देहरादून: गुरु राम राय विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. 'पराक्रम महोत्सव' के रूप मनाए गए इस कार्यक्रम में भारतीय सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल व रक्षा विशेषज्ञ मुख्य अतिथि डॉ. जीडी बख्शी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ अपने सैन्य अनुभवों को साझा किया. जनरल बख्शी ने अपने संबोधन में भारत की आजादी के इतिहास व स्वतंत्रता की लड़ाई से जुड़े के कई संस्मरण को युवा छात्र-छात्राओं के साथ साझा किये. इस दौरान सुनने वाले सभी श्रोताओं ने भारत माता की जय जयकारे लगाते हुए कार्यक्रम में देश भक्ति का माहौल बना दिया.
कार्यक्रम में जनरल बख्शी ने कहा इण्डिया गेट नेशनल वॉर मैमोरियल के सामने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण होगा. जीडी बख्शी ने कहा भारत को आजादी दिलवाने में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की भूमिका सबसे महत्वपूर्णं रही है. आजादी के 75 साल बाद भी अब तक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस व आजाद हिन्द फौज को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार हैं. आज देश उन्हें यह सम्मान दिलवाने की मांग करता है. जनरल बख्शी ने कहा देश की सुरक्षा व आजादी की खातिर आजाद हिन्द फौज के साठ हजार जवानों में से 26,000 (छब्बीस हज़ार) जवानों ने देश की आजादी के लिए शहादत दी. ऐसे में उन 26 हजार शहीदों के नाम से लाल किले के सामने शहीद स्मारक बनाया जाये.
बख्शी ने जोर देकर कहा राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर सभी शहीदों के नाम लिखे जाने चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां शहीदों की शहादत के इतिहास को जान सके. वहीं, उन्होंने कहा इण्डिया गेट नेशनल वॉर मैमोरियल के सामने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण होगा. भारत सरकार की ओर से इस कार्य के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस बात के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया.
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती अवसर पर युवाओं में जोश भरते हुए जनरल बख्शी ने कहा कि जलती हुई मशाल ही दूसरी मशाल जला सकती है, बुझे दीयों से न रोशनी फैलती है न दूसरे दीए जलाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति या परिवार देश से बड़ा नहीं हो सकता. देश सर्वोपरी है. उन्होंने कहा इतिहास में अब तक जो हमें पढ़ाया व समझाया गया है वह अपूर्णं और अधूरा है. इसलिए इतिहास को नए नजरिए से समझने की जरूरत है. तभी सच्चाई हमारे सामने होगी.