देहरादून: पहले से ही मंंदी की मार से जूझ रहे जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) की कमर कोरोना और लॉकडाउन ने बुरी तरह तोड़ दी है. ऐसे में अब इस आर्थिक संकट से उभरने के लिए जीएमवीएन कुछ जरूरी कदम उठाने जा रहा है.
जीएमवीएन ने अपनी आर्थिकी को सुधारने के लिए पांच पेट्रोल पंप खोलने के लिए आवेदन किया है. इसके साथ ही जीएमवीएन खनन क्षेत्र में भी राजस्व बढ़ाने के लिए खनन की खाली रहने वाले लॉट साइट पर क्रशर लगाने की तैयारी कर रहा है.
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कोरोना और लॉकडाउन वजह से इस साल सीजन में कोई भी पर्यटक उत्तराखंड नहीं पहुंचा है. जिस वजह से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है, जिसका सीधा असर जीएमवीएन पर भी पड़ा है. क्योंकि, जीएमवीएन का मुख्य रूप से पर्यटन से जुड़े कारोबार है. यही कारण है कि अब जीएमवीएन अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है.
प्रशासन ने निगम के करीब 90 पर्यटक आवास गृहों में क्वारंटाइन सेंटर बनाया है. ऐसे में जीएमवीएन के पास आय का कोई साधन नहीं बचा है. यही कारण है कि अब जीएमवीएन अपनी आर्थिकी को सुधारने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है.
गढ़वाल मंडल विकास निगम की एमडी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि इस विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए जीएमवीएन ने अपने वित्तीय संसाधन को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसी के तहत पांच पेट्रोल पंप के लिए आवेदन भी किया गया है. जिसे जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. यही नहीं पेट्रोल पंप लगाने के लिए साइट यानी जगह भी चिन्हित ली गई है. इसके साथ ही खनन क्षेत्र में भी राजस्व को बढ़ाने के लिए खनन कर खाली रहने वाले लॉट क्षेत्रों में क्रशर लगाने की प्लानिंग की जा रही है.