मसूरी: देहरादून नगर निगम ने मसूरी के कूड़ को देहरादून के शीशमबाड़ा पर भेजने पर रोक लगा दी है, जिसके बाद मसूरी नगर पालिका प्रशासन के सामने कूडे के प्रबंधन और निस्तारण करने को लेकर परेशानियां खड़ी हो गई है. देहरादून नगर निगम आयुक्त मनुज गोयल ने 1 अगस्त से कूड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद टिहरी बाईपास रोड पर आईडीएच बिल्डिंग के पास कूड़े अंबार लग गया है. क्षेत्र में गंदगी और बदबू से लोगों का हाल बेहाल हो गया है.
स्थानीय लोगों की मानें तो आईडीएच बिल्डिंग के पास कूडे के ढेर से विभिन्न प्रकार की जहरीली गैस निकलने से भी वातावरण प्रदूषित हो रहा है. ऐसे में आईडीएच बिल्डिंग में रह रहे 40 से 50 परिवारों के स्वास्थ से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. ये सभी परिवार कूड़े के ढेर से उठने वाली बदबू से परेशान हैं. इसके साथ ही लंढौर क्षेत्र के लक्ष्मणपुरी और छावनी परिषद का क्षेत्र भी कूड़े से निकलने वाली गैसों और बदबू की चपेट में आ रहा है.
ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर समय रहते एकत्रित कूड़े का निस्तारण नहीं किया जाता तो बहुत इसके आसपास के लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर नगर पालिका के कर्मचारियों भी अनदेखी कर रहे हैं. कर्मचारियों के पास ना तो मास्क है और ना ही स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम.
पढ़ें- चमोली में आसमानी कहर: कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद, कई अभ्यर्थियों की परीक्षा छूटी, बदरीनाथ हाईवे खुला
उनके स्वास्थ्य का भी समय-समय पर परीक्षण नहीं कराया जा रहा है, जिससे कई कर्मचारी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. कई कर्मचारियों ने कैमरे पर तो आने से मना कर दिया. लेकिन, उनका यह कहना है कि उनका नगर पालिका प्रशासन द्वारा शोषण किया जा रहा है. उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. उनके स्वास्थ्य की नगर पालिका प्रशासन को कोई चिंता नहीं हैं.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़े के प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न मदों से पैसा दिया गया है. लेकिन कूड़े के निस्तारण को लेकर मसूरी पालिका प्रशासन ने कोई नीति नहीं बनाई. अधिशासी अधिकारी यूडी तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा शासन स्तर पर 6 महीने का समय मांगा गया है, जिससे कि कूड़ा निस्तारण के लिए जगह चिन्हित कर प्लांट लगाया जा सके. उन्होने कहा कि उम्मीद है कि षिासन स्तर से उनको 6 माह का समय दिया जायेगा.