मसूरी: पतंजलि योगपीठ की ओर से कुलड़ी तिलक लाइब्रेरी प्रांगण में गिलोय वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर पतंजलि जिला प्रभारी देहरादून आनंद रावत ने बताया कि पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की ओर से स्वस्थ भारत मिशन के तहत प्रदेश भर में गिलोय वितरण का अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान की शुरुआत मसूरी से की गई है. यहां पर विभिन्न क्षेत्रों में करीब 5 सौ गिलोय के पौधे वितरित किए गए. साथ ही लोगों को इसके लाभ से भी रूबरू किया गया.
पतंजलि जिला प्रभारी देहरादून आनंद रावत ने बताया कि 4 अगस्त को आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन है. इसके तहत पूरे प्रदेश में 4 जुलाई से 4 अगस्त तक गिलोय वितरण अभियान चलाया गया है. अभियान के तहत गिलोय के लाखों पौधे वितरित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ ने जड़ी-बूटियों से विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया है. देश में ही नहीं विदेशों में भी योग के साथ जड़ी बूटियों से लोगों का इलाज किया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि गिलोय को अमृता कहते हैं और इससे करीब 100 से अधिक बीमारियों का इलाज होता है. अमृता देवताओं और दानवों के समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुई थी. हालांकि यह गर्म स्थानों पर ही होती है, लेकिन अब पहाड़ी जिलों में जहां थोड़ी गर्म जगह हो वहां पर भी गिलोय उगायी जा सकती है. उन्होंने बताया कि कोरोना से पीड़ित हजारों लोगों ने गिलोय का काढ़ा बनाकर पिया है और इस प्राण घातक रोग से निजात पाई है.
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इस कार्यक्रम में मसूरी प्रभारी राजश्री रावत भी मौजूद रहीं. इस दौरान उन्होंने बताया कि बताया कि सबसे पहले झड़ीपानी उसके बाद बार्लोगंज, मलिंगार, तिलक लाइब्रेरी, झूलाघर, कैमल्स बैक रोड और गजि बैंड समेत मसूरी झील के पास गिलोय का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि मसूरी क्षेत्र में 5 सौ से अधिक गिलोय के पौधों का वितरण किया गया है.