देहरादन: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कल यानी 23 मई को मतगणना होनी है. मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने ETV Bharat से खास बातचीत की और इस दौरान उन्होंने मतगणना से जुड़े तमाम पहलुओं को विस्तार से साझा किया.
उन्होंने बताया कि प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर 52 प्रत्याशियों का 'भाग्य' ईवीएम में कैद है. उनके भाग्य का पिटारा खुलने में मजह कुछ ही घंटे बचे हैं. प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर कुल 77,65,423 सामान्य मतदाताओं में से कुल 47,75,517 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है. जिसमें 23,86,648 पुरुष मतदाता और 23,88,831 महिला मतदाता और इसके अलावा 38 ट्रांसजेंडर मतदाता भी शामिल हैं. यानी कुल मिलाकर 61.50 फीसदी मतदान हुआ है.
पढ़ें- नैनीताल लोकसभा: दो दिग्गजों की साख दांव पर, विधानसभा चुनाव में दोनों को मिली थी करारी शिकस्त
इस प्रकार होगी पोस्टल बैलेट की गणना
प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों के जिला मुख्यालयों पर सुबह 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना कि जाएगी. जिसके लिए अलग से टेबल लगाया गया है. पोस्टल बैलेट की गणना से पहले सभी पोस्टल बैलेट के QR कोड को स्कैन किया जायेगा और एक-एक पोस्टल बैलेट में चार QR कोड हैं. जिसे स्कैन करने में एक मिनट का समय लगेगा. जिसे देखते हुए पोस्टल बैलेट के स्कैन के लिए कुल 398 टेबल लगाए गए हैं. और इन्हीं टेबलों में पोस्टल बैलेट के QR कोड को स्कैन करने के बाद 244 टेबलों पर पोस्टल बैलेट के मतों की मतगणना की जाएगी. हालांकि, प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों में से गढ़वाल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस वोटर हैं. 21 मई तक कुल 83,053 पोस्टल बैलेट रिसीव किये गए है.
लोकसभा सीट | मतगणना स्थल | टेबल | पोस्टल बैलेट |
टिहरी | देहरादून | 56 | 15,208 |
गढ़वाल | पौड़ी | 125 | 26,863 |
अल्मोड़ा | अल्मोड़ा | 100 | 21,478 |
नैनीताल-उधमसिंह नगर | उधमसिंह नगर | 90 | 11,551 |
हरिद्वार | हरिद्वार | 32 | 7,953 |
सभी जिला मुख्यालयों पर होगी मतगणना
8 से 8:30 बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना होने के बाद 8:30 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम की मतगणना शुरू हो जाएगी. इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों पर कुल 862 टेबल लगाये गए हैं. यह गणना विधानसभा में आने वाले बूथों को कई चरणों मे होगी. थराली विधानसभा में सबसे ज्यादा 20 चरणों में मतगणना की जाएगी. वहीं 4-5 विधानसभा ऐसी भी हैं, जहां 10-10 चरणों में मतगणना की जाएगी.
कड़ी सुरक्षा के बीच होगी मतगणना
हालांकि, मतगणना से पहले चुनाव में इतेमाल किये गए सभी ईवीएम और वीवीपैट को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्ट्रॉग रूम बनाये गए हैं, इसके साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन भी किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए मतगणना स्थल के बाहर सुरक्षा बल लगाए गए हैं, साथ ही मतगणना स्थल के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जायेगी.
सभी विधानसभा से वीवीपैट की 5 पर्चियों का मिलान
मतगणना संपन्न होने के बाद प्रदेश की सभी विधानसभा बूथों में से एक-एक विधानसभा के संबंधित बूथों में से 5 बूथों के ईवीएम के परिणाम और वीवीपैट के परिणामों का मिलान किया जाएगा. इसके लिए विधानसभा से संबंधित सभी बूथों में आकस्मिक रूप से किन्ही पांच बूथों को चुना जाता है. उसके बाद वीवीपैट के सभी पर्चियों की गिनती कर ईवीएम से मिलान किया जाएगा, ताकि इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट के काउंटिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाया है. जहां वीवीपैट के पर्चियों की गिनती की जाएगी.
7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी
प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए 7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं. इसके साथ ही मतगणना परिसर में मोबाइल, कैमरा, और wifi से जुड़ी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें वर्जित हैं. अधिकारी खुद भी अपने मोबाइल को मतगणना हॉल में नहीं ले जा सकेंगे, हालांकि यह व्यवस्था ईवीएम के सुरक्षा के दृष्टिगत रखा गया है.