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68 लाख लोगों के नहीं बन पाए गोल्डन कार्ड, प्रशासन की कार्यशैली पर उठने लगे सवाल

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को 5 लाख तक का बीमा कवर दिया. लेकिन अब तक इस योजना के तहत 68 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है.

68 लाख लोगों के नहीं बन पाए गोल्डन कार्ड.
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Published : Sep 23, 2019, 8:35 PM IST

Updated : Sep 24, 2019, 8:21 PM IST

देहरादून: अटल आयुष्मान योजना के 9 महीने बाद भी 68 लाख लोगों ने गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं. अब इस योजना में इतने लोगों के कार्ड न बन पाना लोगों के इस योजना के प्रति जागरुक न होना है या फिर प्रशासन की लापरवाही. जिस कारण ये योजना एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है.

68 लाख लोगों के नहीं बन पाए गोल्डन कार्ड.

उत्तराखंड में हर शख्स 5 लाख के निशुल्क सरकारी बीमा से कवर है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि योजना के 9 महीने बाद भी 68 लाख लोगों ने अपना गोल्डन कार्ड नहीं बनवाया है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड में मौजूद एक करोड़ 86 लाख लोगों में महज करीब 35 लाख लोगों ने ही गोल्डन कार्ड बनवाए हैं.

बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर 2018 में अटल आयुष्मान योजना शुरू की थी, जिसमें उत्तराखंड के करीब 5 लाख परिवार कवर हो रहे थे. ऐसे में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को इस योजना को बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने की घोषणा की. इस योजना के तहत उत्तराखंड के करीब 150 से ज्यादा हॉस्पिटल योजना में इंपैनल्ड हैं.

उत्तराखंड में अब तक कुल 32 लाख 96 हजार 266 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं. इसमें 30,72,338 राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत बनाए गए हैं जबकि 2,23,928 गोल्डन कार्ड भारत सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत बनाए हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो उत्तराखंड में करीब 68 लाख लोगों ने अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं.

योजना के रूप में बात करें तो प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना को लेकर लोगों में कम जागरुकता और योजना का लाभ नहीं मिल पाने की निराशा भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है. साथ ही सरकारी सिस्टम में योजना के लिए बनने वाले गोल्डन कार्ड के लिए परेशानियां भी लोगों को इस योजना से महरूम कर रही है.

ये भी पढ़ें: केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का डीएम ने लिया जायजा, बेटे को कंधे पर बैठा कर कराई यात्रा

केंद्रीय अटल आयुष्मान योजना के मानकों में 5.37 लाख परिवार कवर हुए हैं. इस योजना में अब तक 75,278 मरीजों का इलाज हो चुका है. जबकि राज्य सरकार 72 करोड़ 87 लाख रुपये योजना के लाभार्थियों पर खर्च कर चुके हैं.

साफ है कि इस योजना में प्रदेश के आम लोग कवर तो किए गए हैं. लेकिन, योजना को लेकर उत्सुकता बेहद कम है. योजना के लिए बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड की स्थिति को देखकर ये साफ समझा जा सकता है.

देहरादून: अटल आयुष्मान योजना के 9 महीने बाद भी 68 लाख लोगों ने गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं. अब इस योजना में इतने लोगों के कार्ड न बन पाना लोगों के इस योजना के प्रति जागरुक न होना है या फिर प्रशासन की लापरवाही. जिस कारण ये योजना एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है.

68 लाख लोगों के नहीं बन पाए गोल्डन कार्ड.

उत्तराखंड में हर शख्स 5 लाख के निशुल्क सरकारी बीमा से कवर है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि योजना के 9 महीने बाद भी 68 लाख लोगों ने अपना गोल्डन कार्ड नहीं बनवाया है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड में मौजूद एक करोड़ 86 लाख लोगों में महज करीब 35 लाख लोगों ने ही गोल्डन कार्ड बनवाए हैं.

बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर 2018 में अटल आयुष्मान योजना शुरू की थी, जिसमें उत्तराखंड के करीब 5 लाख परिवार कवर हो रहे थे. ऐसे में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को इस योजना को बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने की घोषणा की. इस योजना के तहत उत्तराखंड के करीब 150 से ज्यादा हॉस्पिटल योजना में इंपैनल्ड हैं.

उत्तराखंड में अब तक कुल 32 लाख 96 हजार 266 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं. इसमें 30,72,338 राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत बनाए गए हैं जबकि 2,23,928 गोल्डन कार्ड भारत सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत बनाए हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो उत्तराखंड में करीब 68 लाख लोगों ने अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं.

योजना के रूप में बात करें तो प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना को लेकर लोगों में कम जागरुकता और योजना का लाभ नहीं मिल पाने की निराशा भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है. साथ ही सरकारी सिस्टम में योजना के लिए बनने वाले गोल्डन कार्ड के लिए परेशानियां भी लोगों को इस योजना से महरूम कर रही है.

ये भी पढ़ें: केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का डीएम ने लिया जायजा, बेटे को कंधे पर बैठा कर कराई यात्रा

केंद्रीय अटल आयुष्मान योजना के मानकों में 5.37 लाख परिवार कवर हुए हैं. इस योजना में अब तक 75,278 मरीजों का इलाज हो चुका है. जबकि राज्य सरकार 72 करोड़ 87 लाख रुपये योजना के लाभार्थियों पर खर्च कर चुके हैं.

साफ है कि इस योजना में प्रदेश के आम लोग कवर तो किए गए हैं. लेकिन, योजना को लेकर उत्सुकता बेहद कम है. योजना के लिए बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड की स्थिति को देखकर ये साफ समझा जा सकता है.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट....


summary-अबतक आपने सरकारी योजना के आम लोगों तक नही पहुंचने की बात सुनी होगी..लेकिन ये खबर आम लोगों की योजना को लेकर सुस्ती से जुड़ी है... दरअसल अटल आयुष्मान योजना के 9 महीने बाद भी 68 लाख लोगों ने गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं....हालाकिं हकीकत ये है सरकारी सुस्ती और तमाम परेशानियों के चलते गोल्डन कार्ड नही बन पा रहे हैं....देखिये स्पेशल रिपोर्ट....


Body:कहने को तो उत्तराखंड में हर शख्स 5 लाख के निशुल्क सरकारी बीमा से कवर है...लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की योजना के 9 महीने बाद भी 68% लोगों ने अपने गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं... यानी साल 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में मौजूद एक करोड़ 86 लाख लोगों में महज करीब 35 लाख लोगों ने ही गोल्डन कार्ड बनवाए हैं... आपको बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर 2018 में अटल आयुष्मान योजना शुरू की थी जिसमें उत्तराखंड के करीब 500000 परिवार कवर हो रहे थे... ऐसे में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को इस योजना को बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को इसमें कवर करने के लिए योजना का शुभारंभ किया... इस योजना के तहत उत्तराखंड के करीब 150 से ज्यादा हॉस्पिटल योजना में इंपैनल्ड है...

बाइट- डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी, निदेशक राज्य अटल आयुष्मान योजना

उत्तराखंड में अब तक कुल 3296266 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं.. इसमें 3072338 राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत बनाए गए हैं जबकि 223928 गोल्डन कार्ड भारत सरकार की बदला आसमान योजना के तहत बनाए हैं... इस लिहाज से देखा जाए तो उत्तराखंड में करीब 68 लाख लोगों में अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं... इसे इस रूप में देखा जा सकता है कि उत्तराखंड के लाखों लोग गोल्डन कार्ड बनवा कर अटल आयुष्मान योजना का लाभ लेने को लेकर संजीदा नहीं है... लेकिन योजना के रूप में बात करें तो प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना को लेकर लोगों में कम जागरूकता और योजना का लाभ नही मिल पाने की निराशा भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है... यही नहीं सरकारी सिस्टम में योजना के लिए बनने वाले गोल्डन कार्ड के लिए पेचितगियां भी लोगों को इस योजना से महरूम कर रही है....

केंद्रीय अटल आयुष्मान योजना के मानको में 5.37 लाख परिवार कवर हुए हैं... इस योजना में अब तक 75278 मरीजों का इलाज हो चुका है... जबकि राज्य सरकार 72 करोड 87 लाख रुपये योजना के लाभार्थियों पर खर्च कर चुके हैं.....

साफ है कि इस योजना में प्रदेश के आम लोग कवर तो किए गए हैं लेकिन योजना को लेकर उत्सुकता बेहद कम है... योजना के लिए बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड की स्थिति को देखकर यह साफ समझा जा सकता है..... खास बात यह है कि एक तरफ उत्तराखंड के 68% लोग इस योजना के लिए जरूरी गोल्डन कार्ड नहीं बनवा रहे हैं, तो दूसरी तरफ योजना को 1 साल पूरा होने से पहले ही एक करोड़ 27 लाख रुपए का निजी अस्पताल फर्जीवाड़ा कर चुके हैं।।।।।


Conclusion:
Last Updated : Sep 24, 2019, 8:21 PM IST
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