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प्रीतम की अनदेखी पर कांग्रेस में बवाल, करोड़ों में पद बांटने का आरोप लगाकर पुनेठा ने दिया इस्तीफा

कांग्रेस संगठन में नए पद बांटने के बाद पार्टी के अंदर असंतोष खुलकर सामने आया है. कांग्रेस आलाकमान की ओर से नई जिम्मेदारी नहीं देने से प्रीतम खेमा काफी आहत है. हाईकमान द्वारा अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है और इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. गिरीश चंद्र पुनेठा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पुनेठा ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए लेकर कांग्रेस में पद बांटे गए हैं.

Congress workers resigned
कांग्रेस में खुलकर सामने आई गुटबाजी
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Published : Apr 11, 2022, 10:42 AM IST

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस के अंदर सिसासत कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं नई जिम्मेदारी के बाद एक बार फिर असंतोष के सुर उठने लगे हैं. कांग्रेस आलाकमान की ओर से नई जिम्मेदारियां बांटने और उसमें अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा काफी आहत है. माना जा रहा था कि प्रीतम सिंह के कद को देखते हुए उन्हें कांग्रेस आलाकमान से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है. यशपाल आर्य को पार्टी में शामिल कराने में मुख्य भूमिका प्रीतम सिंह की बताई जाती है. हाईकमान द्वारा अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है.

रविवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इन नियुक्तियों का पत्र जारी किया गया. इससे प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है. क्योंकि गढ़वाल से कांग्रेस आलाकमान ने किसी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. वहीं प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेठा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खुलकर निशाना साधा, फिर आलाकमान के फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की बात साझा की है.

पढ़ें-नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर यशपाल आर्य ने आलाकमान का जताया आभार, कहा- जनमुद्दों को लेकर सदन में बनेंगे जनता की आवाज

उन्होंने लिखा है कि विगत सप्ताह में डिजिटल सदस्यता अभियान के दौरान जिन साथियों को मैंने कांग्रेस पार्टी से जोड़ा उनसे भी क्षमा प्रार्थी हूं. उन्होंने कहा कि बड़े भाई समान मेरे आदर्श रहे प्रीतम सिंह से भी क्षमा प्रार्थी हूं कि ईमानदारी और काबिलियत के आगे और धन बल की राजनीति में डूब चुकी कांग्रेस पार्टी में बने रहना अब संभव नहीं है. लेकिन आप हमेशा मेरे नेता रहेंगे. उन्होंने कहा कि पहले टिकट बांटे गए थे और अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी करोड़ों में बिक गया. उन्होंने राहुल गांधी से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है. उन्होंने लक्सर, खानपुर, यमुनोत्री समेत दर्जनों टिकट पैसों में बांटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि फिलहाल तो केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, देवेंद्र यादव, हरीश रावत को यह बताना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कितनी बोली लगाई गई थी.

पढ़ें-करण माहरा बने उत्तराखंड कांग्रेस के नए अध्यक्ष, यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

नवनियुक्त पीसीसी अध्यक्ष करण महरा को उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए 2022 विधानसभा चुनाव के खर्च के लिए पीसीसी में आई धनराशि की जांच की मांग भी की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के लिए एआईसीसी से आई धनराशि की बिल टू बिल जांच की जाएगी. क्योंकि चुनाव खत्म होते ही चुनावी बागडोर संभालने पीसीसी के कई पदाधिकारियों के पास नई एसयूवी लेने की खबर से समर्पित कार्यकर्ता हतप्रभ हैं. कांग्रेस हाईकमान की ओर से नई नियुक्ति के बाद पार्टी के भीतर विरोध के स्वर मुखर हो चुके हैं. इसकी शुरुआत प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेठा ने की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रीतम सिंह के और समर्थक भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने करण महरा को उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. जबकि खटीमा सीट से विधायक भुवन चंद्र कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है. करण महरा अल्मोड़ा जिले की रानीखेत सीट से पूर्व विधायक रहे हैं. जबकि यशपाल आर्य उधमसिंह नगर की बाजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं.

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस के अंदर सिसासत कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं नई जिम्मेदारी के बाद एक बार फिर असंतोष के सुर उठने लगे हैं. कांग्रेस आलाकमान की ओर से नई जिम्मेदारियां बांटने और उसमें अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा काफी आहत है. माना जा रहा था कि प्रीतम सिंह के कद को देखते हुए उन्हें कांग्रेस आलाकमान से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है. यशपाल आर्य को पार्टी में शामिल कराने में मुख्य भूमिका प्रीतम सिंह की बताई जाती है. हाईकमान द्वारा अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है.

रविवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इन नियुक्तियों का पत्र जारी किया गया. इससे प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है. क्योंकि गढ़वाल से कांग्रेस आलाकमान ने किसी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. वहीं प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेठा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खुलकर निशाना साधा, फिर आलाकमान के फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की बात साझा की है.

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उन्होंने लिखा है कि विगत सप्ताह में डिजिटल सदस्यता अभियान के दौरान जिन साथियों को मैंने कांग्रेस पार्टी से जोड़ा उनसे भी क्षमा प्रार्थी हूं. उन्होंने कहा कि बड़े भाई समान मेरे आदर्श रहे प्रीतम सिंह से भी क्षमा प्रार्थी हूं कि ईमानदारी और काबिलियत के आगे और धन बल की राजनीति में डूब चुकी कांग्रेस पार्टी में बने रहना अब संभव नहीं है. लेकिन आप हमेशा मेरे नेता रहेंगे. उन्होंने कहा कि पहले टिकट बांटे गए थे और अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी करोड़ों में बिक गया. उन्होंने राहुल गांधी से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है. उन्होंने लक्सर, खानपुर, यमुनोत्री समेत दर्जनों टिकट पैसों में बांटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि फिलहाल तो केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, देवेंद्र यादव, हरीश रावत को यह बताना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कितनी बोली लगाई गई थी.

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नवनियुक्त पीसीसी अध्यक्ष करण महरा को उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए 2022 विधानसभा चुनाव के खर्च के लिए पीसीसी में आई धनराशि की जांच की मांग भी की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के लिए एआईसीसी से आई धनराशि की बिल टू बिल जांच की जाएगी. क्योंकि चुनाव खत्म होते ही चुनावी बागडोर संभालने पीसीसी के कई पदाधिकारियों के पास नई एसयूवी लेने की खबर से समर्पित कार्यकर्ता हतप्रभ हैं. कांग्रेस हाईकमान की ओर से नई नियुक्ति के बाद पार्टी के भीतर विरोध के स्वर मुखर हो चुके हैं. इसकी शुरुआत प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेठा ने की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रीतम सिंह के और समर्थक भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने करण महरा को उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. जबकि खटीमा सीट से विधायक भुवन चंद्र कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है. करण महरा अल्मोड़ा जिले की रानीखेत सीट से पूर्व विधायक रहे हैं. जबकि यशपाल आर्य उधमसिंह नगर की बाजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं.

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