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल तब सुर्खियों में आए, जब अचानक उन्हें पीएमओ में प्रतिनियुक्ति पर बुलाया गया और उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में अपर सचिव के पद पर नियुक्त किया गया. आईएएस मंगेश घिल्डियाल उस समय टिहरी जिले में जिला अधिकारी के पद पर तैनात थे. इससे पहले उन्होंने लंबे समय तक उत्तराखंड के पहाड़ी जनपद रुद्रप्रयाग में अपनी सेवाएं दी और यहां पर चल रहे केंद्रीय प्रोजेक्ट जो कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में थे. केदारनाथ पुनर्निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है.
IAS वंदना सिंह
हाल ही में आईएएस अधिकारी बनी वंदना सिंह इस साल इसलिए सुर्खियों में रही, क्योंकि इनका एक महीने के अंदर तीन बार ट्रांसफर कर दिया गया. दरअसल कम अनुभव के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा उन्हें रुद्रप्रयाग जिले में जिलाधिकारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन कुछ ही समय बाद उनसे रुद्रप्रयाग जिले की जिम्मेदारी वापस ले ली गई और उन्हें शासन में अटैच कर दिया गया. यही नहीं कुछ दिन शासन में रहने के बाद उन्हें दोबारा शासन से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया. दरअसल रुद्रप्रयाग और डीएम रहते आईएएस वंदना मुख्यमंत्री की पेयजल से संबंधित चल रही बैठक में देरी से पहुंची थी. जिसके बाद माना जाता है कि उन पर यह गाज गिरी और उन्हें शासन में अटैच कर दिया गया.
IAS ओम प्रकाश
वर्ष 2020 में उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में सबसे बड़ा बदलाव मुख्य सचिव नियुक्ति को लेकर हुआ. 29 जुलाई को उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के रिटायर होने के बाद वरिष्ठता में सबसे पहले आने वाले आईएएस अधिकारी ओम प्रकाश को उत्तराखंड का अगला मुख्य सचिव बनाया गया. उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा अनुभव रखने वाले आईएएस ओमप्रकाश राज्य गठन से लेकर अब तक उत्तराखंड के कई विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उन्हें उत्तराखंड की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों की अच्छी समझ है. मौजूदा समय में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की निगरानी में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है.
IAS उत्पल कुमार सिंह
1986 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह इसी साल उत्तराखंड के मुख्य सचिव पद से 31 जुलाई को रिटायर हुए. उत्तराखंड के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी गई और उन्हें केंद्र में लोकसभा सचिव की जिम्मेदारी दी गई. वहीं, हाल ही में उन्हें लोकसभा सचिव के पद से भी पदोन्नत कर लोकसभा महासचिव की बड़ी जिम्मेदारी दी गई. यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.
IAS दीपक रावत
आईएएस अधिकारी दीपक रावत हमेशा अपने सोशल मीडिया के कारनामों से चर्चाओं में रहते हैं. इस साल भी वह पूरे समय फेसबुक और यूट्यूब पर छाए रहे. आईएएस दीपक रावत वर्तमान में उत्तराखंड के सबसे बड़े आयोजन 2021 महाकुंभ के मेला अधिकारी हैं और उन पर आगामी 2021 महाकुंभ की बड़ी जिम्मेदारी है. इसके अलावा वह अपनी विशेष कार्यशैली के चलते सुर्खियों में रहते हैं और इसका वह फिल्मांकन कर सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं हैं, जो खासा लोकप्रिय रहता है.
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IAS ईवा आशीष श्रीवास्तव
आईएएस अधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव को टिहरी का जिलाधिकारी बनाया गया है. आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल को डीएम टिहरी से दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय भेजे जाने के बाद ईवा श्रीवास्तव को रुद्रप्रयाग की कमान सौंपी गई है. ईवा आशीष श्रीवास्तव इससे पहले प्रभारी सचिव और गढ़वाल मंडल विकास निगम के एमडी के पद पर तैनात थीं.
IAS आशीष श्रीवास्तव
कोविड-19 के इस दौर में 2020 पूरी तरह से कोरोनावायरस की महामारी के बीच गुजर रहा है. इसका प्रकोप देहरादून जिले पर सबसे ज्यादा देखने को मिला है. इस चुनौती भरे दौर में देहरादून जिले की कमान आईएएस अधिकारी आशीष श्रीवास्तव के पास है. उन्होंने अपने काम का लोहा भी मनवाया है. इतना ही नहीं देहरादून के जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव के पास इससे पहले वीसी एमडीडीए का भी चार्ज था और स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर थी. हालांकि अब उन्हें एमडीडीए से कार्य मुक्त कर दिया गया है. लेकिन देहरादून जैसे जिले में तमाम व्यवस्थाओं के लिए डीएम आशीष श्रीवास्तव ने अपनी कुशल कार्य शैली का परिचय दिया है.