देहरादून: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Education Minister Dhan Singh Rawat) नई शिक्षा नीति को लेकर काफी गंभीर है. शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर दोहराया है कि प्रदेश के स्कूलों के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद व गीता को शामिल किया जाएगा. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने पाठ्यक्रम यानी सिलेबस में इन्हें शामिल करने की बात फिर कही है. साथ ही इसी शिक्षा सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा.
बता दें कि बीते दिनों शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अब प्रदेश के स्कूलों के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद व गीता को शामिल करने की बात कही थी. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने देहरादून में आयोजित उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम में कहा कि भविष्य में विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद सहित गीता को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. मंत्री का कहना है कि आम लोगों की राय मिलने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा. वहीं एक बार फिर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने पाठ्यक्रम यानी सिलेबस में इन्हें शामिल करने की बात कही है. साथ ही इसी शिक्षा सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा.
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नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है. जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था. परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था.
MYNEP2020 प्लेटफॉर्म का शुभारंभ: तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया गया था. यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहा था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की गई थी. इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था. यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त हुई थी.
NCC वैकल्पिक विषय: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है. एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे. एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है. जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है. इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है.
उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे, उन्हें क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा.