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सावधान! रसोई गैस की जांच के नाम पर ठगे जा सकते हैं आप, पढ़ें ये खबर

राजधानी दून में रसोई गैस के नाम पर कुछ लोग ठगी का गोरख धंधा चला रहे हैं. कुछ ठग रसोई गैस के नाम पर लोगों से हजारों रुपये ठग रहे हैं.

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Published : May 26, 2019, 8:16 PM IST

Updated : May 26, 2019, 8:37 PM IST

रसोई गैस की जांच के नाम पर ठग सकते हैं आप.

देहरादून: राजधानी में कुछ ऐसे ठग सक्रिय हैं जो रसोई गैस की जांच के नाम पर ठगी कर सकते हैं. ऐसे लोग अपने आप को गैस एजेंसी का कर्मचारी बता कर घर में प्रवेश करते हैं. साथ ही रसोई गैस की जांच कर आपसे अच्छी खासी रकम वसूल लेते हैं, लेकिन हकीकत में ये लोग किसी भी ऑथोराइज्ड गैस एजेंसी के कर्मचारी नहीं होते हैं.

रसोई गैस की जांच के नाम पर ठग सकते हैं आप.

देहरादून एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष चमनलाल ने बताया कि शहर में रसोई गैस की जांच के नाम पर लोगों के घरों में प्रवेश करने वाले लोग पूरी तरह से अवैध हैं. यदि कोई ऐसा व्यक्ति किसी के घर आता है तो संबंधित परिवार के लोगों को उस व्यक्ति का पहचान पत्र की जांच जरूर कर लेनी चाहिए. यदि उस पहचान पत्र में किसी गैस एजेंसी का नाम और संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं तो वह ठग हो सकता है.

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की तरफ से हर 2 साल में उपभोक्ताओं के रसोई गैस की जांच का प्रावधान रखा गया है, जिसके लिए उपभोक्ताओं से 150 रुपये लिए जाते हैं. यदि 2 साल पूरे होने से पहले ही किसी उपभोक्ता को रसोई गैस संबंधित दिक्कतें पेश आती हैं तो वह संबंधित सेल्स अधिकारी से संपर्क कर अपनी रसोई गैस की जांच करा सकता है.

देहरादून: राजधानी में कुछ ऐसे ठग सक्रिय हैं जो रसोई गैस की जांच के नाम पर ठगी कर सकते हैं. ऐसे लोग अपने आप को गैस एजेंसी का कर्मचारी बता कर घर में प्रवेश करते हैं. साथ ही रसोई गैस की जांच कर आपसे अच्छी खासी रकम वसूल लेते हैं, लेकिन हकीकत में ये लोग किसी भी ऑथोराइज्ड गैस एजेंसी के कर्मचारी नहीं होते हैं.

रसोई गैस की जांच के नाम पर ठग सकते हैं आप.

देहरादून एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष चमनलाल ने बताया कि शहर में रसोई गैस की जांच के नाम पर लोगों के घरों में प्रवेश करने वाले लोग पूरी तरह से अवैध हैं. यदि कोई ऐसा व्यक्ति किसी के घर आता है तो संबंधित परिवार के लोगों को उस व्यक्ति का पहचान पत्र की जांच जरूर कर लेनी चाहिए. यदि उस पहचान पत्र में किसी गैस एजेंसी का नाम और संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं तो वह ठग हो सकता है.

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की तरफ से हर 2 साल में उपभोक्ताओं के रसोई गैस की जांच का प्रावधान रखा गया है, जिसके लिए उपभोक्ताओं से 150 रुपये लिए जाते हैं. यदि 2 साल पूरे होने से पहले ही किसी उपभोक्ता को रसोई गैस संबंधित दिक्कतें पेश आती हैं तो वह संबंधित सेल्स अधिकारी से संपर्क कर अपनी रसोई गैस की जांच करा सकता है.

Intro:देहरादून- राजधानी के सभी लोग हो जाएं सावधान ! दरअसल बीते लंबे समय से शहर में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो आपके किचन में लगे रसोई गैस की जांच के नाम पर आपसे ठगी कर सकते हैं।

यहां अब बात कर रहे हैं कुछ ऐसे लोगो की जो खुद को किसी गैस एजेंसी का कर्मचारी बता कर आपके घर में लगे रसोई गैस की जांच कर आपसे अच्छी खासी रक़म वसूल लेते हैं । लेकिन हक्कीकत में ये लोग किसी भी ऑथोराइज़्ड गैस एजेंसी के कर्मचारी नही होते ।


Body:ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए देहरादून एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष चमनलाल ने बताया कि शहर में रसोई गैस की जांच के नाम पर लोगो के घरों में प्रवेश करने वाले सभी लोग पूरी तरह अवैध हैं। यदि कोई ऐसा व्यक्ति किसी के घर आता है तो संबंधित परिवार के लोगों को उस व्यक्ति के आईडेंटिटी कार्ड की जांच जरूर कर लेनी चाहिए। यदि उस आईडेंटिटी कार्ड में किसी गैस एजेंसी का नाम और ऑथराइज अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है तो समझ जाए आप एक बढ़ी ठगी का शिकार हो सकते हैं ।

बाइट- चमनलाल अध्यक्ष एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स वेलफेयर एसोसिएशन


Conclusion:बता दें कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की तरफ से हर 2 साल में उपभोक्ताओं के रसोई गैस की जांच का प्रावधान रखा गया है। जिसके लिए उपभोगताओं से 150 रुपए लिए जाते हैं। लेकिन यदि 2 साल पूरे होने से पहले ही किसी उपभोक्ता को रसोई गैस संबंधित दिक्कतें पेश आती हैं तो वह संबंधित सेल्स अधिकारी से संपर्क कर अपनी रसोई गैस की जांच करा सकते हैं।

Last Updated : May 26, 2019, 8:37 PM IST
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